नकारात्मकता की ओर आकर्षित होना, उदास रहना, अपने मन पसंदीदा कार्यों में रुचि खोना यह सभी डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको भी ऐसे कोई लक्षण नजर आ रहे हैं तो कहीं आप भी तो नहीं डिप्रेशन की शिकार? डिप्रेशन की समस्या एक मानसिक बीमारी है, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
हालांकि, डिप्रेशन के बढ़ते मामले हम सभी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। लोग अक्सर इसे तनाव समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। परंतु इसे समय रहते नियंत्रित करना बहुत जरूरी है, अन्यथा यह किसी गंभीर मानसिक बीमारी या आत्महत्या का कारण बन सकता है। यदि यह समस्या हद से ज्यादा बढ़ जाए तो आपकी निजी जीवन और कामकाज पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
वहीं कई लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्यायों में तरह तरह की दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देते हैं। आपको बता दें कि दवाइयां केवल कुछ समय तक ही काम करती हैं, इनका असर खत्म होते हीं यह समस्या आपको दोबारा से परेशान कर सकती हैं।
इसलिए हेल्थ शॉट्स ने इसपर एक्सपर्ट से बातचीत की। एक्सपर्ट ने इस समस्या से उबरने के कुछ स्थाई उपायों पर बातचीत की है। तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह इस समस्या को नियंत्रित रखा जा सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार 2015 में पूरे विश्व में 300 मिलियन लोगों को डिप्रेशन से ग्रसित पाया गया। वहीं देखा जाए तो विश्व की पूरी जनसंख्या मे से 4.3 प्रतिशत लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। नेशनल हेल्थ सर्वे 2015-16 के अनुसार भारत में 20 में से एक व्यक्ति मेंटल हेल्थ जैसे कि डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार है। इसके साथ ही यह समस्या 15 से लेकर 49 साल तक के व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
डिप्रेशन में व्यक्ति तनावपूर्ण और उदास रहने लगते हैं। साथ ही लोगों से दूर अकेले रहना पसंद करते हैं।
उन सभी चीजों में रुचि खो देना जो एक समय में आपके पसंदीदा हुआ करते थें।
सांस फूलने और हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस होना।
कम नींद आना या जरूरत से ज्यादा नींद आने की समस्या।
नकारात्मक ख्यालों से घिरे रहना। साथ ही सिर में दर्द और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित न रख पाना।
सामान्य डाइट का कम होना या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना।
घबराहट के कारण लूज मोशन और उल्टी आने जैसी समस्या हो सकती है।
किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न रख पाना।
वहीं लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने के कारण मुंह सुखना और चक्कर आना भी एक आम लक्षण है।
मांसपेशियों में तनाव, छाती में खिंचाव और अधिक थकान महसूस होना।
ईटराइट द न्यूट्रिशन क्लिनिक, अंधेरी वेस्ट, मुंबई में नूट्रिशनिस्ट मालविका अठावले का कहना है कि डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं आमतौर पर युवाओं में देखने को मिलती है। परंतु अब यह धीरे-धीरे कम उम्र के बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है।
इसे समय रहते नियंत्रित करना बहुत जरूरी है, अन्यथा बाद में यह कई अन्य मानसिक परेशानियों का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट कहती है कि जरूरी नहीं है कि हर बार डिप्रेशन एंग्जाइटी जैसी मानसिक समस्या को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों की जरूरत पड़े। यदि आप चाहें तो अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव लाकर भी इसे नियंत्रित रख सकती हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रसित है तो उनके लिए सबसे जरूरी है पर्याप्त नींद लेना। क्योंकि जब आप रात को जगती हैं, तो दिमाग में 100 तरह की बातें आती हैं। जो आपकी इस समस्यायों को अचानक से ट्रिगर करने का काम करती हैं। ऐसी स्थिति में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
मालविका अठावले कहती हैं कि, डिप्रेशन जैसी समस्या में कोई आपकी मदद कर सकता है तो सबसे पहले वह आप खुद स्वयं हैं। क्योंकि आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से कोई नहीं समझता। ऐसे में दिन का कम से कम 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। साथ ही अपनी हॉबी जैसे की पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंकई रिसर्च में यह पाया गया कि प्रकृति के बीच समय बिताने से इंसान का मूड बूस्ट होता है। वहीं सुबह या शाम किसी भी वक्त टहलने की आदत बनाएं, वहीं प्रकृति के बीच वॉक करने से डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। यह मेंटल डिसऑर्डर जैसे अन्य समस्याओं की संभावना को भी कम कर देता है। इसके अलावा खुद को जितना हो सके उतना सक्रिय रखने की कोशिश करें।
डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति अक्सर थकान, सुस्ती और आलस महसूस करते हैं। ऐसे में उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हैं। वहीं हो सकता है यह आपके दिमाग को शांत रखे और आपको कुछ देर के लिए ही सही खुशी दे। वहीं यह आपके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएगा और आपके मूड को भी अपलिफ्ट करेगा, ताकि आगे आप नकारात्मकता को दूर रखने के लिए ऐसी अन्य गतिविधियों में भाग ले सकें।
खुद को सक्रिय रखने के लिए एक्सरसाइज और योग जैसी गतिविधियों में भाग ले सकती हैं। इसके साथ ही अपने मनपसंदीदा खेलों में भाग लें। यह आपके ध्यान को नकारात्मक चीजों से हटाने में मदद करेगा। यदि शुरुआत में सीधे एक्सरसाइज करने में परेशानी आ रही है, तो वाकिंग जैसी आसान गतिविधियों से शुरुआत करें। खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने से ब्लड पंप रहता है और यह आपको अंदर से तरोताजा महसूस करने में मदद करता है।
डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से निपटने का एक सबसे अच्छा उपाय है मेडिटेशन का अभ्यास करना। यदि आप डिप्रेशन से ग्रसित नहीं भी हैं, तो भी मेडिटेशन का अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। मेडिटेशन आपके मन को शांति रहने और सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है।
1 नूट्रिशनिस्ट मालविका अठावले के अनुसार चिंता की स्थिति में खुद को शांत रखने के लिए आपको ठंडा पानी पाइन के साथ ही दिन में कम से कम 2 बार ग्रीन टी या हर्बल टी का सेवन करना चाहिए। यह आपके मन को शांत रखता है।
2 एक्सपर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में जायफल पाउडर मिलाकर पियें। यह डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से निपटने में आपकी मदद करेगा।
3 यदि आप डिप्रेशन से ग्रसित हैं, तो रात को डिनर में सलाह जरूर शामिल करें यह आपको फ्रेश रखेगा। साथ ही कैफीन युक्त किसी भी तरह की ड्रिंक्स से परहेज रखें, क्योंकि यह नींद न आने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
4. यदि आप डिप्रेशन की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसे में सबसे पहले शराब से दूरी बनाना जरूरी है। ज्यादातर लोग एंग्जाइटी और डिप्रेशन में अपनी भावनाओं को छिपाने के लिए शराब का सेवन करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, यह आपकी समस्या को कम करने की जगह इसे कई गुना तेजी से बढ़ाता है।
5. डिप्रेशन की हालत में कई लोग अपने नियम में डाइट को नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं ऐसे में अचानक से वजन गिरने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं वहीं कुछ लोग ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करना शुरू कर देते हैं जो उनके वजन को बढ़ा सकता है। डिप्रेशन आपके भूख को प्रभावित करता है।
ऐसे में अपने शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए एक उचित डाइट प्लान फॉलो करना जरूरी है। अपनी डाइट प्लान में वह सभी हेल्दी खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो डिप्रेशन से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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