बचपन से हम सब यही सुनते आ रहे हैं कि चिंता मत करो। मुस्कुराते रहो और खुश रहो। यही बात हम लोग अपने ज़हन में बैठा लेते हैं। कोई मुश्किल आने पर गहन चिंतन करके उसे सुलझाने की बजाय हमारा फोक्स खुश रहने की तरफ डायवर्ट हो जाता है। हम झूठी खुशी का मुखौटा ओढ़कर समाज में नकली चेहरा लोगों के सामने पेश करने लगते हैं, जो हमारी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होने लगता है। जानते हैं, एक्सपर्ट से कि वो कौन से संकेत है, जो इस ओर इशारा करते हैं कि आप इस वक्त एंगज़ाइटी (hiding your anxiety) के दौर से गुज़र रहे हैं।
इस बारे में बातचीत करते हुए राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत ने कई बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कभी समाज के भय से तो कभी परिवार के डर से हम अपनी चिंताओं को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते हैं। जब हमें ऐसा महसूस होता है कि कोई हमारी भावनाओं को नहीं समझ पाएगा, तो हम उन्हें ज़ाहिर करने से डरने लगते हैं।
अपने आप को नॉर्मल दिखाने के लिए ऐसे वक्त में लोग अपनी चिंता को छुपाने का प्रयास करते हैं। ऐसी परिस्थिति में वे अन्य लोगों से मिलना जुलना धीरे धीरे कम कर देते हैं। इसके अलावा वो घर, ऑफिस या दोस्तों के साथ निष्क्रिय नज़र आते हैं। वे लोग जो किसी चिंता से ग्रस्त होते हैं, वे अपनी भावनाओं को छुपाने के लिए उन कामों को करने में भी दिलचस्पी लेने लगते हैं, जो उन्हें पसंद नहीं होते हैं।
वे लोग जो किसी न किसी वजह से मानसिक परेशानी से गुज़र रहे होते हैं। वे नर्वस महसूस करने लगते हैं। छोटी छोटी बातें उन्हें चौंका देती हैं। वे कुछ भी करने से पहले खुद को कॉफिडेंट फील नहीं करते हैं। एंग्जाइटी के कारण वे हर क्षण डरे रहते हैं। तनाव के कारण उन्हें मांइड डायवर्ट करने के लिए किसी न किसी चीज़ की आवश्यकता रहती है।
अपने आप में ही गुम रहना और गंभीरता से किसी बात पर विचार करना एंग्जाइटी का संकेत है। एंग्ज़ाइटी से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर एकांत की तलाश करते हैं और घंटों अकेले बैठकर वक्त गुज़ारते हैं। इसी वजह से उनका सोशल नेटवर्क कम होने लगता है। दिनों दिन गंभीर बेचैनी और परेशानी में जूझने लगते हैं।
वे लोग जो किसी मेंटल प्रॉबलम से जूझ रहे होते हैं, ऐसे लोगों का मुख्य उद्देश्य खुद को व्यस्त रखना होता है। अपने खाली वक्त में घूमने फिरने या सोने की जगह काम में व्यस्त हो जाते हैं। ताकि वे बार बार उस विषय पर ध्यान न दे पाएं। अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा काम में व्यस्त रहता है, तो ये भी एग्जाइटी का ही एक साइन है।
बच्चे हो या बडे़ टेंशन हर किसी की जिंदगी में होती है। दरअसल, अत्यधिक चिंता थकान का कारण बनने लगती है। अगर कोई खुद को अनहेल्दी और थका हुआ महसूस कर रहा है, तो वो कहीं न कहीं अपनी चिंता छुपाने का प्रयास कर रहा है। चिंता आपको कमज़ोर बना देती है। आपको लगने लगता है कि आप बीमार है और आप कोई भी कार्य एचित प्रकार से नहीं कर पाते हैं।
अपनी एंगजाइटी को दूर करने के लिए ऐसे लोग किसी न किसी नशीले पदार्थ का सेवन करने लगते है। जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। माइंड को रिलैक्स रखने के लिए इस प्रकार की चीजों को खाने से चिंताग्रस्त लोग उनके एडिक्ट हो जाते हैं। इससे वो अपनी चिंता लोगों से छुपा लेते हैं। मगर शारीरिक तौर पर कई परेशानियों से घिर जाते हैं।
अपनी चिंता और परेशानी को हाइड करने के लिए ऐसे लोग हंसी का मुखौटा चेहरे पर लगाकर घूमने लगते हैं। वे हर पल खुद को चिल दिखाने के लिए अलग प्रकार से व्यवहार करने लगते हैं। कई दफा ऐसा व्यवहार नकली पन का एहसास करवाने लगता है। उनका बिहेवियर उनकी भावनाओं करो छुपाने में कारगर साबित नहीं होता है।
डॉ युवराज पंत के अनुसार ऐसे लोग जो हर वक्त अपने हाथ, पांव व सिर हिलाते रहते हैं। वे किसी न किसी चिंता से ग्रस्त पाए जाते हैं। उनका अपने उपर नियंत्रण नहीं रहता है। इसी कारण से उनकी बॉडी मूवमेंट करती रहती है। कोई न कोई चिंता हर वक्त उन्हें घेरे रखती है। आपका ऐसा व्यवहार आपके चिंताग्रस्त होने का संकेत देता है।
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कस्टमाइज़ करेंअपने दोस्तों या माता पिता से अपने दिल की बात अवश्य कहें। इससे आपको महसूस होने वाली घुटन से राहत मिल जाती है।
जैसा आप महसूस कर रही है। उसी प्रकार से ही व्यवहार करें। फेक इमोशंस शो करके आप अपनी चिंताओं को बढ़ाने लगते हैं।
कुछ वक्त अकेले बैठकर समस्या का हल निकालने का प्रयास करें और अन्य लोगों से भी मदद मांगें।
सोशल सर्कल को मेंटेन रखें। इससे आपका मन हल्का रहेगा और डिप्रेशन का शिकार होने से बचे रह सकते हैं।
अपनी मेंटल हेल्थ का भी ख्याल रखें और बात बात पर टेंशन और एंगज़ाइटी में घिरने से भी बचें।
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