हार्ट अटैक यानी कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब हार्ट तक ब्लड और ऑक्सीजन भेजने वाली आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं। समय के साथ फैटी कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव होने लगते हैं, जिससे हृदय की धमनियों (artery) में प्लाक बन जाता है। यदि प्लाक फट जाए तो ब्लड क्लॉट बन सकता है। वहीं ये ब्लड क्लॉट आर्टरीज को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। हार्ट अटैक के दौरान, रक्त प्रवाह की कमी के कारण हृदय की मांसपेशियों के ऊतक नष्ट हो जाते हैं।
भारत में लगभग 28 प्रतिशत मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती है। वहीं परेशानी की बात यह है कि अब हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है, यह कम उम्र में ही लोगों को अपना शिकार बना रहा है। कॉरोनरी आर्टरी डिजीज अधिकांश मामलों में हार्ट अटैक का कारण बनती है। कॉरोनरी आर्टरी डिजीज में, हृदय की एक या एक से अधिक धमनियां ब्लॉक हो जाती है जाती हैं। यह आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव के कारण होता है जिसे प्लाक कहा जाता है। प्लाक धमनियों को संकीर्ण कर सकता है, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
वहीं यदि प्लाक टूटकर खुल जाता है, तो यह हृदय में रक्त का थक्का जमने का कारण बन सकता है। मीडियम और लार्ज हार्ट आर्टरी में तीव्र पूर्ण रुकावट आने का मतलब है आपको एसटी एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई) हुआ है।
पार्शियल ब्लॉकेज का मतलब अक्सर यह होता है कि आपको नॉन-एसटी एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एनएसटीईएमआई) हुआ है। हालांकि, नॉन-एसटी एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एनएसटीईएमआई) वाले कुछ लोगों में पूरी तरह से ब्लॉकेज हो चुका होता है।
यह ब्लड वेसल्स का गंभीर संकुचन है, जो ब्लॉक्ड नहीं है। धमनी में आम तौर पर कोलेस्ट्रॉल प्लाक होते हैं या धूम्रपान या अन्य जोखिम कारकों के कारण धमनी जल्दी सख्त हो जाती है। कॉरोनरी आर्टरी स्पाज्म का अन्य नाम प्रिंज़मेटल एनजाइना, वैसोस्पैस्टिक एनजाइना या वैरिएंट एनजाइना हैं।
कोविड-19 और अन्य वायरल संक्रमण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस स्थिति में भी हृदय स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
यह जीवन-घातक स्थिति हार्ट आर्टरीज के अंदर टियर होने के कारण उत्पन्न होती है।
हार्ट अटैक के लक्षण सभी में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में हल्के लक्षण होते हैं तो अन्य में गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं। कुछ लोगों में हार्ट अटैक के पहले कोई लक्षण नजर नहीं आते।
कुछ लोगों को अचानक से हार्ट अटैक आता है, लेकिन कई लोगों को चेतावनी के संकेत और लक्षण घंटों, दिनों या हफ्तों पहले ही दिखने लगते हैं। सीने में दर्द या दबाव (एनजाइना) होता रहता है और आराम करने पर भी दूर नहीं होता, एक प्रारंभिक चेतावनी संकेत हो सकता है। एनजाइना हृदय में रक्त के प्रवाह में अस्थायी कमी के कारण होता है।
महिलाओं में दिल के दौरे के सामान्य लक्षणों में से सभी, अनेक, कुछ या कोई भी लक्षण नहीं हो सकते हैं। हालांकि, कई महिलाओं में सीने में दर्द के बिना भी हार्ट अटैक के लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षण में शामिल है:
हार्ट अटैक का निदान अक्सर आपातकालीन स्थिति में किया जाता है। यदि आपको हार्ट अटैक हुआ है, तो डॉक्टर आपकी स्थिति का इलाज करने के लिए तत्काल कदम उठाते हैं। यदि आप प्रश्नों का उत्तर देने में सक्षम हैं, तो आपसे आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में पूछा जा सकता है।
दिल के दौरे के निदान में ब्लड प्रेशर, पल्स टेंपरेचर की जांच शामिल है। यह देखने के लिए कि हृदय कैसे धड़क रहा है और समग्र हृदय स्वास्थ्य की जांच करने के लिए परीक्षण किए जाते हैं।
दिल के दौरे का निदान करने के लिए किया गया यह पहला परीक्षण विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करता है, क्योंकि वे हृदय के माध्यम से यात्रा करते हैं। चिपचिपे पैच (इलेक्ट्रोड) छाती और कभी-कभी हाथ और पैरों पर लगे होते हैं। सिग्नल को मॉनिटर पर वेव डिस्प्ले के रूप में या कागज पर प्रिंट करके रिकॉर्ड किया जाता है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) बता सकता है कि आपको हार्ट अटैक हुआ है।
दिल के दौरे से दिल की क्षति के बाद कुछ हृदय प्रोटीन धीरे-धीरे रक्त में रिसने लगते हैं। इन प्रोटीनों (कार्डियक मार्कर) की जांच के लिए रक्त परीक्षण किया जा सकता है।
छाती का एक्स-रे हृदय और फेफड़ों की स्थिति और आकार को दर्शाता है।
साउंड वेव (अल्ट्रासाउंड) गतिशील हृदय की छवियां बनाती हैं। यह परीक्षण दिखा सकता है कि हृदय और हृदय वाल्वों के माध्यम से रक्त कैसे चलता है। एक इकोकार्डियोग्राम यह पहचानने में मदद कर सकता है कि आपके हृदय का कोई क्षेत्र क्षतिग्रस्त हुआ है या नहीं।
