हिप्स और जांघों को पूरी तरह स्ट्रेच कर उन्हें सुडौल बनाता है गरुड़ासन, जानिए कैसे करना है इसका अभ्यास

जब आपके पैरों की मसल्स पूरी तरह स्ट्रेच होती हैं, तो इनमें तनाव और थकान कम महसूस होती है। गरुड़ासन यही काम करता है।
सभी चित्र देखे Garudasana-benefits
गरुड़ासन से तनाव और थकान कम महसूस होती है। चित्र शटरस्टॉक
Updated On: 9 Feb 2024, 03:39 pm IST
  • 148

योग से होने वाले शारीरिक और मानसिक लाभ किसी चमत्कार से कम नहीं है। प्रतिदिन योगाभ्यास करने वाले लोग इससे होने वाले फायदों से भली-भांति परिचित हैं। शरीर के अलग-अलग अंगों को स्वस्थ रखने के लिए विशेष योग क्रियाएं की जाती हैं, जिसमें गरुड़ासन (Garudasana) भी एक महत्वपूर्ण आसन है। आइए जानते हैं गरुड़ासन के सेहत लाभ (Benefits of garudasana) और इसे करने का सही तरीका (How to do Garudasana)।

क्या है गरुड़ासन

गरुड़ासन का नाम पौराणिक कथाओं में वर्णित पक्षियों के राजा गरुड़ के नाम पर दिया गया है। गरुड़ासन की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द गरुड़ से हुई है। इसे अंग्रेजी में ईगल पोज (Eagle Pose) भी कहा जाता है। यह योगासन मुख्य रूप से कंधे, कलाई, बाजू और पैर वाले हिस्से पर प्रभाव डालता है। साथ ही यह आपके टखनों और कूल्हों को भी मजबूत करने में मददगार है।

swasth jeevan ke liye 7 matra
बेहतर बोन डेंसिटी, सामान्य रक्तचाप के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी है। चित्र शटरस्टॉक

आपके लिए कैसे फायदेमंद है गरुड़ासन

द जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन (The Journal of Alternative and complementary Medicine) द्वारा प्रकाशित एक बुक साइकोफिजियोलॉजिकल इफेक्ट्स ऑफ़ योग (Psychophysiological Effects of Yoga) में गरुड़ासन के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

1. मांसपेशियां मजबूत करता है गरुड़ासन

यदि मांसपेशियां कमजोर होती जा रही हैं, तो व्यक्ति को मांसपेशियों से संबंधित परेशानी हो सकती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए गरुड़ासन पर भरोसा किया जा सकता है। यह एक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जो शरीर में खिंचाव पैदा करने का कार्य करती है।

इस आसन का फायदा पैर, घुटने और टखनों को मजबूत करने में नज़र आता है। साथ ही यह आसन पैर की मांसपेशियों में ऐंठन को दूर कर उन्हें मजबूत करने का कार्य भी करता है ।

stress anxiety
थकान या तनाव गर्दन में दर्द का कारन हो सकता है. चित्र शटरस्टॉक।

2. तनाव को कम करने के लिए

योग और उससे होने वाले मानसिक फायदे से लगभग हर कोई परिचित हैं। योग करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव हो सकता है। गरुड़ासन की गिनती भी उन खास आसनों में होती है, जो तनाव को दूर करने में सहायक हो सकते हैं।

पोल

नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

3. जांघों और हिप्स को स्ट्रेच करने के लिए

गरुड़ासन का अधिकतर प्रभाव जांघ और हिप्स पर होता है। इस हिस्से में आपको खिंचाव महसूस हो सकता है। इसलिए, गरुड़ासन के अन्य लाभों में में जांघ और हिप्स के स्ट्रेचिंग को भी शामिल किया जा सकता है।

4. पीठ को लचीला बनाता है

असल में, यह एक स्ट्रेचिंग-स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज है, जिसे करने से शरीर के कई भागों में खिंचाव पैदा होता है। इसलिए गरुड़ासन करने के फायदों में पीठ को लचीला बनाना भी शामिल है।

5. संतुलन में सुधार करता है

गरुड़ासन करते वक़्त आपको एक ही पैर पर शरीर का संतुलन बनाना पड़ता है। इससे शरीर का संतुलन बनाने में सहायता मिलती है। इस योग के शुरुआत में आपको संतुलन बनाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

गरुड़ासन करने से पहले ये आसन करें

  • अधोमुख श्वानासन (Downward-Facing Dog Pose)
  • प्रसारित पादोत्तासन (Wide-Legged Forward Bend)
  • उपविष्टकोणासन (Wide-Angle Seated Forward Bend)
  • वृक्षासन (Tree Pose)
  • गोमुखासना (Cow Face Pose)
ek pair par balance karna
शरीर के लिए संतुलन बहुत ज़रूरी है ! चित्र : शटरस्टॉक

इस तरह करें गरुड़ासन का सुरक्षित अभ्यास

  • योग मैट पर ताड़ासन मुद्रा में यानी सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
  • फिर आपको घुटनों को थोड़ा मोड़ना है और दोनों हाथों को सामने की ओर लाना है।
  • अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर लें और बाएं पैर को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इसके बाद बाएं पैर को दाईं टांग के आगे से घूमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
    इस स्थिति में बाईं जंघा, दाईं जंघा के ऊपर रहेगी।
  • इसके बाद आपको दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास करना है। इस दौरान बाईं बाजू को दाईंं बाजू के ऊपर रखना है।
  • फिर आपको दोनों हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में लाने की कोशिश करनी है।
    जब तक सम्भव हो इस मुद्रा में रहें।
  • फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
  • इसी प्रकार यह प्रक्रिया आपको दूसरी तरफ से भी करनी है।
  • गरुड़ासन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं।

याद रखें

  • यदि आपके टखनों, घुटनों या कोहनियों में चोट लगी है या पैरों में दर्द हो रहा है, तो ऐसे में इस योगासन को न करें।
  • गठिया रोग से पीड़ित मरीज इस आसन से दूर रहें।
  • इस आसन को गर्भवती महिलाएं न करें। इस आसन को करते समय उनके गिरने का खतरा होता है।

यह भी पढ़े: PCOS Awareness Month : यह बीमारी नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जानिए कैसे करना है मैनेज

  • 148
लेखक के बारे में

देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग। ...और पढ़ें

अगला लेख