जितना ज्यादा स्क्रीन टाइम, उतना ज्यादा बढ़ता जाता है तनाव, जानिए क्या है दोनों का कनैक्शन

सोशल मीडिया और फोन के जमाने में खुद को स्क्रीन से दूर रख पाना थोड़ा मुश्किल होता है। पर शायद आप नहीं जानते कि बढ़ता स्क्रीन टाइम आपके तनाव का ग्राफ भी बढ़ाता जाता है।
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जब आप ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताते हैं तो इससे आपकी नींद का नुकसान होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 29 Jan 2024, 14:04 pm IST
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स्क्रीन टाइम (screen time) वह समय है, जिसे हम कभी न खत्म होने वाली स्क्रॉलिंग और विभिन्न ऐप्स के माध्यम से ब्राउज़ करने, गैजेट स्क्रीन पर इधर-उधर घूमने में खर्च करते हैं। चूंकि हम इसमें इतने खोए हुए हैं, इसलिए हमें यह सोच ही नहीं पाते कि यह हमारे पर्सनल स्पेस (personal space), व्यवहार और अन्य लोगों से हमारे रिश्तों को किस तरह प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आप अपनी मेंटल हेल्थ अच्छी रखना चाहते हैं, तो इसमें कटौती करना शुरू कर दें।

हालांकि टेक्नोलॉजी (technology) के कई अनंत लाभ हैं। जब इन उपकरणों का उपयोग सही ढंग से किया जाता है, तो वे आपके लिए कई अवसर खोल सकते हैं। ये किसी भी जानकारी का सर्वोत्तम स्रोत हैं। आप एक बटन दबाते ही पूरी दुनिया को देख सकते हैं। पर बहुत सारे लोगों ने अपने आप को स्क्रीन तक ही सीमित कर दिया है। यह खतरनाक है।

यह देखा गया है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, लोगों का स्क्रीन-टाइम भी बढ़ने लगता है। लोग जितना अधिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं, उनकी शारीरिक गतिविधियां उतनी ही कम होती जाती हैं।

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हर एक मिनट की रील को स्क्रॉल करते हुए आपको एक नई जानकारी मिल रही होती है। चित्र : अनप्लैश

बढ़ता स्क्रीन टाइम कैसे आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, इस बारे में और विस्तार से बात कर रहे हैं सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव।

इन 4 तरीकों से आपकी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है स्क्रीन टाइम (How screen time affect your mental health)

1 स्क्रीन टाइम नींद को करता है प्रभावित (Affect sleep)

मोबाइल और अन्य गैजेट्स अब बेडरूम में घुस चुके हैं। जब आप ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताते हैं तो इससे आपकी नींद का नुकसान होता है। अव्वल यह कम होने लगती है, दूसरा सही समय पर न सोने के कारण आप डीप स्लीप नहीं ले पाते। जिससे आप थकान और आलस का अनुभव करते हैं।

जबकि सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करने से वास्तव में नींद की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं। स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन लय को बाधित कर सकती है, जिससे सोना कठिन हो जाता है। मेलाटोनिन का उत्पादन, जो नींद और जागने के चक्र को विनियमित करने के लिए महत्वपूर्ण है, इस ब्लू लाइट के संपर्क में आने से बाधित हो सकता है, जिससे आरामदेह नींद लेने में कठिनाई हो सकती है।

सोने से पहले स्क्रीन के समय को सीमित करना, अच्छे स्लीप रूटीन और नींद के लिए अच्छा वातावरण बनाने में मदद कर सकता है। इससे आपके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

2 बहुत सारा कंटेंट आपको चिड़चिड़ा बना देता है (Makes you anxious)

हर एक मिनट की रील को स्क्रॉल करते हुए आपको एक नई जानकारी मिल रही होती है। सूचनाओं की ये ओवरलोडिंग आपके ब्रेन को चिड़चिड़ा बनाकर स्ट्रेस हॉर्मोन के सीक्रेशन को बढ़ा देती है। लगातार कनेक्टिविटी और डिजिटल चीजों के संपर्क में आने से दिमाग तनावग्रस्त हो सकता है, जिससे तनाव का स्तर बढ़ सकता है और मानसिक स्वास्थ खराब हो सकता है। स्क्रीन टाइम को सीमित करके, व्यक्ति अपने जीवन में शांति और माइंडफुलनेस में मदद करता है। स्क्रीन टाइम कम करने से वर्चुअल दुनिया से अलग होने और तनाव कम करने का मौका मिलता है।

इसके लिए आपको प्रकृति में समय बिताना, माइंडफुलनेस या ध्यान का अभ्यास करना, अपनी पसंद की चीजें करना एवं परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना शुरू करना चाहिए। ध्यान भटकाने वाली डिजिटल चीजों की बजाय आराम करें। स्क्रीन से यह ब्रेक दिमाग को आराम देता है, संज्ञानात्मक भार को कम करता है।

Apni aankho ko screen se break de
अपनी आंखों को स्क्रीन से ब्रेक दें। चित्र: शटरस्टॉक

3 सामाजिक संबंधों को प्रभावित करता है (Affect your social life)

स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को कम करने से आपके सामाजिक संबंधों में बढ़ोतरी हो सकती है और आप अकेलेपन की भावना को कम कर सकते है। जबकि दूर के लोगो से जुड़े रहने में डिजिटल कनेक्शन के अपने फायदे हैं, अत्यधिक स्क्रीन टाइम कभी-कभी आपस में ही बातचीत को बाधिक करता है और वास्तविक दुनिया के रिश्तों से अलग होने का कारण बन सकता है।

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स्क्रीन टाइम को कम करके, व्यक्ति दोस्तों, परिवार और समुदाय के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताने की चाहत कर सकता है। चाहे वह किसी डिस्कशन में शामिल होना हो, समूह गतिविधियों में भाग लेना हो, या एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेना हो, आमने-सामने की बातचीत कनेक्शन और समझ को अधिक गहराई दे सकती है।

4 शारीरिक गतिविधियां होती हैं प्रभावित (Makes you lazy)

ओटीटी प्लेटफॉर्म की हर सिरीज और हर नई फिल्म देखने के लिए आपको ढेर सारा समय चाहिए। इसकी चोरी आप शारीरिक रूप से की जाने वाली गतिविधियों के समय से करते हैं। स्क्रीन टाइम को कम करके आप शारीरिक गतिविधि को बढ़ा सकते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अत्यधिक स्क्रीन अक्सर एक गतिहीन जीवन शैली का कारण बनती है, जो मोटापा, हृदय संबंधी समस्याओं और मस्कुलोस्केलेटल जैसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

स्क्रीन को कम करके व्यायाम, खेल या बाहरी गतिविधियों जैसी शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर मिलते हैं। नियमित शारीरिक गतिविधि न केवल स्वस्थ वजन बनाए रखने और शारीरिक फिटनेस में सुधार करने में मदद करती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा रखती है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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