कई बार हम परिस्थिति वश काफी घबरा जाते हैं। घबराहट में हम एंग्जाइटी के शिकार हो जाते हैं। इस दौरान हमारी सांसे तेज हो सकती हैं। हमें दौरे भी पड़ सकते हैं। विशेषज्ञ इसे पैनिक अटैक का नाम देते हैं। ऐसी जब स्थिति सामने आये, तो सबसे जरूरी हो जाता है स्वयं की मदद करना। मित्र और परिवारजनों से मदद मिलना। सबसे पहले जानते हैं पैनिक अटैक (Panic Attack) क्यों होता है और इससे कैसे निपटें?
पैनिक अटैक एक प्रकार से डर या भय से उत्पन्न मन की प्रतिक्रिया (Mind Reaction) है। खतरा, तनाव या उत्तेजना को भांपकर शरीर प्रतिक्रिया देने लगता है। पैनिक अटैक के दौरान किसी भी व्यक्ति को बहुत डर लग सकता है कि वह जीवन पर से नियंत्रण खो देगा। वह बेहोश हो सकता है या दिल का दौरा पड़ सकता है। वह मर भी सकता है।
पैनिक अटैक होने पर दिल की धड़कन तेज हो सकती है। बेहोशी, चक्कर आना या हल्का महसूस होना हो सकता है। व्यक्ति को बहुत गर्म या बहुत ठंडा महसूस हो सकता है। बहुत अधिक पसीना आना, कांपना, बीमार महसूस होना, सीने या पेट में दर्द, सांस लेने में कठिनाई होना या दम घुटने जैसा महसूस होना भी हो सकता है। व्यक्ति मन, शरीर और आस पास के परिवेश से कटा हुआ महसूस कर सकता है।
कभी-कभी बाहरी कारक जैसे कि तनावपूर्ण स्थिति या डरावना माहौल पैनिक अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं। ये बिना किसी स्पष्ट कारण के स्वतःस्फूर्त भी हो सकते हैं। कुछ लोग एंग्जायटी के कारण भी दोबारा पैनिक अटैक के शिकार हो जाते हैं।
यदि आपके पास वॉशक्लॉथ और पानी की बोतल है, तो आपके पास पैनिक अटैक सर्वाइवल किट के लिए यह अच्छी शुरुआत हो सकती है। कभी-कभी पैनिक अटैक के कारण लोगों को असहजता महसूस होती है। गर्दन या चेहरे के चारों ओर लपेटा गया ठंढा और गीला कपड़ा इस एहसास को कम कर सकता है। इससे तनाव घट जाता है। सिर को ठंडे पानी से धोना या तौलिया में आइस बैग को लपेटकर सिर पर रखा भी जा सकता है।
इस पल में खुद को स्थिर करने के लिए पांच इंद्रियों का उपयोग करें। अपने आस-पास के बारे में जिज्ञासु बनें। आप क्या देख सकती हैं, सुन सकती हैं, छू सकती हैं, सूंघ सकती हैं या स्वाद ले सकती हैं, इस विषय पर गहनता से सोचें। इस दौरान स्ट्रेस बॉल को हाथ में लेने से भी फायदा हो सकता है।
ध्यान केन्द्रित कर खट्टी कैंडी चूसना ध्यान आकर्षित करने की एक और तकनीक है। यदि आपके पास कोई खट्टी कैंडी नहीं है, तो इसके बजाय तेज़ स्वाद वाली कुछ और चीज़- गर्म सॉस या किसी ख़ास प्रकार का हर्ब चबा सकती हैं।
पैनिक अटैक से मुकाबला करने का जोरदार तरीका है खुद से बातें करना। यह एक ऐसा तरीका है, जिससे आप घबराहट के दौरे के दौरान रिलैक्सिंग आत्म-चर्चा का अभ्यास कर सकती हैं। लक्षणों से अपना ध्यान हटाने के लिए शब्दों और उनकी ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें। खुद से बोलें- यह समय निकल जाएगा, मैं इससे पार पा सकता हूं, मुझे दिल का दौरा नहीं पड़ रहा है। इससे खुद को ताकत मिलेगी और आप पैनिक अटैक को डील कर पाएंगी।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज कहीं भी और कभी-भी की जा सकती है। जैसे ही आपको घबराहट हो आप शांत होकर बैठ जाएं। अपने सांसों पर ध्यान दें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा और आप पैनिक अटैक को डील कर सकेंगी। चार तक गिनती गिनते हुए अपनी नाक से सांस लें। चार तक गिनती लेते हुए अपनी सांस रोकें। चार की गिनती तक धीरे-धीरे सांस छोड़ें। चार तक गिनती लेते हुए दोबारा अपनी सांस रोकें। यह प्रक्रिया मन शांत होने तक करें।
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