एक समय था जब लोग नियमित वक़्त पर भोजन कर लिया करते थे, लेकिन आजकल भागादौड़ के इस दौर में लोगों के लिए खाने से अधिक जरूरी काम हो गया है। यह आदत कई बीमारियों की वजह बन सकती है। इनमें पेट की जलन (Stomach burning) भी एक आम परेशानी है, जो धीरे-धीरे सीने तक फैलने लगती है। यह जलन कुछ और नहीं, बल्कि पेट में एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) है। इसकी वजह से पूरी जीवनशैली पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन पेट में जलन क्यों होती है और पेट में जलन होने पर क्या (how to stop stomach burning) करें?
पेट में जलन क्यों होती है और इससे शरीर में क्या परेशानी होती है यह जानने के लिए हमने बात की सिल्वर लाइन हॉस्पिटल में सर्जन डॉ. शोएब इक़बाल से।
डॉ इकबाल के मुताबिक, पेट में जलन एसिड रिफ्लक्स की वजह से हो सकती है। एसिड रिफ्लक्स यानी जब भोजन पेट के निचले हिस्से में पहुंचकर दोबारा ऊपर भोजन नली (Food Pipe) में आने लगता है। इस समस्या को गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal Reflux Disease – GERD) के नाम से भी जाना जाता है।
डॉ इकबाल के मुताबिक, सीने, पेट एवं गले की जलन से बचने के लिए कुछ सरल घरेलू उपाय करने चाहिए। ये उपाय पेट की जलन का इलाज नहीं हैं, ये केवल परेशानी से कुछ हद तक आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं। हम सलाह देंगे कि समस्या गंभीर होने पर डॉक्टरी इलाज जरूर करवाएं।
सामग्री- सेब का सिरका दो से तीन चम्मच, शहद (वैकल्पिक) दो से तीन बूंद, पानी एक चौथाई कप
पेट में जलन के इलाज के लिए सभी सामग्रियों को मिलाकर खाने से आधे घंटे पहले पिएं।
पेट में जलन से राहत पाने के लिए खाने से 30 मिनट पहले इस घोल का सेवन पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ाकर, खाने को जल्दी पचाने में सहायता कर सकता है। इससे पेट में होने वाली जलन से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
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सामग्री- नींबू का ताजा रस एक चम्मच, पानी एक गिलास गुनगुना
नींबू के रस को पानी में मिलाकर इसका सेवन करें।
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कस्टमाइज़ करेंपेट में अल्सर की वजह से भी पेट में जलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में नींबू के रस का सेवन इस परेशानी में कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। असल में, नींबू में एंटीअल्सर प्रभाव के गुण पाए जाते हैं, जो अल्सर की स्थिति में कुछ हद तक सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर पेट में जलन के जोखिम को कम कर सकता है।
सामग्री- एलोवेरा जूस आधा कप
खाना खाने से 30 मिनट पहले आधा कप एलोवेरा जूस का सेवन करें।
एलोवेरा जेल में एंथ्राक्विनोन (Anthraquinones) नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें लैक्सटिव (प्राकृतिक रूप से पेट साफ करने का गुण) होता है। यह न केवल आपकी आंत में पानी की मात्रा को बढ़ा सकता है, बल्कि जल स्राव को भी बढ़ा सकता और साथ ही मल त्याग की गतिविधि को आसान बना सकता है।
सामग्री- दूध एक गिलास ठंडा
पेट में जलन का इलाज करने के लिए दोपहर में खाने के बाद एक गिलास ठंडा दूध पी सकते हैं।
ठंडे दूध का उपयोग पेट और सीने में जलन का घरेलू उपाय करने के लिए भी किया जा सकता है। ठंडे दूध में एंटासिड (एसिडिटी को कम करने वाला) गुण होते हैं, जो हाइपरएसिडिटी (एसिडिटी का गंभीर रूप) को कम कर पेट की जलन से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है।
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