फ्राइडे नाईट देर तक काम करने या अगले दिन वीक एंड शुरू होने के कारण कुछ लोग देर रात तक मूवी या टीवी शो देखते रहते हैं। नतीजा लेट नाइट स्लीप के रूप में सामने आता है। हमें सीधे तौर पर तो पता नहीं चलता है, लेकिन इससे कई स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं।
आमतौर पर देर रात तक काम करने वाले लोगों को एक बड़ी ग़लतफ़हमी रहती है। वह यह कि रात में नींद की कमी को दिन में सोने से संतुलित किया जा सकता है। रात में दिमाग और शरीर दिन के दौरान होने वाले तनाव और नुकसान को ठीक करता है। रात की नींद दिन में पूरी करने पर शरीर ठीक ढंग से रिपेयर नहीं कर पाता है। दिन की नींद कई स्वास्थ्य समस्याओं को आमंत्रित करती है। आराम महसूस करने की बजाय, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, क्रोध, तनाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। देर तक सोने से पूरी दिनचर्या गड़बड़ा जाती है। देर रात सोने से कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
देर रात सोने और दिन में देर तक सोने से आंखों के आसपास काले घेरे हो सकते हैं। यह आंखों पर स्ट्रेस पड़ने के कारण हो सकता है। दिन की तुलना में रात में कंप्यूटर सिस्टम के सामने बैठने यालगातार इलेक्ट्रॉनिक गैज़ेट को देखते रहने पर आंखों पर अधिक तनाव पड़ता है। देर तक सोने से डार्क सर्कल के अलावा बाल और त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
देर रात की नींद का मस्तिष्क पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण ब्रेन की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है। यदि आप अपने मस्तिष्क की नियमित कार्यप्रणाली में व्यवधान उत्पन्न करती हैं,तो आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके कारण उनींदापन और सिर दर्द हो सकता है। नर्व बैक बोन में भी होते हैं। इसके कारण होने वाली आम समस्या पीठ दर्द है। ये सभी समस्याएं रात में देर से सोने के कारण होता है।
शरीर का एक निश्चित स्लीप साइकिल होती है। इसके अनुसार रात में स्वाभाविक रूप से नींद आती है। सोने के समय में बदलाव अनिद्रा का कारण बनता है। यदि आप आमतौर पर आधी रात के बाद सोने जातीहैं, तो आपको सोने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। बिस्तर पर जाने के बाद सोने में कई मिनट और कभी-कभी घंटों भी लग सकते हैं। इसके कारण नींद पूरी नहीं हो सकती है।
यदि आप आधी रात के बाद बिस्तर पर जाती हैं, तो दिन में आपका मूड खराब हो सकता है। मूड खराम होने पर एंग्जायटी स्वाभाविक है। जब आप देर से उठती हैं, तो आप दिन भर की अलग-अलग जिम्मेदारियोंऔर कामों के बारे में चिंता करने लगती हैं। इन कामों को केवल दिन के समय पूरा करना होता है। यदि आप उन्हें समय पर पूरा नहीं कर पाती हैं, तो काम का बोझ बढ़ जाता है।
देर तक सोने से मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है। जब आप देर से उठती हैं, तो आपको हर समय भूख लगती है। लेकिन ब्रेकफास्ट लेने का समय नहीं मिलता है। आमतौर पर देखा जाता है कि देर रात सोने वाले लोगों का जंक फूड के प्रति क्रेविंग होती है। इसके कारण वे दिन में कई बार भोजन ले लेती हैं। अंत में य ह मोटापे को कारण बन जाता है।