मोबाइल डेटा की शुरुआत के साथ डिजिटल दुनिया में मोबाइल रेडिएशन भी चर्चा का एक आम विषय बन गया है। जितना अधिक हम मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, उतना ही अधिक हम मोबाइल फोन, लैपटॉप, राउटर, स्मार्ट टीवी आदि सहित सभी प्रकार के वायरलेस उपकरणों से हानिकारक वाईफाई रेडिएशन के संपर्क में आते हैं। दुनिया में लगभग 6 अरब लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। अगले कुछ वर्षों में यह संख्या कई सौ लाख और बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मोबाइल रेडिएशन के लगातार संपर्क में रहने से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर (mobile phone radiation effect on immunity) हो सकता है।
मोबाइल फोन वायरलेस सैटेलाइट सिग्नल जैसे वाईफाई के साथ-साथ ब्लूटूथ तकनीक के माध्यम से कनेक्टिविटी पर काम करते हैं। स्मार्टफ़ोन में ये सभी कनेक्टिविटी सुविधाएं डिफ़ॉल्ट रूप से होती हैं। यही कारण है कि सभी सेल फ़ोन विद्युत चुम्बकीय तरंगें, कम फ्रीक्वेंसी वाले नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन उत्सर्जित करते हैं। मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के कारण सिरदर्द, नींद में खलल, याददाश्त में गड़बड़ी, चिड़चिड़ापन, हाथ में दर्द, गर्दन में दर्द, खराब विजन और विजन लॉस भी हो सकता है। मोबाइल रेडिएशन के लगातार संपर्क में रहने से गंभीर बीमारियां होने की भी संभावना बढ़ (mobile phone radiation effect on immunity) जाती है।
लंबे समय तक मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में रहने से नींद के पैटर्न (sleep patterns) में बाधा आ सकती है। रात में देर से नींद आने और बार-बार नींद खुलते रहने की समस्या आम है।
कुछ अध्ययन इस बात पर जोर देते हैं कि मोबाइल रेडिएशन चयापचय प्रक्रियाओं यानी मेटाबोलिक चेंज के कारण बन सकते हैं। मेटाबोलिक चेंज से कई गंभीर रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
मोबाइल से निकलने वाले अलग-अलग रे स्पर्म क्वालिटी पर सीधे प्रभाव डाल सकते हैं। इसके कारण प्रजनन क्षमता में भी कमी दर्ज की जा सकती है।
अगर आप लगातार मोबाइल पर बात करती हैं, तो सिरदर्द होना आम बात है। कई यूजर्स चक्कर आने की भी शिकायत करते हैं।
लगातार रेडिएशन से घिरे रहने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसके कारण हमेशा सर्दी-जुकाम होने का खतरा (mobile phone radiation effect on immunity) बनने लगता है। रेडिएशन के कारण लूज मोशन होता रह सकता है। घाव भरने में देरी हो सकती है। हर समय थकान भी महसूस हो सकती है।
कुछ मामलों में लंबे समय तक मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में रहने पर स्किन में जलन (skin irritation from mobile radiation) और स्किन रैशेज भी देखे जाते हैं।
कॉल के दौरान डिवाइस को अपने सिर से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान स्पीकर फ़ोन या हेडफ़ोन का उपयोग किया जा सकता है।
मोबाइल के निकट संपर्क को कम करने के लिए जहां तक संभव हो, टेक्स्टिंग का विकल्प चुनें। बात को लंबा खींचने की बजाय कम समय में करने की कोशिश करें।
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कस्टमाइज़ करेंरात भर के जोखिम (mobile phone radiation effect on immunity) को सीमित करने के लिए सोते समय एयरप्लेन मोड सक्रिय करें।
अक्सर हम सोशल मीडिया अपडेट चेक करने, टाइम देखने के लिए फोन को अपने पास रखकर सोते हैं। सिर के पास रखने पर रेडिएशन से प्रभावित होने का खतरा बना (mobile phone radiation effect on immunity) रहता है। फोन को बगल में रखकर सोने से बचें। इसे कुछ दूरी पर रखें।
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