scorecardresearch

गहरी सांस लेकर आप बढ़ा सकती हैं अपनी इम्‍युनिटी और फोकस, एक्‍सपर्ट बता रहे हैं कैसे

हम सभी सांस लेते हैं, पर जब आप अपनी सांस पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं, तो आपका शरीर बेहतर काम कर पाता है। फि‍र चाहें वह फि‍जिकल हेल्थ हो या मेंटल हेल्थ।
Updated On: 10 Dec 2020, 01:49 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
gehree saans lene aur chhodne se lung detoxify hote hain.
तेजी से सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

हेल्दीं डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही इम्युनिटी को बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। पर यह सिर्फ कार्डियो या स्ट्रेचेस ही नहीं हैं। शरीर को ठीक से काम करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercise) की भी जरूरत होती है।

समझिए अपने शरीर का सिस्‍टम

प्रकृति ने सेल्यूलर सिस्टम के एनर्जी लेवल बढ़ाने व लिम्फ सिस्टम को क्लीन करने की एक अद्भुत व्यवस्था हमारे भीतर प्रदान की हुई है और वह है डीप ब्रीदिंग (Deep breathing) यानि गहरी सांस लेना। इस अभ्यास से लिम्फ सिस्टम को क्लीन करके कोई भी व्यक्ति अपने भीतर नेचुरल इम्युनिटी को पैदा कर सकता है।

क्‍या करती है डीप ब्रीदिंग

योग गुरु गुलशन कुमार के मुताबिक डीप ब्रीदिंग प्राणायाम का एक हिस्सा है, जिसके तहत जो लोग कोरोना एंग्जायटी के कारण भयभीत होकर अपनी इम्युनिटी को कम कर चुके हैं, वे डीप ब्रीदिंग करके अपने भीतर अपने लिम्फ सिस्टम की सफाई करके नेचुरल इम्युनिटी को तैयार कर सकते हैं।

डीप ब्रीदिंग इम्‍युनिटी को नेचुरली बूस्‍ट करती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

उन्होंने कहा कि जब हमारा ह्रदय खून को पम्प करता है, तो उसमें दो चीजें पायी जाती हैं। एक आक्सीजन व दूसरा न्यूट्रिएंट्स यानि खाद्य तत्व जिसे खाकर हमारे सेल्स मजबूत रहते हैं। दूसरा आक्सीजन जिससे सेल्स जीवित रहते हैं। यह खून ऑक्सीजन व न्यूट्रिएंट्स को लेकर जाता है, जहां लिम्फ है। यहां आकर आक्सीजन व न्यूट्रिएंट्स डिफ्यूज्ड हो जाते हैं।

यह लिम्फ फ्लूइड हमारे सेल्स के चारों तरफ होता है। इस एन्वायरमेंट में आकर सेल्स न्यूट्रिएंट्स व आक्सीजन से सम्बन्ध बनाता है जो उसके लिए बनी है। सेल आक्सीजन भी लेता है व न्यूट्रिएंट्स भी लेता है। न्यूट्रिएंट्स से सेल स्ट्रोंग रहता है और आक्सीजन से सेल जीवित रहता है।

डीप ब्रीदिंग और इम्‍युनिटी का संबंध

इसे ऐसे समझा जा सकता है- जिस प्रकार पेट भरने के लिए हम भोजन करते है। फिर भोजन के अवशेष को अगली सुबह निकाल देते हैं। इसी प्रकार सेल आक्सीजन व न्यूट्रिएंट्स ग्रहण करता है और टाक्सिन को बाहर निकाल देता है। उसमें से कुछ टाक्सिन लिम्फ मे रूके रहते है, जिसका क्लीन होना सेल्यूलर सिस्टम की एनर्जी के लिए आवश्यक होता है।

इस तरह हम अपने इंटरनल सिस्‍टम को क्‍लीन करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

इस लिम्फ को जितना हम क्लीन रख सकेगे उतना ही हम अपनी प्राकृतिक इम्युनिटी को मजबूत करेंगे। जिससे हमारी सेल्यूलर एनर्जी बढ़ेगी। डीप ब्रीदिंग योग की ऐसी टेक्नीक है जो हमारे सेल्यूलर सिस्टम को मजबूती देता है।

Pollपोल
नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

इस तरह करें ब्रीदिंग एक्सररसाइज

कोरोनावायरस के समय में जब आपको फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने की जरूरत है, तब ब्रीदिंग एक्सनरसाइज इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। इसके लिए आपको गहरी सांस लेनी है।

आपको तब तक सांस लेनी है, जब तक आप ले सकते हैं। यानी जब आपको लगे कि आपके फेफड़े पूरी तरह श्वास से भर गए हैं और पेट भी लगभग भर गया है। अब चार से पांच सैकंड तक सांस को रोक कर रखें।

अब धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ें। यह सांस रोकने का दोहरी अवधि होगी। यह ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपका तनाव कम कर आपको बेहतर फोकस करने में भी मदद करेगी। नेचुरल इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए हर रोज इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज के 10 से 12 रिपीटशन करें।

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें
हंसना सबसे अच्‍छी ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज है। चित्र: शटरस्‍टॉक

चलते चलते 

हंसना सबसे अच्‍छी ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज है। इसे करने के अवसर निकालती रहें। तन और मन दोनों से स्‍वस्‍थ रहेंगी।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं।योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

अगला लेख