एंग्जाइटी रिलैप्स भी है सच्चाई, जानिए क्या हो सकते हैं इसके संभावित कारण और समाधान

मेंटल हेल्थ को कोई भी नुकसान होने पर इसका असर हमारें रोजमर्रा की जिंदगी में नजर आने लगता है। आइए जानते हैं ऐसी ही समस्या एंग्जाइटी रिलैप्स के बारे में।
Anxiety relapse symptoms
आइए जानते हैं ऐसी ही समस्या एंग्जाइटी रिलैप्स के बारे में।। चित्र अडोबी स्टॉक
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दुनिया में ऐसा शायद ही कोई इंसान हो, जिसकी जिंदगी में कोई प्रॉब्लम नही हो। क्योंकि परेशानियां जिंदगी का एक हिस्सा है। कई लोग अपनी समस्याओं से इतना ज्यादा डर जाते हैं, कि उसका असर उनकी डेली लाइफ में साफ नजर आने लगता है। हमेशा तनाव में रहना, चिड़चिड़ा होना या बात-बात पर गुस्सा आना उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगते हैं। ऐसी समस्या को एंग्जाइटी डिसऑर्डर भी कहा जाता है। अधिकतर मामलों में कुछ मेडिकेशन और प्रेक्टिकल प्रैक्टिस के जरिए इसे कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन कई बार जब यह समस्या हमारी लाइफस्टाइल को फिर से प्रभावित करने लगे। तो इसे एंग्जाइटी रिलैप्स (Anxiety relapse symptoms) कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य उसके कंट्रोल में नही रहता है।

इस विषय पर जानने के लिए हमने बात कि मनस्थली से वरिष्ठ मनोचिकित्सक और संस्थापक डॉ ज्योति कपूर से, जिन्होंने इस बारें में विशेष जानकारी दी।

जानिए क्या है एंग्जाइटी रिलैप्स?

एंग्जाइटी डिसऑर्डर रिलैप्स ज्यादातर एंग्जाइटी डिसऑर्डर और पैनिक अटैक का इलाज करते समय होता है। यह समस्या रिकवरी के दौरान या कई सालों बाद भी हो सकती है। इस डिसऑर्डर के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। लेकिन यह एक नेचुरल प्रोसेस माना जा सकता है, क्योंकि हम सिर्फ किसी एक कारण को वजह नही मान सकते हैं।

क्या हो सकते हैं एंग्जाइटी के दोबारा लौटने के संभावित कारण?

1.आप ओवरबर्डन हैं

अगर आप लम्बे समय से खुद पर भार डाल रही हैं, तो इसका सीधा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. यह एंग्जाइटी रिलैप्स का कारण भी बन सकता है. इसलिए अपने वर्क शेड्यूल को पहले से बैलेंस करके रखें.

2. पूरी नींद नहीं ले रहीं हैं

अगर आप अपनी नींद के साथ लापरवाही कर रही हैं। तो यह आपकी फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। अधूरी नींद एंग्जाइटी के लक्षण बढ़ने का मुख्य कारण होती है।

3. आपने कारण को ठीक से समझा नहीं

आपको इसके लक्षणों पर शुरूआत से ही ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर आप इसके लक्षणों को नजरअंदाज करेंगी। तो इसका यह फिर से मानसिक स्थिति को प्रभावित करने लगेगा।

4. आप अपनी बाउंड्री सेट नहीं कर पातीं हैं

अपने काम और पर्सनल लाइफ के बीच बैलेंस न करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। इससे आपका तनाव ही बढ़ेगा और आपको गुस्सा, चिड़चिड़ापन महसूस होने लगेगा।

हम इसके लक्षणों का कैसे पता लगा सकते हैं? ( (Anxiety relapse symptoms)

sleeping pattern
ऐसे लोगों का अपने स्लीप पैटर्न पर बिल्कुल भी कंट्रोल नही रहता।। चित्र; एडोब स्टॉक

सोने की आदतों में बदलाव

अगर आपके स्लीप पैटर्न में लम्बे समय से बदलाव आ रहा है, तो इससे ग्रस्त हो सकते हैं। इस समस्या में आपको या तो बहुत ज्यादा या बहुत कम नींद ही आएगी। ऐसे लोगों का अपने स्लीप पैटर्न पर बिल्कुल भी कंट्रोल नही रहता।

ईटिंग हेब्बीट्स में बदलाव

मनोचिकित्सक ज्योति के अनुसार एंग्जाइटी डिसऑर्डर रिलैप्स से ग्रस्त व्यक्तियों की ईटिंग हेब्बीट्स में तेजी से बदलाव आने लगता है। इन्हें खाने में समस्या होने के साथ भूख न लगना या अचानक भूख का बढ़ जाना जैसी समस्याएं हो सकती है।

ट्रीटमेंट प्लेन से बचना

जो लोग एंग्जाइटी डिसऑर्डर रिलैप्स से ग्रस्त होते हैं, उनमें खासकर ट्रीटमेंट प्लेन से बचना जैसी आदतें देखी जाती है।

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मूड में बदलाव

एंग्जाइटी रिलैप्स की समस्या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी होती है, इसलिए व्यक्ति के मूड में बदलाव देखने को मिलता है। इससे व्यक्ति को तनाव, गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने जैसी समस्याएं होती हैं।

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इस डिसऑर्डर से कैसे उबर सकते हैं या बच सकते हैं?

पर्याप्त आराम लें

अक्सर जो लोग ओवरटाइम या काम से ब्रेक लेने की आदत बना लेते हैं। उनमें एंग्जाइटी रिलैप्स के लक्षण आने लगते हैं। अगर व्यक्ति इस समस्या से ग्रस्त है तो उसे पर्याप्त आराम करना चाहिए। जिससे उसकी मेंटल हेल्थ को भी आराम मिले।

अपनी सीमाएं निर्धारित करें

आपको अपने टाइम और कमिटमेंट के बीच बैलेंस बनाकर अपने सीमा निर्धारित करनी होगी। इससे आपको इस समस्या से बाहर आने में मदद मिल पाएगी।

अपनी भावनाओं और जरूरतों को व्यक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। चित्र-शटरस्टॉक।

अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करें

डॉ ज्योति कपूर के मुताबिक इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को अपनी भावनाओं और जरूरतों को व्यक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। अन्यथा खुलकर बात न करने के कारण परेशानी हो सकती है।

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