इन दिनों मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम यानी मानसिक बीमारी (Mental Health Problem) बड़े पैमाने पर लोगों को परेशान कर रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मेंटल स्ट्रेंथ की कमी हो सकती है। दूसरी ओर लोग कम समय में ही सब कुछ हासिल कर लेना चाहते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि व्यक्ति तनाव (Stress), चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) से प्रभावित हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मेंटल स्ट्रेंथ में कमी एक वैश्विक समस्या है, जिससे वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा किसी न किसी रूप में मेंटल स्ट्रेंथ की कमी से जूझ रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि समय रहते व्यक्ति इसके प्रति सचेत हो जाए, तो मेंटल स्ट्रेंथ को हासिल करना आसान हो (how to develop mental strength) सकता है।
लोकप्रिय वेलनेस एक्सपर्ट और नुट्रीशनिष्ट अंजलि मुखर्जी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं कि मेंटल स्ट्रेंथ के लिए जीवन में संतुलन और आंतरिक शांति सबसे अधिक आवश्यक है। इसके लिए सेल्फ अवेयर होना और मेंटल हेल्थ को मजबूत करने के लिए प्रयास करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए मेंटल एक्सरसाइज, ध्यान और प्रार्थना बेहद जरूरी है।
अंजलि मुखर्जी बताती हैं कि मेंटल स्ट्रेंथ के लिए यह समझना जरूरी है कि नियमित तौर पर एक्सरसाइज सबसे अधिक जरूरी है। ऐसे एक्सरसाइज जो ब्रेन को मजबूती दे सकें। साथ ही योग करना भी महत्वपूर्ण है। पद्मासन, हलासन, पश्चिमोत्तासन जैसे कई योग ब्रेन के लिए जरूरी है।
मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन के साथ-साथ मौन रहना (Silence) भी जरूरी है। प्रार्थना करना और मंत्रोच्चार भी बेहद जरूरी है। जब आपकी दिनचर्या में ये साड़ी चीज़ें शामिल हो जाएंगी, तो आपके लिए खुद को केंद्रित कर पाना आसान होगा। इससे आपका ध्यान किसी एक दिशा की ओर स्थिर हो पायेगा ।
आप आत्म निरीक्षण कर पाएंगी। आप स्वयं के साथ बातचीत कर पाएंगी। फिर आप यह जान पाएंगी कि आप किस स्थान पर गलत हैं और किस स्थान पर सही। आपके कौन से निर्णय आपके लिए सही रहे और कौन से गलत। वास्तव में मेडिटेशन सेल्फ करेक्शन है। यह खुद में सुधार लाता है। यह जागरुकता को बढ़ाता है । यह आपको और अधिक जिम्मेदार बनाता है । यह विषम परिस्थिति में भी खुद को शांत बनाये रखने में मदद करता है ।
स्ट्रेस (Stress) तभी होता है जब आप प्रतिक्रिया देती हैं। जब आप शांत होती हैं तो प्रतिक्रिया नहीं देती हैं और आपको तनाव भी नहीं हो पाता है। मेडिटेशन के अलावा, प्रार्थना और मंत्रोच्चार, इन सभी चीज़ों का आउटपुट समान ही आता है। जब आप जान जाती हैं कि किसी बात पर प्रतिक्रिया देना बेकार है, तो इसके बाद आपको अपने-आप से मदद मिलने लगती है। सभी समस्या की जड़ है हम वर्तमान में रहने की बजाय भविष्य में अधिक जीते हैं। आने वाले समय में क्या होगा और कैसे समस्याओं का निदान हो पायेगा, इन पर ही हम सोचते विचारते रहते हैं। इसके कारण हम तनावग्रस्त हो जाते हैं। हमें वर्तमान में जीना चाहिए।
वर्तमान में जीना जीवन और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए जरूरी है।शरीर के संतुलन को बढाने वाले एक्सरसाइज बहुत जरूरी हैं। प्रार्थना और मंत्रोच्चार से अपने-आप पर नियन्त्रण, संतुलन हो पाता है। इसके लिए नियमित अभ्यास, डेडिकेशन और डिवोशन भी जरूरी है। योग और ताई ची इसमें मदद कर सकते हैं।
योग से हम सभी वाकिफ हैं। ताई ची को अक्सर गति में ध्यान के रूप में बताया जाता है। यह मन-शरीर को संतुलित करता है। यह मेंटल हेल्थ को मजबूती देता है। यह चीन में मार्शल आर्ट के रूप में डेवलप हुआ, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज या रोकथाम में उपयोगी साबित हो रहा है।
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