खुश रहना कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। आपने अपने आसपास ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा, जो सामान्यत: खुश रहते हैं। जबकि कुछ ऐसे भी होंगे, जो भीतर से बहुत दुखी होते हैं और अपनी बात भी किसी से शेयरय करना पसंद नहीं करते। ऐसे लोग बस अन्दर ही अन्दर घुटते रहते हैं और आखिर में उसका परिणाम ये होता है कि वो मानसिक तौर पर किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
इसलिए जरूरी है कि आप खुश रहने की कला सीख लें। किसी के साथ हैं या अकेले हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपका खुश रहना आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
अक्सर ऐसा होता है कि आप अपने आपको अपने दोस्त, सहकर्मी या फैमिली के अन्य लोगों से कंपेयर करने लग जाती हैं और खुद को उनसे कमतर महसूस करने लगती हैं। यह यकीनन आपको दुखी कर सकता है। हर इन्सान अपने आप में बेहतर होता है। हर व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण है, जरूरी है अपनी खासियत को समझना और उस पर गर्व महसूस करना।
सोशल मीडिया एक अच्छा प्लेटफोर्म है और उससे हमें काफी कुछ सीखने को भी मिलता है। पर यह भी सच है कि ये ऐसे लोगों का भी जरिया है जो फेक हैं और अपना शो-ऑफ अधिक करते हैं। तो ऐसे लोगों से बचने के लिए इसका प्रयोग थोड़ा कम करें। जिससे आप तनावग्रस्त होने से बचेंगी और खुद में अच्छा महसूस करेंगी।
मोबाइल हम सबकी ज़रूरत है, लेकिन इसका प्रयोग एक लिमिट तक ही करना चाहिए। अन्यथा ये हमारे लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। हम एक मिनट भी अपने मोबाइल से दूर नहीं रह सकते हैं। आपको पता भी नहीं चल पाता कि आप इसकी लत की शिकार हो जाती हैं।
जरूरत से ज्यादा मोबाइल और अन्य गैजेट्स का प्रयोग सिर्फ आपकी आंखों ही नहीं, बल्कि आपकी मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है। और इस बात से तो आप भी इनकार नहीं करेंगी कि ये आपके दिन और रात के समय का एक बड़ा हिस्सा खा जाता है।
सिर्फ नौकरी और घर के काम ही नहीं, उन चीजों के लिए भी समय निकालें जो इसके अलावा हैं। यानी अपने शौक के लिए, फिर चाहें वह गीत गाना हो, नाचना, बागवानी या फिर कोई पसंदीदा खेल। अपने शौक को समय देना आपको भावनात्मक संतुष्टि का अहसास करवाता है और ये एक बेहतरी स्ट्रेस बस्टर भी है।
ये आपके लिए एक अच्छा प्रयोग सिद्ध हो सकता है। अपने लिए कोई एक दिन चुनें और उस दिन खुद को डेट करें। अपनी पसंद की ड्रेस पहनें, अपनी पसंद का खाना खांए और वह सब करें, जो आपको अपने लिए करना पसंद है। सबसे जरूरी बात, इसके लिए किसी मुहूर्त का इंतजार न करें। जब भी आप चाहें, अपने दिन को अपने लिए सेलिब्रेट कर सकती हैं।
यह आपकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। योग जहां आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, वहीं ध्यान और प्राणायाम आपको मानसिक तनाव से राहत देता है। प्राणायाम एक श्वसन क्रिया है, जो आपके शरीर के सभी अंगों तक उचित मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करती है। वहीं ध्यान आपको तनावमुक्त कर किसी भी तरह के अवसाद या मानसिक विकार से बचाता है।
किसी के लिए कुछ करने या कुछ देने की भावना भी आपको भावनात्मक संतुष्टि देती है। जरूरी नहीं कि यह कोई बहुत बड़ा काम करने के बाद ही हासिल की जाए। इस खुशी को आप अपनी दिनचर्या में भी जुटा सकती हैं। दूसरों की मदद करें, माफ करना सीखें और गलतियों को सकारात्मक तरीके से सुधारना सीखें। ये छोटे-छोटे नुस्खे आपको दिन के अंत में परिपूर्णता और खुशी का अहसास देंगे।
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