आजकल चिंता और अवसाद की स्थिति काफी तेजी से बढ़ रही है। काफी कम उम्र में ही बच्चे एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, हर व्यक्ति के तनावग्रस्त होने की अपनी व्यक्तिगत वजह होती है, परंतु कुछ सामान्य कारण भी हैं जैसे कि जरूरत से ज्यादा नशा, देर रात जागने की आदत, नियमित धूम्रपान जो लोगों को डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार बना रही है। ऐसे में समय रहते इनपर नियंत्रण पाना बेहद महत्वपूर्ण है, अन्यथा चिंता समग्र सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। नियमित गतिविधियों पर उचित ध्यान देकर, आदतों में कुछ बदलाव कर, ध्यान, योग और उचित खानपान के साथ आप खुदको अवसाद की स्थिति से बाहर निकाल सकती हैं।
इतना ही नहीं कई ऐसे आयुर्वेदिक हर्ब्स भी हैं, जो चिंता और अवसाद से बाहर आने में आपकी मदद कर सकते हैं। इन हर्ब्स में एंटीडिप्रेसेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है, अवसाद की स्थिति में इनका सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद आरामदायक हो सकता है।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने चिंता और अवसाद को पीछे छोड़ खुदको शांत रखने के लिए कुछ प्रभावी हर्ब्स (herbs to stop anxiety) के नाम सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह इन हर्ब्स के माध्यम से हम अपने मेंटल हेल्थ को स्थापित रख सकते हैं।
लैवेंडर को डिप्रेशन और एंग्जाइटी की स्थिति में बेहद प्रभावी हर्ब के रूप में जाना जाता है। लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की खुशबू काफी रिलैक्सिंग और मूड बूस्टिंग हो सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2013 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार लैवेंडर का इस्तेमाल चिंता को कम कर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देता है।
आप लैवेंडर ऑयल को इन्हेल कर सकती हैं, इसकी खुशबू आपको शांत रहने में मदद करेगी, साथ ही साथ इससे बेहतर नींद प्राप्त करने में भी आसानी होगी। लैवेंडर से बनी चाय कमाल की मूड बूस्टिंग टी साबित हो सकती है। साथ ही साथ यह आपको अंदरूनी उर्जा भी प्रदान करती है।
एक्सपर्ट के अनुसार डिप्रेशन और एंग्जाइटी की स्थिति में कैमोमाइल एक प्रभावी हर्ब के रूप में काम करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2012 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यह आपके नर्व को आराम पहुंचती है, साथ ही तनाव और चिंता के लक्षणों पर नियंत्रण पाने में मदद करती है।
आप इसे चाय के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बेहरीन हर्ब साबित होगी। इसके फायदे केवल मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं हैं, इसकी प्रोपर्टी शारीरिक थकान और तनाव को भी कम करने में मदद करती है।
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सालों से अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेद में तमाम स्वास्थ्य समस्याओं के निवारण के रूप में होता चला आ रहा है उन्ही में डिप्रेशन भी शामिल है। अश्वगंधा में एडेप्टोजेनिक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षणों से राहत पाने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य ब्रेन कंडीशन जैसे कि अल्जाइमर और डिमेंशिया कि स्थिति में भी कारगर होता है। यहां तक कि यह ब्रेन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
जीनस पैनाक्स (genus panax) नामक पौधे की जड़ को जिनसेंग कहा जाता है। सालों से इसका इस्तेमाल चाइनीज दवाइयों में मेंटल क्लेरिटी और एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए होता चला आ रहा है। तनाव की स्थिति में इसका इस्तेमाल आपको शांत रहने में मदद करता है साथी साथ शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है, क्योंकि अक्सर अवसाद में हमें थकान के लक्षण नजर आते हैं। इसके फायदे केवल मानसिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं हैं, यह कई अन्य रूपों से भी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
रोजमेरी का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों को पकाने के लिए किया जाता है। यह खाद्य पदार्थों में एक अलग सा फ्लेवर और स्वाद जोड़ता है। परंतु इसके कई मेडिकल इफेक्ट भी होते हैं जैसे कि रेस्पिरेट्री डिसऑर्डर, हेयर ग्रोथ और डिप्रेशन की स्थिति में यह बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। इसका इस्तेमाल डिप्रेशन एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्थितियों को ट्रीट करने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर होता चला आ रहा है।
आप इसे डाइट में शामिल करने के साथ-साथ रोजमेरी एसेंशियल ऑयल को इन्हेल कर सकती हैं। इसका सुगंध भी मानसिक रूप से स्थिर रहने में आपकी मदद करता है।
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