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हेल्दी गट का मतलब है हेल्दी लाइफ, इन 4 योगासनों से करें अपनी गट हेल्थ को बूस्ट

देर तक बैठने और वर्कआउट की कमी डाइजेशन को स्लो बना देती है। ऐेसे में योगाभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और गट हेल्थ को भी फायदा मिलता है। जानते हैं गट हेल्थ बूस्ट करने वाले 4 योगासन
Published On: 2 Sep 2024, 08:00 am IST
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Ardh matsyendrasan ke fayde
शरीर की क्षमता के अनुसार इस पोज़िशन में रहने से गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है और बॉडी फंक्शनिंग इंप्रूव होने लगती हैं। चित्र शटरस्टॉक।

पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए अक्सर लोग डाइट में समय समय पर बदलाव करते रहते है। मगर शारीरिक गतिविधि की कमी के चलते गट हेल्थ (tips to boost gut health) प्रभावित होने लगती है। देर तक बैठने और वर्कआउट की कमी डाइजेशन को स्लो बना देती है, जिसके चलते थकान, पेट दर्द, वेटगेन और शुगर क्रेविंग्स समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐेसे में योगाभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और गट हेल्थ को भी फायदा मिलता है। जानते हैं गट हेल्थ बूस्ट करने वाले 4 योगासन (yoga for gut health) ।

गट हेल्थ का क्यों रखें ख्याल (Yoga for gut health)

इस बारे में योग एक्सपर्ट रिया व्यास ठाकुर बताती हैं कि हेल्दी मील्स, पूरी नींद लेने और शरीर एक्टिव रखने से गट हेल्थ को बूस्ट किया जा सकता है। इसके लिए दिन की शुरूआत योगाभ्यास से करें, जिससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। वे लोग जो इनडाइजेशन से परेशान रहते हैं, उन्हें नियमित रूप से योगाभ्यास करना चाहिए। इससे गट हेल्थ को बेहतर बनाने के अलावा वेटलॉस में मदद मिलती है।

Gut health kharab hone se kaise bachein
पेट के इंफेक्शन के अलावा थकान, सिरदर्द और नींद न आना गट हेल्थ खराब होने के सामान्य संकेत है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं गट हेल्थ को बूस्ट करने वाले योगासन (Yoga poses to boost gut health)

1. डीप बैली ब्रीदिंग (Deep belly breathing)

  • इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब सुखासन में बैठकर गहरी सांस लें और धीरे धीरे छोड़े।
  • दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें और स्पाइन को सीधा रखने का भी प्रयास करे। इस दौरान गर्दन को सीधा करें और कंधों को पीछे की ओर धकेलें।
  • योगाभ्यास के दौरान दाएं हाथ को पेट पर रखें और गहरी सांस लेकर पेट को फुलाएं। उसके बाद सांस रिलीज़ करते हुए पेट अंदर की ओर ले जाएं।
  • 10 से 15 बार सांस लेने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। दिन में दो बार इन योगासनों का अभ्यास करें।

2. मलासन (Garland pose)

  • इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और हिप्स को ज़मीन पर लगाने से बचें। इस दौरान दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें।
  • पैरों को बाहर की ओर रखें और दोनों हाथों को आपस में जोड़कर छाती के नज़दीक लेकर आएं। इस दौरान पीठ को एकदम सीधा रखें।
  • योगाभ्यास के दौरान एड़ियों को उपर उठाएं और अगर आप बिगनर हैं, तो शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए एड़ियों के नीचे तौलिया लगाकर रखे।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें और उसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
malasana ke fayde
इस योगासन का अभ्यास करने से डाइजेशन बूस्ट होता है और बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है। चित्र अडोबी स्टॉक

3. अर्धनौकासन (Half boat pose)

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और टांगों को सीधा कर लें। अब घुटनों को मोड़ लें और दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं।
  • अब टांगों को उपर की ओर उठाएं और दोनों पंजों को सीधा रखें। अब सांस को नियंत्रित करें और गहरी सांस लें व छोड़ें।
  • शरीर के बैलेंस को बनाए रखने के लिए बाजूओं को धीरे धीरे सामने की ओर रखें और उन्हें एकदम सीधा कर लें।
  • 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद टांगों का सीधा कर लें और शरीर को आराम दें।
Boat pose body ko kare detox
शरीर को डिटॉक्स रखने के लिए नौकासन को अपने रूटीन में शामिल करें। चित्र: शटरस्टॉक

4. अर्ध मत्‍स्‍येंद्रासन (Half lord of the fishes pose)

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और टांगों को सीधा कर लें। अब दाई टांग को मोड़ कर बाई टांग से होते हुए पैर को जमीन पर टिकाएं।
  • इसके बाद दाएं हाथ का पीछे की ओर लेकर जाएं और बाएं हाथ से घुटने को पकड़ लें। इसके बाद बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।
  • इससे स्पाइन में ट्विस्ट महसूस होने लगता है। इसके बाद बाएं घुटने को मोड़ते हुए दांए हिप के पास लेकर आएं
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इस पोज़िशन में रहने से गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है और बॉडी फंक्शनिंग इंप्रूव होने लगती हैं।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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