योग से होने वाले शारीरिक और मानसिक लाभ किसी चमत्कार से कम नहीं है। प्रतिदिन योगाभ्यास करने वाले लोग इससे होने वाले फायदों से भली-भांति परिचित हैं। शरीर के अलग-अलग अंगों को स्वस्थ रखने के लिए विशेष योग क्रियाएं की जाती हैं, जिसमें गरुड़ासन (Garudasana) भी एक महत्वपूर्ण आसन है। आइए जानते हैं गरुड़ासन के सेहत लाभ (Benefits of garudasana) और इसे करने का सही तरीका (How to do Garudasana)।
गरुड़ासन का नाम पौराणिक कथाओं में वर्णित पक्षियों के राजा गरुड़ के नाम पर दिया गया है। गरुड़ासन की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द गरुड़ से हुई है। इसे अंग्रेजी में ईगल पोज (Eagle Pose) भी कहा जाता है। यह योगासन मुख्य रूप से कंधे, कलाई, बाजू और पैर वाले हिस्से पर प्रभाव डालता है। साथ ही यह आपके टखनों और कूल्हों को भी मजबूत करने में मददगार है।
द जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन (The Journal of Alternative and complementary Medicine) द्वारा प्रकाशित एक बुक साइकोफिजियोलॉजिकल इफेक्ट्स ऑफ़ योग (Psychophysiological Effects of Yoga) में गरुड़ासन के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
1. मांसपेशियां मजबूत करता है गरुड़ासन
यदि मांसपेशियां कमजोर होती जा रही हैं, तो व्यक्ति को मांसपेशियों से संबंधित परेशानी हो सकती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए गरुड़ासन पर भरोसा किया जा सकता है। यह एक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जो शरीर में खिंचाव पैदा करने का कार्य करती है।
इस आसन का फायदा पैर, घुटने और टखनों को मजबूत करने में नज़र आता है। साथ ही यह आसन पैर की मांसपेशियों में ऐंठन को दूर कर उन्हें मजबूत करने का कार्य भी करता है ।
योग और उससे होने वाले मानसिक फायदे से लगभग हर कोई परिचित हैं। योग करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव हो सकता है। गरुड़ासन की गिनती भी उन खास आसनों में होती है, जो तनाव को दूर करने में सहायक हो सकते हैं।
गरुड़ासन का अधिकतर प्रभाव जांघ और हिप्स पर होता है। इस हिस्से में आपको खिंचाव महसूस हो सकता है। इसलिए, गरुड़ासन के अन्य लाभों में में जांघ और हिप्स के स्ट्रेचिंग को भी शामिल किया जा सकता है।
असल में, यह एक स्ट्रेचिंग-स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज है, जिसे करने से शरीर के कई भागों में खिंचाव पैदा होता है। इसलिए गरुड़ासन करने के फायदों में पीठ को लचीला बनाना भी शामिल है।
गरुड़ासन करते वक़्त आपको एक ही पैर पर शरीर का संतुलन बनाना पड़ता है। इससे शरीर का संतुलन बनाने में सहायता मिलती है। इस योग के शुरुआत में आपको संतुलन बनाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
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