एक लंबी, पतली ट्यूब (कैथेटर) को आर्टरीज में डाला जाता है, आमतौर पर पैर में, और हृदय तक निर्देशित किया जाता है। परीक्षण के दौरान बनी छवियों पर धमनियों को अधिक स्पष्ट रूप से दिखाने में मदद करने के लिए डाई कैथेटर के माध्यम से फ्लो होती है।
ये परीक्षण हृदय और छाती की छवियां बनाते हैं। कार्डियक सीटी स्कैन एक्स-रे का उपयोग करते हैं। कार्डियक एमआरआई में आपके हृदय की छवियां बनाने के लिए मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स का उपयोग होता है। दोनों परीक्षणों के लिए, आप आमतौर पर एक मेज पर लेटते हैं जो एक लंबी ट्यूब जैसी मशीन के अंदर रखी होती है। प्रत्येक परीक्षण का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं के निदान के लिए किया जा सकता है। वे हृदय क्षति की गंभीरता दिखाने में मदद कर सकते हैं।
हार्ट अटैक की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को दवाइयां दी जाती हैं। दवाइयां में शामिल है:
एस्प्रिन : एस्प्रिन ब्लड क्लोटिंग को कम करता है, साथ ही साथ नैरो आर्टरी में भी ब्लड को मूव करने में मदद करता है। यदि आपको हृदय में कोई भी परेशानी है, तो एस्प्रिन को हमेशा अपने साथ रखें।
ब्लड थिनिंग मेडिसिन : हार्ट अटैक की स्थिति में ब्लड थिनिंग मेडिसिंस दी जाती है, जिससे कि खून ब्लड क्लॉट में न बदलें। इसे इंजेक्शन या ओरल मेडिसिंस द्वारा दिया जा सकता है।
नाइट्रोग्लिसरीन : यह दवाई ब्लड वेसल्स को फैलाने के लिए दी जाती है, ताकि हृदय को पर्याप्त मात्रा में ब्लड फ्लो मिल सके। इसके साथ ही यह हृदय में होने वाले दर्द से भी राहत प्रदान करती है। इसे जीभ के अंदर रखा जाता है, साथ ही साथ इसे इंजेक्शन के तहत भी दिया जा सकता है।
मॉर्फिन : यह दवाई हार्ट अटैक के दौरान होने वाले असहनीय चेस्ट पेन से राहत प्रदान करती है।
अन्य दवाएं : बीटा ब्लॉकर्स जो की हार्टबीट को स्लो करती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। साथ ही साथ ACE दी जाती है, जो ब्लड प्रेशर और दिल पर बना रहे तनाव को कम करती है। क्लॉट बस्टर ब्लड क्लॉट्स को बनने से रुकती है और ब्लड फ्लो को बनाए रखने में मदद करती है।
1 कॉरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी
यह ओपन हार्ट सर्जरी है। इसमें सर्जन शरीर के अन्य भाग से हेल्दी ब्लड वेसल्स को लेकर हृदय तक ब्लड पास होने के लिए नए रास्ते का निर्माण करते हैं। यह हार्ट अटैक और ब्लॉकेज की लास्ट स्टेज पर किया जाता है। साथ ही कई बार हार्ट अटैक में इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ जाती है। वहीं कई बार हार्ट अटैक के कुछ दिनों के बाद जब हार्ट रिकवर कर जाता है, तब इसे अंजाम दिया जाता है।
2 कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग
यह प्रक्रिया बंद हृदय धमनियों को खोलने के लिए की जाती है। इसे परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) भी कहा जा सकता है। यदि आपको दिल का दौरा पड़ा है, तो यह प्रक्रिया अक्सर रुकावटों (कार्डियक कैथीटेराइजेशन) का पता लगाने की प्रक्रिया के दौरान की जाती है।
कार्डियक पुनर्वास एक व्यक्तिगत व्यायाम और शिक्षा कार्यक्रम है जो हृदय सर्जरी के बाद हृदय स्वास्थ्य में सुधार के तरीके सिखाता है। यह व्यायाम, हृदय-स्वस्थ आहार, तनाव प्रबंधन और सामान्य गतिविधियों में धीरे-धीरे वापसी पर केंद्रित है। अधिकांश अस्पताल हृदय पुनर्वास की शुरुआत अस्पताल से ही करते हैं। यह कार्यक्रम आमतौर पर आपके घर लौटने के बाद कुछ हफ्तों या महीनों तक जारी रहता है।
सबसे पहले आपको इसके लक्षण को पहचान कर एंबुलेंस या किसी नजदीकी को संपर्क करना है। इसके अलावा एस्प्रिन की टेबलेट को अपने जीभ के नीचे रखें, लेट जाएं और पैरों के नीचे तकिया लगा लें। वहीं इस स्थिति में भूलकर भी खुद से ड्राइव न करें और कुछ भी खाने पीने से बचें।
बिना कोई काम किये थकान महसूस होना, हृदय में जकड़न और दर्द का अनुभव, साथ ही लंबी सांस लेने की लालसा। इतना ही नहीं बदन दर्द और बाएं हाथ में अधिक दर्द होना।
हार्ट अटैक कुछ मिनट से लेकर कई घंटे तक रह सकता है। कई लोगों को हार्ट अटैक इतना प्रभावित करता है, कि वे कुछ मिनट में ही अपनी जान गवा देते हैं। वहीं कई लोग हार्ट अटैक के बाद इलाज होने पर लंबे समय तक जीवित रहते हैं। इसके लक्षण नजर आने पर इसे घर पर ट्रीट करने की कोशिश न करें फौरन डॉक्टर से मिलें।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। वहीं हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ ही स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति में सामान्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। फैमिली हिस्ट्री होने पर भी बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।