तनाव शब्द किसी न किसी रूप में व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बन चुका है। सुबह से लेकर शाम तक व्यक्ति कई प्रकार की परिस्थितियों का सामना करता है, जिसका उसके मष्तिष्क पर गहरा प्रभाव देने को मिलता है। ऐसे में वो व्यक्ति जो एंग्ज़ाइटी का शिकार है उससे डील करने से लेकर उसके व्यवहार को समझने तक कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं वो 5 बातें, जो एंग्जाइटी को बढ़ा सकती हैं।
अक्सर ऐसा कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की भावनाओं को समझने के लिए उससे बातचीत करना बेहद ज़रूरी है। मगर चैटिंग के दौरान शब्दों के चयन पर फोकस करना आवश्यक है। किसी व्यक्ति की समस्या को साझा करने से लेकर उसे हल करते तक उससे कुछ खास बातों को बोलने से बचना चाहिए। इससे समस्या को हल करने में मदद मिलती है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ आरती आनंद बताती हैं कि अगर कोई व्यक्ति एंग्ज़ाइटी से ग्रस्त है, तो उसे कुछ देर के लिए अकेले छोड़ देना बेहद ज़रूरी है। कुछ देर बातचीत न करने से व्यक्ति सेल्फ रियलाइजे़शन से होकर गुज़रता है, जिससे वो सेल्फ इवेल्यूएशन करने लगता है और कई बार खुद ब खुद एंग्ज़ाइटी की सिचुएशन से बाहर आ सकता है। अगर आप तनावग्रस्त व्यक्ति से बात करना चाहते हैं, तो उसे मोटिवेट करने का प्रयास करें, ताकि वे किसी गलत कदम को उठाने से बच सके। उसे अन्य लोगों से कंपेयर न करें और सोसायटी में उसकी वैल्यू और उसकी ड्यूटीज की ओर उसका ध्यान केंद्रित करें।
छोटी छोटी बातों पर चिढ़ जाना
बात बात पर रोना और तनाव में रहना
थकान महसूस करना और र्कायक्षमता में कमी
नींद न आ पाना और गंभीर सोच में रहना
किसी भी कार्य पर फोकस करने में दिक्कत पेश आना
नर्वस ब्रेकडाउन से पैनिक अटैक का सामना करना
सोशल सर्कल कम होना और एकांत में रहना पसंद करना
बात बात पसीना आना और आत्मविश्वास की कमी होना
अगर कोई दोस्त या सिब्लिंग एंग्जाइटी का शिकार हो रहा है, तो उसे समझाने की प्रयास करे। अगर उसे पैंपर करने की जगह उससे रूड व्यवहार करेंगी और उसे निगेटिव एनर्जी पास करेंगी, तो वो परेशान और अपनी फीलिंग्स को शेयर करने से कतराने लगता है। अधिकतर लोग जब परेशान होते हैं, तो उन्हें कह दिया जाता है कि ओवररिएक्ट मत करें। मगर वास्तव में किसी व्यक्ति के मन की स्थिति को जानना बेहद मुष्किल काम है। ऐसे में धैर्य से काम लेना आवश्यक है।
वो व्यक्ति जो मन ही मन कई विचारों में उलझा हुआ है, वो चाहकर भी खुद को शांत करने की स्थिति में नहीं रहता है। ऐसे में उसे बार बार कहना कि शांत हो जाओं, उसमें एंग्जाइटी के स्तर को बढ़ा सकता है। किसी विचार, बहस या रिलेशनशिप प्रॉब्लम के कारण बढ़ने वाली एंग्ज़ाइटी व्यक्ति में पैनिक अटैक के खतरे को बढ़ा देती हैं। ऐसे में एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन एंग्जाइटी को दूर करने में मदद करते हैं।
किसी भी छोटी बात को लेकर होने वाली परेशानी व्यक्ति अपने पार्टनर से शेयर करता है। अगर पार्टनर उस परेशनी को समझने की जगह फीलिंग्स का मज़ाक उड़ाने लगे, तो उससे व्यक्ति का मनोबल टूटने लगता है। ऐसे में व्यक्ति खुद को अकेला और असहाय समझने लगता है। ऐसे में अपने पार्टनर को सुनें और उन्हें इस बात को कहने से परहेज करें कि आपके पास उसे सुनने के लिए वक्त नहीं है।
कोई भी व्यक्ति जीवन में दुखी नहीं रहना चाहता है, मगर परिस्थितियां व्यक्ति को अनचाही परेशानी और तकलीफों में धकेल देती है। ऐसे में अपने साथी या दोस्त को सपोर्ट करना ज़रूरी है। उसे बार बार ये कहना कि ज्यादा मत सोचो दूरी का कारण बन सकता है। इससे वयक्ति अपनी किसी भी भावना को खुलकर शेयर करने से डरने लगता है और अकेले पन का शिकार हो जाता है।
कोई भी व्यक्ति जो एंग्ज़ाइटी का शिकार है, उसकी सेल्फ इस्टीम को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इससे व्यक्ति अपनी समस्याओं को आसानी से शेयर करने लगता है। ऐसे व्यक्ति को नकारात्मकता से बचने की सलाह देने से वो व्यक्ति और परेशान होने लगता है। दरअसल, एंग्ज़ाइटी को स्विच करने में समय लगता है। ऐसे में इस परिस्थिति से डील करने के लिए ऐसे व्यक्ति को सकारात्मक रहने की सलाह देने से बेहतर है कि आप खुद पॉजिटिव रहें। इससे व्यक्ति खुशहाल और हेल्दी बना रहता है।
इस तरह के वाक्य किसी व्यक्ति को अपनेपन का एहसास दिलाने लगते हैं। इससे व्यक्ति खुद को अकेला महसूस नहीं करता है और लोगों से आसानी से अपनी परेशानी शेयर कर लेता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंकिसी व्यक्ति की भावनाओं को समझने के लिए उसके साथ बने रहना ज़रूरी है। उसे हर पल एहसास दिलाएं कि आप उसकी समस्या में उसके साथ है और सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उसके पास बने हुए हैं।
अधिकतर लोग जब आप पर अपना भरोसा नहीं जताते हैं, तो व्यक्ति निराश और चिंताग्रस्त होने लगता है। ऐसे में अगर एंग्ज़ाइटी के शिकार व्यक्ति पर विश्वास बनाए रखें ताकि वो समस्या से आसानर से बाहर निकल पाए।
जब किसी की समस्या को सॉल्व करने के लिए आप उसका साथ देने को तैयार हो जाते हैं, तो व्यक्ति की हिम्मत और हौंसला दोनों ही बढ़ने लगते हैं। ऐसे में व्यक्ति अपने परेशानी से बाहर निकलने लगता है और नॉर्मल लाइफ में लौटने लगता है।
इस बात को सुनकर व्यक्ति ये समझने लगता है कि कोई व्यक्ति ऐसा भी है, जो उसकी परेशानी को समझता है और उसे महत्व दे रहा है। इससे एंग्ज़ाइटी के शिकार व्यक्ति का मनोबल बढ़ने लगता है और वो समस्या से बाहर आने का प्रयत्न करता है।
ये भी पढ़ें- लंबे चलते हैं इमोशनली इंटेलिजेंट लोगों के रिश्ते, जानिए इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है