लंबे वक्त तक बैठने से पेट पर चर्बी जमा होने लगती है। इससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है। अक्सर लोग फैंसी डाइट को अपने रूटीन में शामिल करके वज़न को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। मगर उससे शरीर में पोषण की कमी का सामना करना पड़ता है। अगर आप नेचुरल तरीके से वेटलॉस करना चाहती हैं, तो स्किपिंग इसमें मददगार साबित हो सकती है। स्किपिंग एक सरल एक्सरसाइज़ है, जो आपके पेट के आस पास के अतिरिक्त इंच कम करने में मदद करती है। इसका अभ्यास करने से कैलोरी बर्न करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है। अगर आप भी स्किपिंग (skipping for weight loss) करने का मन बना चुकी हैं, तो जानते हैं इससे शरीर को मिलने वाले फायदे।
नियमित वर्कआउट के साथ स्किपिंग (skipping for weight loss) करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार आने लगता है और मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। साथ ही तनाव को भी कम किया जा सकता है। स्किपिंग की खासियत ये है कि इसे करने के लिए किसी ख़ास उपकरण या जिम की सदस्यता की आवश्यकता नहीं होती है।
पेट की चर्बी कम करने के लिए स्किपिंग कारगर साबित होती है। जर्नल न्यूट्रिएंट्स की रिपोर्ट के अनुसार इससे शरीर को ऊर्जा की प्राप्ति होती है और पेट के आस.पास मौजूद फैट्स को बर्न किया जा सकता है। स्किपिंग की ऊर्जावान प्रकृति उच्च कैलोरी व्यय में बहुत अधिक वृद्धि करती है। स्किपिंग से तेज़ी से फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है क्योंकि ये बहुत अधिक कैलोरी जलाती है। पेट की चर्बी कम करने के लिए एक उपयोगी गतिविधि है।
नियमित स्किपिंग करने से मेटाबोलिज्म को बढ़ावा मिलता है। इससे शरीर में जमा कैलोरी को बर्न किया जा सकता है। साथ ही वेटलॉस में मदद मिलती है और कैलोरी स्टोरेज को रोका जा सकता है। जर्नल एप्लाइड साइंसेज की रिपोर्ट के अनुसार मेटाबोलिज्म का मतलब है कि आपका शरीर ऊर्जा का बेहतर तरीके से उपयोग करता है और वसा के रूप में अतिरिक्त कैलोरी जमा होने की संभावना कम होती है। पेट की चर्बी कम करने के साथ.साथ निरंतर और धीरे.धीरे चर्बी घटाने के लिए स्किपिंग करना एक अच्छा विचार है।
स्किपिंग मसल्स ग्रुप को सक्रिय करती है। इससे कोर, पैर और शोल्डर के मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती हैं, जो टोंड बॉडी के लिए आवश्यक हैं। स्किपिंग करते समय कोर की मांसपेशियों का नियमित जुड़ाव पेट के मसल्स को मजबूत करता है। इससे अधिक कैलोरी बर्न होने लगती है। इसे फुल बॉडी वर्कआउट भी कहा जाता है। इससे शरीर की कार्यक्षमता में भी सुधार आने लगता है।
इस कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट से हृदय गति को बढ़ाने और रक्त संचार को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। रिसर्च जर्नल ऑफ़ फ़ार्मेसी एंड टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार पेट की चर्बी कम करने के लिए स्किपिंग बेहतरीन विकल्प है। इससे शरीर को एनर्जी प्रदान करने के लिए वसा जलाने में बेहतर तरीके से मदद मिलती है।
इससे बेहतर रक्त संचार में मदद मिलती है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता हैं। स्किपिंग करने से शरीर में मौजूद ऊर्जा की मदद से पेट पर जमा फैट्स बर्न होते हैं और ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ जाता है। ये बैलीफैट सहित कुल शरीर की चर्बी को कम करने के लिए आवश्यक है।
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