प्रोफेशनल वर्ल्ड में आपको दिन भर में कई अलग-अलग तरीके के काम करने पड़ सकते हैं। डेडलाइन, मीटिंग और काम का बोझ। ये तीनों मिलकर व्यक्ति को बुरी तरह से थका देते हैं। इसके कारण व्यक्ति बर्नआउट जैसा महसूस करता है । इसका मतलब यह हुआ कि इसके कारण व्यक्ति शारीरिक और मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करता है । यदि कुछ उपाय अपनाये जाएं तो इस स्थिति से बाहर निकला जा सकता है। फ्रेश फील (burnout) किया जा सकता है।’
मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘बर्नआउट लंबे समय तक तनाव या अधिक काम के कारण होने वाली शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक थकावट की स्थिति है।
यह अत्यधिक क्रोनिक स्ट्रेस का एक रूप हो सकता है। यह थकान, निराशा और सफलता कम मिल पाने की भावना सहित कई तरह के साइड इफेक्ट के साथ प्रकट हो सकता है। बर्नआउट अक्सर बहुत अधिक दबाव वाले वातावरण या स्थितियों के कारण होता है। इसके कारण व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियों से दबा हुआ महसूस करता है। वह खुद को कुछ भी कहने या किसी और की बात को समझने में असमर्थ पाता है।
यह कोई निश्चित नहीं है। इसमें कुछ दिन या महीना भी लग सकता है। रिकवरी एक प्रक्रिया है, मंज़िल नहीं। माइंडफुलनेस और मेडिटेशन जैसे लाइफ स्किल उबरने में मदद कर सकते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल भी इससे उबरने में मदद करते हैं।
डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, अगर आप गैजेट का इस्तेमाल करती हैं, तो स्ट्रेस ट्रैकर आपकी एंग्जायटी पर नज़र रख सकता है। वह बता सकता है कि आप कब तनाव में आ जाती हैं, किन बातों से आपको अधिक परेशानी है। ट्रैकर आपको अपने व्यक्तिगत स्ट्रेस पैटर्न और व्यवहार के बारे में अधिक समझने में भी मदद कर सकता है।
तनाव ट्रिगर्स को जानने से आप उनके बारे में बातचीत करने से बच सकती हैं या उन्हें कम कर सकती हैं। ऐसे व्यक्ति से उस विषय पर बातचीत नहीं कर सकती हैं, जिनसे आपको तनाव हो जाता है। ऐसी घटनाओं, लोगों या स्थितियों पर ध्यान देने की कोशिश करें, जो लगातार तनाव को ट्रिगर करती हैं। जहां तक संभव हो, इनसे बचने का लक्ष्य रखें।
जर्नलिंग एक बेहतरीन इमोशनल डिकंप्रेसर साबित हुई है। मन में आये विचारों को लिखने पर तनाव से राहत मिलती है। जर्नलिंग की आदत बनाने में कुछ समय लग सकता है। नियमित रूप से ऐसा करने पर और अधिक फायदा मिलेगा। परिणाम स्वाभाविक रूप से आपको मानसिक थकावट से उबरने का तरीका सिखा देंगे।
काम करते हुए भी बर्नआउट से उबरा जा सकता है। नियमित व्यायाम दिनचर्या को लागू करने का प्रयास करें। अपने शरीर को हिलाने से तनाव कम होगा। एंडोर्फिन जैसे फील-गुड हार्मोन का उत्पादन होगा। ऑनलाइन योग जैसे वर्चुअल वर्कआउट घर से बाहर निकले बिना भी तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
ध्यान यह देना है कि एक्सरसाइज से शरीर भी रिलैक्स हो। हर कोई तनाव को अलग-अलग तरीके से संभालता है। तनाव प्रबंधन तकनीक जैसे कि माइंडफुल ब्रीदिंग, कार्डियो तभी मदद कर सकते हैं जब आप उन्हें आजमाएंगी।
बॉस या मैनेजर के साथ अपनी स्थिति के बारे में ईमानदार होने से काम का बोझ कम हो सकता है। आप लंबे समय तक काम करने से बच सकती हैं। अपने लिए बोलने से न डरें। इससे ही बदलाव लाया जा सकता है। ऐसा बदलाव, जो आपकी मानसिक और भावनात्मक ज़रूरतों के हिसाब से बेहतर हो।
अगर आप जानना चाहती हैं कि मानसिक थकावट से कैसे उबरें, तो मौज-मस्ती करना एक अच्छी शुरुआत है। ऐसी चीजों के लिए प्रतिबद्ध होना, जो आपको खुश करती हैं। यह तनाव के स्तर को संतुलित करेगा। आपको भावनात्मक स्तर पर खुद से फिर से जुड़ने में मदद मिलेगी।
बर्नआउट के कई कारणों में से एक काम के साथ असंतुलित संबंध है। काम के कारण हम जीवन की जरूरतों को अनदेखा कर देते हैं। वर्क लाइफ बैलेंस से आपको अधिक फंक्शनल और तनाव-मुक्त जीवन जीने में मदद मिलेगी।
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कस्टमाइज़ करेंतनाव के कारण पर्याप्त नींद न लेना शारीरिक शक्ति, मानसिक ध्यान और भावनात्मक सहनशक्ति के लिए खतरा पैदा करता है। रात में कम से कम 7-9 घंटे सोने की कोशिश करें। साउंड स्लीप स्लीप ट्रैकर की मदद से भी ली जा सकती है।
ताजा, पौष्टिक भोजन खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है। आप तनाव और थकान के प्रति कम संवेदनशील हो सकती हैं। ज़्यादा ऊर्जा के लिए पौष्टिक आहार अपनाने की कोशिश करें।
किसी प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक या कोच से मदद लेने में कोई शर्म नहीं है। वास्तव में इनकी सहायता लेने से बर्नआउट की स्थिति से आसानी से निकला जा सकता है। थेरेपी तनाव के स्तर को कम करती है। मानसिक और इमोशनल वेलबीइंग पाने में मदद मिलती है।
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