वेटलॉस के लिए कार्डियो, एरोबिक्स और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ समेत कई प्रकार के वर्कआउट की मदद ली जाती है। उसी में से एक है वॉल सिट, जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। इससे शरीर की आइसोमेट्रिक स्ट्रेंथ और ताकत बढ़ने लगती है, जिससे लोअर बॉडी में जमा फैट्स को बर्न किया जा सकता है। इससे हैमस्ट्रिंग, क्वाड्स और ग्लूट्स के मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है। जानते हैं वॉल सिट (Wall sit exercise) क्या है और इससे शरीर को मिलने वाले फायदे।
इस एक्सरसाइज़ (Wall sit exercise) की मदद से घुटनों और पीठ की मज़बूती बढ़ने लगती है। प्लैंक और स्क्वैट्स की ही तरह वॉल सिट भी शरीर में जमा फैट्स को बर्न करने का कार्य करता है। इससे कोर मसल्स में बढ़ने वाले खिंचाव से राहत मिल जाती है और शरीर हेल्दी व एक्टिव बना रहता है। वॉल सिट एक्सरसाइज (Wall sit exercise) को नियमित रूप से करने से शरीर को फायदा मिलता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दीवार के साथ पीठ लगाकर कुर्सी के पोज़ में बैठकर की जाने वाली एक्सरसाइज़ (Wall sit exercise) शरीर की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाती है। इससे कोर मसल्स की मज़बूती में सुधार आने लगता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी हल किया जा सकता है। इस व्यायाम की खासियत ये है कि इसे करने के लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
वॉल सिट व्यायाम की मदद से ग्लूट्स और क्वाड्रिसेप्स को ताकत मिलती है। दीवार के सहारे लगकर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ में सारा वज़न पैरों पर बढ़ने लगता है। इससे शरीर में ताकत और स्थिरता बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर के निचले हिस्से में जमा फैट्स को बर्न किया जा सकता है।
वजन घटाने के लिए वॉल सिट की मदद से फायदा मिलता है। इससे कैलोरी को बर्न करके शरीर में एनर्जी के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे हृदय रोगों से राहत मिलती है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हल होने लगती है। इसकी मदद से शरीर का स्टेमिना बढ़ने लगता है।
इसका अभ्यास करने से टांगों में दर्द और ऐंठन कम होती है और कोर मसल्स को फायदा मिलता है। इसकी मदद से पेट की मांसपेशियां कसने लगती हैं। शरीर की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए।
नियमित रूप से वॉल सिट करके सहनशक्ति और शारीरिक प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं। वॉल सिट आपके निचले शरीर की ताकत के साथ.साथ पेट की ताकत को बढ़ाने में मदद करता है। इससे फ़ोकस बढ़ता है और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
दीवार से सटकर बैठने की इस मुद्रा में देर तक रहने से एकाग्रता और इच्छाशक्ति में सुधार आता है। इससे तनाव को कम किया जा सकता है और किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए ध्यान को केंद्रित करने में भी मदद मिलती है। साथ ही नींंद न आने की समस्या हल होने लगती है और शरीर में बढ़ने वाली थकान से भी बचा जा सकता है।
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