गर्मी में बढ़ने लगी है अंडरबूब रैशेज की समस्या, तो इन टिप्स को करें रूटीन में शामिल

लगातार, स्वैटिंग और गीलापन अंडरबूब रैशेज की समस्या को बढ़ा देते हैं। मगर कुछ आसान उपाय इस समस्या को हल कर सकते हैं। जानते हैं अंडरबूब रैशेज को दूर करने के कुछ आसान उपाय
Jaanein underboob rashes ka kaaran
हीट रैश से स्तनों के नीचे सूजन और घाव की समस्या का सामना करना पड़ता है।चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 10 May 2024, 11:00 am IST
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तापमान तेज़ी से बढ़ रहा है, ऐसे में स्वैटिंग, स्किन रैशेज और इचिंग का सामना करना पड़ता है। लंबे वक्त तक गर्मी में रहने से शरीर के अन्य हिस्सों की तरह स्तनों के नीचे भी लालिमा, सूजन और रैशेज बढ़ने लगते हैं। अत्यधिक पसीने के कारण स्तनों के नीचे संक्रमण पनपने लगता है। इससे अंडरबूब रैशेज बैक्टीरियल इंफे्क्शन का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर लोग इस समस्या को हल करने के लिए दवाओं या मरहम की मदद लेते हैं। मगर कुछ आसान उपाय इस समस्या को हल कर सकते हैं। जानते हैं अंडरबूब रैशेज को दूर करने के कुछ आसान उपाय।

क्यों बढ़ने लगती है अंडरबूब रैशेज की समस्या

इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ निवेदिता दादू कहती हैं कि लगातार, स्वैटिंग और गीलापन अंडरबूब रैशेज की समस्या को बढ़ा देते हैं। हीट रैश से स्तनों के नीचे सूजन और घाव की समस्या का सामना करना पड़ता है। स्वैटिंग के अलावा हार्मोनल बदलाव, मोटापा और मास्टिटिस अंडरबूब रैशेज का मुख्य कारण साबित होते हैं। स्तनपान करवाने वाली महिलाएं मास्टिटिस का शिकार होती है। इस समस्या से बचने के लिए स्तनों की क्लीनिंग मेंटेन करने के साथ गर्मी में ढ़ीले कपड़े पहनना आवश्यक है।

Breast rash ke kaaran
स्वैटिंग के अलावा हार्मोनल बदलाव, मोटापा और मास्टिटिस अंडरबूब रैशेज का मुख्य कारण साबित होते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

जानते हैं अंडरबूब रैशेज को दूर करने के कुछ आसान उपाय

1. कोल्ड कंप्रैस

इचिंग और बर्निंग सेंसेशन से राहत पाने के लिए कोल्ड कंप्रैस एक बेहतरीन उपाय है। इसकी मदद से स्तनों के नीचे बढ़ने वाले रैशेज से राहत मिलती है और इंफ्लामेशन की समस्या कम हो जाती है। 8 से 10 मिनट तक कोल्ड कंप्रैस का प्रयोग करने से स्तनों के नीचे बढ़ने वाले दानों से राहत मिलने लगती है।

2. स्तनों को स्वैटिंग से बचाएं

स्तनों के आसपास बढ़ने वाली स्वैटिंग को दूर करने के लिए अंडरबूब क्लीनिंग का ख्याल रखें। स्तनों के नीचे लंबे वक्त तक गीलापन रहने से यीस्ट इंफैक्शन और डार्क स्किन की समस्या का खतरा बढ़ने लगता है। इसके अलावा दिनभर खुजली का भी सामना करना पड़ता है।

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स्तनों के आसपास बढ़ने वाली स्वैटिंग को दूर करने के लिए अंडरबूब क्लीनिंग का ख्याल रखें। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. ओटमील बाथ

यूएसडीए के अनुसार ओटमील त्वचा संबधी रोग एग्जिमा से लेकर बर्नस तक के उपचार में मददगार है। अंडरबूब इचिंग से बचने के लिए 1 कप ओट्स के पाउडर को बाथटब में मिलाकर नहाने से बैक्टीरियल इंफेक्शन से राहत मिल जाती है। इसके अलावा त्वचा पर बढ़ने वाली इचिंग की समस्या भी हल होने लगती है।

4. नारियल का तेल

कोकोनट ऑयल से स्किन पर बढ़ने वाले रूखेपन और इचिंग से राहत मिलती है। एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर नारियल के तेल को नियमित तौर पर लगाने से एलर्जी को दूर करने में भी मदद मिल जाती है। स्तनों के नीचे बढ़ने वाली खुजली की समस्या को कम करने के लिए स्तनों के नीचे नियमित तौर पर नारियल का तेल अप्लाई करें।

5. लंबे वक्त तक ब्रा पहनने से बचें

वे महिलाएं, जो लंबे वक्त तक ब्रा पहनती हैं। उन्हें अक्सर अंडरबूब रैशेज का सामना करना पड़ता है। दरअसल, स्तनों के नीचे मॉइश्चर जमा होने से संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में देर तक ब्रा पहनने से बचें और अंडरबूब एरिया को क्लीन रखने का प्रयास करें।

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स्तनों के नीचे मॉइश्चर जमा होने से संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में देर तक ब्रा पहनने से बचें। चित्र अडोबी स्टॉक

6. कॉटन ब्रा का चयन करें

गर्मी के मौसम में सिंथेटिक ब्रा पहनने से स्वैटिंग से बचने में मदद मिलती है। इसके अलावा टाइट ब्रा भी रैशेज का कारण बनने लगती है। ऐसे में ब्रा के फेब्रिक का ब्रीथएबल होना ज़रूरी है। इससे बार बार इचिंग का सामना नहीं करना पड़ता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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