शहतूत विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, कैल्शियम का स्रोत है। जो इसे आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद बनाता है। साथ ही इसकी ठंडी तासीर, एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज इसे महिलाओं के लिए गर्म मौसम में अनिवार्य रूप ये खाया जाने वाला फल बनाती हैं।
पीरियड हर महिला के लिए हर उम्र में अलग-अलग होते हैं। कुछ लड़कियों को पीरियड की शुरूआत में बहुत ज्यादा दर्द होता है। जबकि कुछ को मां बनने के बाद होने वाली माहवारी काफी दर्द और कमजोरी देने वाली होती है। आपकी उम्र के हर दस साल पर भी माहवारी बदल जाती है। बढ़ती उम्र के साथ कुछ महिलाओं को पीरियड कम दिन होते हैं,मगर इस दौरान ऐंठन और दर्द बहुत ज्यादा होता है। तो अगर आप भी पीरियड की किसी न किसी समस्या से पीड़ित हैं, तो एक छोटा सा फल आपकी मदद कर सकता है। हम बात कर रहे हैं शहतूत की।
यह छोटा सा फल जिसे अंग्रेजी में मलबेरी (Mulberry) कहा जाता है, पौषक तत्वों का भंडार है। शहतूत का बॉटनिकल नेम मोरस (Morus) है, जिसे उसके रंग के आधार पर अलग-अलग नामों से संदर्भित किया जाता है। जैसे सफेद शहतूत को मोरस अल्बा और लाल शहतूत को मोरस रूब्रा कहा जाता है। इसी तरह काले शहतूत को मोरस निग्रा कहा जाता है। यह कैल्शियम, फाइबर, विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स का खजाना है। जो आपकी सेहत के लिए इसे और भी फायदेमंद बनाते हैं ।
प्रेगनेंसी के दौरान और प्रसव के बाद ज्यादातर महिलाएं खून की कमी का सामना करती हैं। उनके लिए शहतूत एक सर्वोत्तम फल है। शहतूत में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए जाना जाता है। अगर आपको हैवी पीरियड का सामना करना पड़ता है, तो भी आपको अपने गर्मियों के आहार में शहतूत जरूर शामिल करने चाहिए।
जब आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, तब आपको मेंटल हेल्थ इश्यू का सामना ज्यादा करना पड़ता है। खासतौर से आयरन एक ऐसा अत्यावश्यक पोषक तत्व है, जिसकी कमी से मूड स्विंग औरचिड़चिड़ेपन की समस्या ज्यादा होने लगती है। तापमान बढ़ने के साथ इसमें और भी अधिक वृद्धि हो सकती है। इन समस्याओं से बचाने में शहतूत आपकी मदद कर सकता है। शहतूत आयरन का स्रोत है और शरीर को ठंडक देने वाला है।
झाइयां, पिगमेंटेशन, झुर्रियां और मुरझायी हुई त्वचा, ये वे समस्याएं हैं जिनका सामना आपको बढ़ती उम्र के साथ करना पड़ सकता है। पर अगर आप शहतूत को अपनी नियमित डाइट में शामिल करती हैं,तो यह इन समस्याओं से आपको बचा सकता है। शहतूत विटामिन सी रिच फ्रूट है, जो त्वचा में कोलेजन की कमी नहीं होने देता। त्वचा की लोच बनी रहती है, जिससे वह डल और ड्राई नहीं होती। और आपके चेहरे पर बढ़ती उम्र के निशान नजर नहीं आते।
आपको हैवी पीरियड होते हैं या पीरियड के दौरान दर्द ज्यादा होता है, तो शहतूत एक जरूरी फल है। इसकी एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज शरीर में सूजन और दर्द से राहत देती हैं। पीरियड से पहले सेइसे आपको अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसमें मौजूद आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और विटामिन के हॉर्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करते हैं। जिससे पीरियड के दौरान दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग्स कंट्रोल किए जा सकते हैं।
मेनोपॉज एक अपरिहार्य बदलाव है। जिस तरह पीरियड आते हैं, उसी तरह एक दिन वे बंद भी हो जाता है। मगर पेरिमेनोपॉज से मेनोपॉज तक की यात्रा कुछ महिलाओं के लिए खासी कठिन होती है। इस दौरानउन्हें हॉट फ्लैश, थकान, कमजोरी, मूड स्विंग्स और लो लिबिडो का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आपको शहतूत का सेवन जरूर करना चाहिए। इसकी ठंडी तासीर कुदरती रूप से हॉट फ्लैश को कंट्रोल करती है और विटामिन के हड्डियों की कमजोरी से बचाता है।