कई कारक बैली फैट को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। खराब खानपान के अलावा एक और कारक है, जो बैली फैट को बढ़ा देता है। यह है तनाव के दौरान निकलने वाला हॉर्मोन कॉर्टिसोल। कॉर्टिसोल का हाई लेवल और लो लेवल दोनों कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। हाई कॉर्टिसोल लेवल पेट पर जमा हो रही चर्बी का कारण बन सकता है। इन दिनों कोर्टिसोल बैली फैट के रूप में खूब ट्रेंड कर रहा है। यदि आप लगातार तनाव में रह रही हैं, तो कोर्टिसोल बैली फैट को कम करना मुश्किल हो जाता है। इसे एक्सपर्ट के बताये उपायों (cortisol belly) से कम किया जा सकता है।
सीनियर सायकोलॉजिस्ट और कडबम हॉस्पिटल्स, बंगलूरू की कार्यकारी निदेशक नेहा कडबम बताती हैं, ‘कोर्टिसोल बैली फैट को स्ट्रेस बैली (stress belly) भी कहा जाता है। लगातार हाई लेवल स्ट्रेस के कारण शरीर के मध्य भाग में वसा जमा हो जाती है। यह अवस्था मुख्यतः कोर्टिसोल हार्मोन की वृद्धि के कारण होती है, जो तनाव के समय में एडरीनल ग्लैंड से सीकरेट होती है।
कॉर्टिसोल के हाई लेवल के लगातार संपर्क में रहने के कारण पेट पर चर्बी जमा होने लगती है। कॉर्टिसोल शरीर को तनाव का जवाब देने, सूजन को कम करने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तनाव, स्टेरॉयड का उपयोग और ट्यूमर भी कॉर्टिसोल लेवल को बढ़ा सकते हैं। कुछ लोगों के लिए कॉर्टिसोल का हाई लेवल अधिक खाने और फिर वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। हाई कॉर्टिसोल लेवल को मैनेज करना जरूरी है।‘
एक्स्ट्रा कोर्टिसोल ग्लूकोज प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है। यह एक्स्ट्रा ग्लूकोज आम तौर पर वसा में परिवर्तित हो जाता है। यह शरीर में जमा हो जाता है। सर्कुलेटरी कोर्टिसोल का लगातार हाई लेवल वसा भंडारण को बढ़ाता है। यह मोटापे का जोखिम बढ़ाता है।
जब बहुत अधिक एड्रेनालाईन होता है, तो फैट सेल्स फैट रिलीज़ के लिए एड्रेनल उत्तेजना के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं। इससे पेट पर चर्बी बढ़ती जाती है। यह मेटाबोलिक सिंड्रोम, डायबिटीज और हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा देता है।
गर्भावस्था
इंटेंस एक्सरसाइज
गंभीर बीमारी
गर्म और ठंडा तापमान
अंडरएक्टिव थायरॉयड
मोटापा,
ट्यूमर
कुछ दवा भी इसकी वजह बनती है
नेहा कडबम बताती हैं, ‘तनाव अधिक होने पर व्यक्ति अधिक खाने लग सकता है। यह भी मोटापे का एक कारण हो सकता है। यदि आप लगातार लंबे समय से तनाव में रह रही हैं, तो जिद्दी बैली फैट को घटाना आसान नहीं होगा। इसलिए तनाव कम करना बेहद जरूरी है। तनाव को प्रबंधित करने के लिए ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने की तकनीकें उपयोगी साबित हो सकती हैं। ये तकनीकें कोर्टिसोल स्तर को कम करने में मदद करती हैं।‘
सबसे जरूरी है नियमित व्यायाम। खासकर एरोबिक गतिविधियां जैसे कि तेज चलना, दौड़ना या स्वीमिंग करना शुरू कर दें। तनाव को कम करने और कोर्टिसोल लेवल को सामान्य करने में ये मदद कर सकते हैं।
संतुलित आहार जिसमें ताजे फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हों, लेना चाहिए। इनसे कोर्टिसोल के प्रभाव को कम किया जा सकता है। सिंपल कार्बोहाइड्रेट पेट की चर्बी को बढ़ाते हैं। चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम करना भी जरूरी है। फ्रुक्टोज-वाले ड्रिंक से परहेज करें।
नेहा कडबम के अनुसार, ‘अच्छी नींद लेना शरीर को तनाव से उबरने और हार्मोन संतुलन बनाये रखने में सहायक होता है। प्रत्येक रात 7-9 घंटे की नींद उपयुक्त मानी जाती है।
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कस्टमाइज़ करेंयदि तनाव और वजन प्रबंधन में कठिनाई हो रही है, तो हेल्थकेयर प्रोफेशनल की अवश्य मदद लें। कोर्टिसोल बैली फैट का इलाज नहीं कराने पर दिल का दौरा, स्ट्रोक, पैरों और फेफड़ों में ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसके कारण संक्रमण, हड्डी का नुकसान और फ्रैक्चर हो सकता है। डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसे मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकते हैं।
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