शरीर में मौजूद सात चक्र ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत हैं, जो सिर से शुरू होते हुए पूरे शरीर में मौजूद हैं। सभी चक्र शरीर में ऊर्जा का प्रसार करते हैं। आमतौर पर दिनों दिन बढ़ने वाला तनाव, चिंता और इमोशनल इंबैंलेंस व्यक्ति की शारीरिक और मेंटल हेल्थ दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में शरीर में मौजूद क्राउन चक्र यानि सहस्रार चक्र के एक्टिव होने से व्यक्ति को सुकून और शांति की प्राप्ति होती है। जानते हैं सहस्रार चक्र किसे कहते हैं और इसे एक्टीविट करने की टिप्स भी (tips to stimulate crown chakra)।
इस बारे में बातचीत करते हुए योगाचार्या सौम्या चावला बताती हैं कि क्राउन चक्र यानि सहस्रार चक्र पर एक हजार कमल की पखंड़ियां मौजूद होती है। इस चक्र को स्टीम्यूलेट करने के बाद जीवन में आनंद की प्राप्ति होने लगती है। हांलाकि लाखों करोड़ों लोग इस चक्र को एक्टीविट करने का प्रयास करते हैं। मगर कुछ गिने चुने लोग ही वहां तक पहुंच पाते हैं। इससे शरीर में हार्मोन बैलेंस निर्धारित होता हैं। इसे करने के लिए समय की कोई सीमा नहीं है।
इस चक्र की डिएक्टीविट होने के चलते महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है। वे महिलाएं, जो काम को टालती है या आलस्य से घिरी रहती हैं, उनमें हार्मोन इंबैंलेंस पाया जाता है। सहस्रार चक्र उच्च चोटी का चक्र कहलाता है। इसका रंग वायलेट और सफेद होता है। इसे एक्टीवेट करने के लिए ओम के मंत्र का जाप किया जाता है। इससे डिवाइन पावर शरीर में प्रवेश करने लगती है।
विज़डम ट्री योगा एंड हीलिंग आर्टस के अनुसार क्राउन चक्र मुख्य रूप से पिट्यूटरी ग्लेंड और हाइपोथेलेमस से जुड़ा हुआ होता है। पिट्यूटरी ग्रंथि मटर के दाने के समान नज़र आता है, जो हार्मोन का सिक्रीशन करता है। इससे मेटाबॉलिज्म, ब्लड प्रेशर, रिप्रोडक्शन और यौन परिपक्वता को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हाइपोथैलेमस पिट्यूटरी ग्लैंण्ड के साथ मिलकर काम करता है। दरअसल, क्राउन चक्र हाइयर ब्रेन यानि सेरेब्रल कॉर्टेक्स के साथ क्लोज़ली जुड़ा हुआ है। सेरेब्रल कॉर्टेक्स मांइड की आउटरमोस्ट लेयर है। ये किसी व्यक्ति के ध्यान, जागरूकता, विचार, मेमोरी और कॉशियसनेस से जुड़ा हुआ है।
नियमित रूप से स्पीरिचुअल प्रैक्टिस करने से तन और मन दोनों को सुकून की प्राप्ति होती है। इसके लिए किसी एकांत जगह की तलाश करें और उस जगह को व्यवस्थित करके रखें, ताकि मन आसानी से एकाग्रचित्त हो पाए। इस खाली वक्त में शांत हो जाएं और आंखे बंद करके बैठें।
क्राउन चक्र को रिएनर्जाइज़ करने के लिए प्राणायाम करें। इसके लिए कुछ देर नाड़ी शोधन कर मन को शांत करने का प्रयास करें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। 5 से 10 मिनट तक इसी मुद्रा में बैठें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए नाक के ज़रिए सांस लें, पहले बाईं ओर से लें और दाईं ओर से सांस करें। फिर दाईं ओर से लें और बाईं ओर से रिलीज करें।
ओम की ध्वनि न केवल क्राउन चक्र की वाइब्रेशन को मैच करती है बल्कि इससे शरीर में एनर्जी का स्तर भी बढ़ने लगता है। इसके नियमित अभ्यास से नकारात्मकता को दूर करके एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है। ओम का उच्चारण करने से सभी चक्रो एक्टीविट करने में मदद मिलती है।
क्राउन चक्र को जगाने के लिए शीर्षासन, सासंगासन, मत्स्यासन और अधो मुख श्वानासन का प्रयास करें। सिर के बल किए जाने वाले इन योगासनों को करने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे क्राउन चक्र को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिल जाती है।
दिन की शुरूआत ग्रेटफुलनेस से करें यानि मन ही मन शांति से बैठकर दूसरों का आभाव व्यक्त करें। इससे मन में दूसरों के प्रति उठने वाले विचारों से बचा जा सकता है और मानसिक स्वस्थ्य स्वास्थ्य को हेल्दी बनाने में मदद मिलती है। मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए सुबह उठकर इसकी प्रैक्टिस अवश्य करें।
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