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कायर नहीं इमोशनली मेच्योर होते हैं रिश्तों को जोड़कर रखने वाले लोग, जानिए इनके कुछ और संकेत

Emotional maturity किसी भी रिश्ते की मजबूती की नींव हो सकती है। जब आप अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना सीख जाते हैं, तो जीवन में बहुत सारी परेशानियाें को आने से पहले ही सॉल्व कर देते हैं।
Updated On: 30 Jan 2024, 10:24 am IST
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सभी चित्र देखे Emotionally mature logon ki kaise karein pehchaan
जानते हैं इमोशनल मेच्योरिटी क्या है और किन संकेतो से इसकी पहचान की जा सकती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

दिनों दिन बढ़ रहे तनाव के चलते बहुत से लोग आपको ऐसे मिलते होंगे, जिनके रिश्ते लंबे वक्त तक टिक नहीं पाते है। दरअसल, छोटी छोटी बातों पर टकराव, चुनौतियों से घबरा जाना और खुद को ही हर हाल में सही करार देना कुछ लोगों की आदत होती हैं। मगर ऐसे लोगों की भीड़ में मुट्ठी भर लोग ऐसे भी हैं, जो इमोशनली मैच्योर होने के चलते हर रिचुएशन को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। सेल्फ कंट्रोल और सेल्फ अवेयरनेस उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है। उनके व्यवहार में झलकने वाला लचीलापन लोगों को उनकी ओर आकर्षित करने लगता है। जानते हैं इमोशनल मेच्योरिटी क्या है और किन संकेतो से इसकी पहचान की जा सकती है (Signs of Emotionally mature person)।

अमेरिकन साइकॉलोजिकल एसोसिएशन के अनुसार इमोशनल कंट्रोल और अभिव्यक्ति के उच्च स्तर को इमोशनल मेच्योरिटी का नाम दिया जाता है। ऐसे लोग सेल्फ अवेयर, शांत, एनर्जी से भरपूर और खुद को उचित प्रकार से मैनेज कर पाते हैं। दरअसल, भावनात्मक रूप से मज़बूत व्यक्ति हर समय खुद को तनावपूर्ण माहौल और प्रतिकूल परिस्थितियों से बाहर निकालने की कोशिश में जुटा रहता है। जीवन में एक के बाद एक आने वाली चुनौतियों को समझदारी से हैंडल कर आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत रहने वाली व्यक्ति भावनात्मक तौर पर मज़बूत होते हैं।

Emotional maturity kise kehte hain
जीवन में एक के बाद एक आने वाली चुनौतियों को समझदारी से हैंडल कर आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत रहने वाली व्यक्ति भावनात्मक तौर पर मज़बूत होते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

इमोशनल मेच्योरिटी(Emotional maturity) किसे कहा जाता है

सर गंगाराम अस्पताल में साइकोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉ आरती आनंद के अनुसार इमोशनल मेच्योरिटी उस अवस्था को कहते हैं, जब व्यक्ति अपनी भावनाओं और तनाव में बेहतरीन संतुलन बनाए रखने में कारगर साबित होता है। इसका असर रिलेशनशिप पर भी दिखने लगता है, जिससे रोजमर्रा के जीवन में बढ़ने वाली मिसअंडरस्टैण्डिंग से राहत मिलती है और जीवन सुखमय बना रहता है।

इन संकेतों से जानें कि आप हैं इमोशनली मैच्योर (Signs of Emotionally mature person)

1. रिश्तों को जोड़ने में विश्वास रखते हैं

पति पत्नी के रिश्तों में रोज़ाना कई उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं। बहुत सी बातों पर सहमति नहीं बन पाती है और पसंद नापसंद भी अलग अलग होती हैं। कुछ लोग समझदारी का परिचय दिए बिना इसी प्रकार की छोटी छोटी बातों पर लड़ झगड़कर दूरियां बना लेते हैं। वहीं दूसरी ओर वे लोग जो भावनात्मक तौर पर मज़बूत हैं, जो अपनी जिद् से पहले किसी चीज़ की आवश्यकता पर फोकस करते हैं और उसी के अनुसार आगे बढ़ते हैं। उनका मकसद समस्या को उलझाना नहीं बल्कि उसे हल करना होता है।

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अगर आपका पार्टनर आपको खुश रखने की कोशिश करता है, तो आपको भी उनके प्रयासों की रिस्पेक्ट करनी चाहिए। चित्र- अडोबी स्टॉक

2. चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं

ऐसे लोग जो भावनात्मक रूप से मज़बूत होते हैं, उनके जीवन में छोटी बड़ी परेशानियां लंबे वक्त तक टिक नहीं पाती हैं। वे आसानी से हर मुश्किल का हल ढूंढ़कर अपने टारगेट को अचीव करने की दिशा में आगे बढ़ने हैं। रिश्ते हों या वर्कप्लेस हर जगह उत्पन्न होने वाली समस्याओं से आसानी से डील कर लेते हैं।

3. सेल्फ कॉफिंडेंस के साथ आगे बढ़ते हैं

आत्मविश्वास वो चाबी है, जिसकी मदद से हर समस्या को अनलॉक किया जा सकता है। अपने आप पर विश्वास रखने वाले ऐसे लोग हर कार्य में आगे बढ़कर अन्य लोगों की मदद करते हैं और किसी भी कार्य को छोटा और बड़ा नहीं मानते हैं। परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढ़ालने वाले ऐसे लोग जिद्दी और घमण्डी मिजाज़ के नहीं होते हैं।

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लक्ष्यों को सीढ़ी दर सीढ़ी की तरह पार करने की कोशिश करें। जब आपको छोटी सी उपलब्धि भी मिलती है, तो आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट अप होता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. ओपन माइंडिड और फलैक्सीबल होते हैं

किसी भी सिचुएशन को आसानी से हैंडल करने वाले इन लोगों के व्यवहार में लचीलापन होता है। ये खुद से ज्यादा अन्य लोगों को प्रमुखता देते हैं और सूझ बूझ से हर कार्य को अंजाम देते हैं। ऐसे लोगों की विचारधारा संकुचित नहीं होती है। भावनात्मक तौर पर परिपक्त होने के चलते वे दूसरों से उलझने से बचते हैं और हर व्यक्ति से सहानुभूति रखते हैं।

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5. इमोशंस को करते हैं सेल्फ रेगुलेट

समस्याएं हर व्यक्ति के जीवन में होती हैं। ये हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उन समस्याओं से खुद को कैसे बाहर निकालें। दरअसल, वे लोग लोग जो इमोशनली परिपक्त होते हैं। वे लंबे वक्त तक तनाव की स्थिति में न रहकर आगे बढ़ने की कोई न कोई राह चुन लेते हैं। वे जीवन में बढ़ रहे तनाव को सेल्फ रेगुलेट करने की कलना जानते हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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