योगा के आसान शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते है। इसमें से कुछ आसन बहुत आसान होते है जिसे हम भी आसानी से कर लेते है। लेकिन कुछ आसन ऐसे होते है तो थोड़े से चुनौतीपूर्ण होते है। क्योंकि इनमें शरीर को कुछ ऐसे घुमाना होता है जो शायद हर कोई न कर पाए। इसी में से एक आसन है चक्रासन इसमें आपको अपने शरीर को पीछे की ओर मोड़ना होता है। ये सबको आसान नहीं सगता है लेकिन इसके कई फायदे है। आप इस आसन को काफी आराम से कर सकते है।
चक्रासन (व्हील पोज़) अष्टांग योग शैली का एक पीछे झुकने वाला योग आसन है जो योग करने वालों के शरीर, मन और आत्मा को अद्भुत रूप से आराम देता है। चक्रासन में आप अपने शरीर को पीछे गोल आकार में पहिए की तरह घूमाते है जो ताकत, लचीलापन, सहनशक्ति दिखाता है तो, चलिए जानते है इसके और कुछ फायदों के बारे में।
चक्रासन फेफड़ों को फैलाने में मदद कर सकता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, डायाफ्राम की गति बढ़ती है, और ऑक्सीजन का सही मात्रा में आ पाता है। यह श्वसन प्रणाली को स्वस्थ और फेफड़ों को आरामदायक बनाकर कोशिकाओं और अंगों को पुनर्जीवित कर सकता है।
रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में यह लाभकारी है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में लचीलापन बहुत महत्वपूर्ण है। पीठ की तंग मांसपेशियां पूरे शरीर में दर्द, जकड़न, और तनाव जैसी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। चक्रासन पीठ और रीढ़ को फैलाकर लचीलापन को बढ़ाता है।
मजबूत कलाइयां किसी भी काम और व्यायाम के दौरान हाथ की गतिविधियों को सहायता देती हैं। चक्रासन कलाई में ताकत और पकड़ बढ़ाता है, मजबूत कलाइयां आपको अधिक स्थिरता बनाने में मदद करती है।
कूल्हे और हैमस्ट्रिंग अक्सर को ध्यान नहीं देता है। ये निचले शरीर की गतिशीलता और स्थिरता के लिए आपकी मांसपेशियों की मदद करते है। घुटने और पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं को रोकने के लिए स्वस्थ कूल्हे और हैमस्ट्रिंग महत्वपूर्ण हैं। चक्रासन इन दो क्षेत्रों को मजबूत रखने का काम करता है।
पीठ के बल लेट जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग और कूल्हों के करीब लाएं।
अपनी हथेलियों को पलटें और उन्हें कंधों के करीब रखें, उंगलियां कंधों की ओर रहें। सुनिश्चित करें कि हथेलियों की एड़ियां फर्श पर हों, हथेलियां कंधे की चौड़ाई से अलग हों, और कोहनी कंधों के ऊपर लंबवत हो और किनारों की ओर खुली न हो।
सांस लें और अपनी हथेलियों को फर्श पर मजबूती से दबाएं, सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर घुमाएं, और कूल्हे को उठाएं, और जमीन से ऊपर उठें।
फिर पैरों की ताकत का इस्तेमाल करते हुए जांघ की मांसपेशियों को कसते हुए पैरों को जमीन में दबाएं।
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