व्यक्ति जिस तरह के वातावरण और स्थिति में रहता है लाइफ सेटिस्फैक्शन उसी पर निर्भर करती है। इन दिनों स्टूडेंट परीक्षा और करियर बनाने को लेकर काफी तनाव में रहते हैं। उन्हें हर समय करियर बनाने की चिंता रहती है। अकादमिक माहौल ऐसा बन गया है कि विद्यार्थी साल भर किसी न किसी परीक्षा के कारण तनाव में रहते हैं। पहले बोर्ड एग्जाम, फिर उसके बाद तमाम तरह की प्रवेश परीक्षाओं का तनाव। जिससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है। पर अगर वे थोड़ा समय शीरीरिक व्यायाम के लिए निकालें (exercise importance for student) तो इस तनाव से बेहतर तरीके से डील किया जा सकता है।
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के निदेशक (स्कूल ऑफ़ एलाइड हेल्थ) डॉ. संजीव गुप्ता (Physiotherapist & Musculoskeletal Rehabilitation Specialist) बताते हैं,’ स्कूल की भारी ज़िम्मेदारियों और पढ़ाई के कारण शारीरिक गतिविधियों की कमी हो जाती है।
पढ़ाई के बोझ के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अधिक उपस्थिति, वर्चुअल वर्ल्ड से अधिक जुड़ा महसूस करने से भी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों प्रभावित हो जाती है। स्टूडेंट न सिर्फ समाज से कट जाते हैं, बल्कि व्यायाम की भी उपेक्षा करने लग जाते हैं।‘
डॉ. संजीव गुप्ता बताते हैं, ‘स्टूडेंट के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना केवल शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए ही नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधि केवल एपीयरेंस के लिए ही नहीं है, बल्कि यह मेंटल एक्विटी बनाए रखने में भी मदद करती है। यह तनाव कम करती है और रोजमर्रा की भागदौड़ से आवश्यक आराम भी दिलाती है।
विद्यार्थियों को एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी को अपने व्यस्त एजेंडे में शामिल करना चाहिए। इससे जीवन शक्ति और एकाग्रता का संचार होगा। वे जीवंत महसूस करेंगे। यह सफलता पाने का भी जरिया बन सकता है। जिस तरह बगीचे की देखभाल करने से फलते-फूलते पौधे पैदा होते हैं। उसी तरह शारीरिक गतिविधि के साथ खुद की देखभाल करने से हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बढ़ता है।‘
अपने व्यस्त कार्यक्रम को संतुलित बनाएं। यह कोई विलासिता नहीं होगी, बल्कि जरूरी है। आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देना स्वार्थी होना नहीं है। इससे हमारा मन शांत होता है और सफलता नहीं मिलने पर मन विचलित नहीं होता है। शरीर और मन को शांत करने वाले व्यायाम को अपने दैनिक कार्यक्रम में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए।
एक्सरसाइज मध्यम तीव्रता वाला हो सकता है, जैसे- वॉकिंग, लंबी पैदल यात्रा या बाइक चलाना। यह अधिक ज़ोरदार एक्टिविटी वाला भी हो सकता है। जैसे दौड़ना, तेज़ गति से स्वीमिंग, एरोबिक्स या रस्सी कूदना आदि। कोई भी गतिविधि जो आपकी हृदय गति को बढ़ाती है, तेजी से सांस लेने में मदद करती है।
यह आपको गर्माहट का एहसास कराती है। स्टूडेंट हर दिन लगभग एक घंटे के लिए घर पर भी शारीरिक गतिविधि निर्धारित कर सकते हैं। वर्कआउट में बैडमिंटन, फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम भी शामिल हो सकते हैं। खेल हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत (exercise importance for student) बनाएंगे। साथ ही समन्वय और एकाग्रता में सुधार करने में भी मदद करेंगे।
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