कभी कभी कोई ख़ास या बहुत पसंदीदा सामान खो जाता है। इसकी वजह से भी हम दुखी हो जाते हैं। हम दिन-रात यह सोचने लगते हैं कि वह सामान कैसे खो गया। यदि ऐसा किया होता, तो वह सामान नहीं खो पाता। हम इसी उधेड़बुन में रहने लगते हैं। इस वजह से भी हमें तनाव रहने लगता है। इस तनाव को जल्दी हटाने का प्रयास करना जरूरी है। अधिक दिन स्ट्रेस में रहने पर हमें कई तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। ये समस्याएं अवसाद का कारण बन सकती हैं। आइये जानते हैं कि किसी प्रिय सामान के खो जाने पर हुए तनाव को कैसे दूर (losing things stress) किया जाए।
सीनियर क्लिनिकल सायकोलोजिस्ट डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘ यदि हम किसी भी बात के बारे में बहुत अधिक सोचने लगते हैं, तो यह प्रेशर क्रिएट करता है। अधिक दिनों तक प्रेशर में रहने पर तनाव और अवसाद की समस्या हो सकती है। तनाव आपके महसूस करने, सोचने, व्यवहार करने और शरीर के काम करने के तरीके को भी प्रभावित कर सकता है।
इसके कारण नींद की समस्या, पसीना आना, भूख में कमी, एकाग्रता में भी कमी हो सकती है। ज्यादा दिनों तक अपने खोये हुए सामान के बारे में सोचने पर बेचैनी महसूस करना, चिड़चिड़ापन महसूस करना, लो सेल्फ-एस्टीम, एंग्जायटी भी हो सकती है। सिर दर्द, मांसपेशियों में तनाव या दर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
तनाव शरीर में हार्मोन की वृद्धि का कारण बनता है। ये हार्मोन दबावों या खतरों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए जारी किए जाते हैं। एक बार दबाव या ख़तरा खत्म हो जाने के बाद स्ट्रेस हार्मोन का स्तर आमतौर पर सामान्य हो जाता है। यदि आप लगातार तनाव में हैं, तो ये हार्मोन शरीर में बने रहेंगे। इससे तनाव के लक्षण दिखाई देंगे। तनाव अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। इसलिए तनाव के लक्षणों को जल्दी पहचानकर इसे मैनेज करना जरूरी है। कई उपाय तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘ जब भी अपने खोये हुए सामन की याद आये, अपने सांस पर ध्यान देना (losing things stress) शुरू कर दें। नाक से सांस लें और पेट को हवा से भरते हुए महसूस करें। सांस लेते समय धीरे-धीरे तीन तक गिनें। एक सेकंड के लिए रुकें और फिर तीन तक गिनते हुए धीरे-धीरे अपनी नाक से सांस छोड़ें। कल्पना करें कि आप शांत वातावरण में सांस ले रही हैं। हवा आपके पूरे शरीर में फैल रही है। जैसे ही आप सांस छोड़ती हैं, कल्पना करें कि आप तनाव को बाहर निकाल रही हैं।
डॉ. ईशा सिंह के अनुसार, किसी भी तरह के तनाव से निपटने (losing things stress) में यह मदद कर सकता है। टहलना शुरू करने के साथ ही आपका ध्यान उस ओर से हट जाता है। आप दृश्यों में बदलाव में एंगेज हो जाती हैं। यह आपको अलग मानसिक स्थिति में ला सकता है। इस दौरान शरीर को स्ट्रेच करने से और भी फायदे मिलते हैं। पैदल चलना दिमाग और शरीर को तरोताजा करने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।
तनाव से राहत पाने (losing things stress) के लिए अरोमाथेरेपी के बहुत लाभ हैं। यह आपको ऊर्जावान, तनाव मुक्त और आराम देता है। मेंटल हेल्थ जर्नल के शोध के अनुसार, कुछ गंध ब्रेन वेव एक्टिविटी को बदल सकती हैं। शरीर में स्ट्रेस हार्मोन को कम कर सकते हैं। इसलिए अपनी पसंद के मोमबत्तियां, डिफ्यूज़र या बॉडी प्रोडक्ट को अरोमाथेरेपी में शामिल करें।
खुद से बात करने का तरीका मायने (losing things stress) रखता है। यदि आप लगातार नेगेटिव सोचती रहती हैं, तो इस आदत को यहीं लगाम दें। खुद को तनावग्रस्त करने की बजाय पॉजिटिव सेल्फ टॉक की आदत विकसित करें। अच्छी बातें और अच्छे विचारों से खुद को भरने की कोशिश करें।
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