कई वजह से योनि में सूजन (Vaginal Swelling) हो सकती है। योनि की सूजन यौन उत्तेजना या गर्भावस्था की स्वाभाविक प्रतिक्रिया भी हो सकती है। योनि की सूजन जलन, एलर्जी या फिर सेक्स के समय किसी प्रकार का ट्रॉमा होने पर भी हो सकती है। कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण सहित कई दूसरे संक्रमण के कारण भी हो सकता है। एक्सपर्ट बताती हैं कि किसी भी कारण से हुए योनि सूजन (Vaginal Swelling) का उपचार समय पर करा लेना जरूरी है।
प्राइमस सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कन्सल्टेंट गायनेकोलॉजी डॉ. रश्मि बालियान कहती हैं, ‘एलर्जी एक असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, जिसमें शरीर किसी भी प्रकार के ट्रिगर के जवाब में इम्युनोग्लोबुलिन ई एंटीबॉडी जारी करता है। इसे एलर्जेन के रूप में जाना जाता है। यह हिस्टामाइन रसायन के सीक्रेशन को उत्तेजित करता है। यह सीधे तौर पर दाने, सूजन, रेडनेस और खुजली जैसे एलर्जी के लक्षणों का कारण बनता है।
योनि में सूजन सुगंधित साबुन, योनि को धोने, सैनिटरी पैड और टैम्पोन प्रयोग, स्किन क्रीम और लोशन, लुब्रिकेंट, लेटेक्स कंडोम, गर्भनिरोधक आदि जैसे कारकों के सम्पर्क में आने से हो सकता है। हल्के मामलों का इलाज क्लैरिटिन और ज़िरटेक जैसे एंटीहिस्टामाइन से किया जा सकता है। ये हिस्टामाइन की क्रिया को रोकते हैं। सूजन को कम करने के लिए हाइड्रोकार्टिसोन जैसी हल्की स्टेरॉयड क्रीम (Vaginal Treatment) भी लगाई जा सकती है।’
डॉ. रश्मि के अनुसार, इसके कारण योनि के ऊतकों में सूजन हो सकती है। यह स्तिथि जलन पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने पर होता है। सूजन एंटीहिस्टामाइन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील होने पर भी हो सकती है। लक्षणों को कम करने (Vaginal Treatment) में मदद के लिए हल्के हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम या गाइनोर्म जैसी वैजाइनल क्रीम दी जा सकती है।
योनि के ऊतक नाजुक होते हैं। यदि गलत तरीके यानी लूब्रिकेशन के अभाव में सेक्स या लंबे समय तक या जबरदस्ती इंटरकोर्स किया जाता है, तो यह कारण बन सकता है। बड़े सेक्स टॉय का उपयोग भी आघात का कारण बन सकता है। दर्द को कम करने के लिए योनि को सुन्न करने वाली क्रीम (Vaginal Treatment) का प्रयोग किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के ट्रॉमा से बचने के लिए आप स्वयं कदम उठा सकती हैं।
यीस्ट संक्रमण (Yeast Candidiasis) योनि में सामान्य रूप से पाए जाने वाले कैंडिडा अल्बिकन्स यीस्ट की अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने पर फंगस अत्यधिक बढ़ने लगता है। योनि कैंडिडिआसिस के कारण योनि में सूजन और लालिमा, पेशाब करते समय दर्द, योनि में खुजली और दुर्गंध के साथ वाइट सीक्रेशन भी होता है।
हार्मोनल परिवर्तन जैसे गर्भावस्था, पीरियड और हार्मोनल गर्भ निरोधकों के उपयोग के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स और मधुमेह भी जोखिम कारक हैं। यीस्ट संक्रमण के उपचार में एंटीफंगल क्रीम प्रभावी हैं। गंभीर मामलों के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन वाली एंटीफंगल दवाएं(Vaginal Treatment) ली जा सकती है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कारण भी सूजन हो सकती है।
कई यौन संचारित संक्रमण (STI) योनि में जलन और सूजन का कारण बन सकते हैं। ये चकत्ते, छाले या घाव का कारण बनते हैं। इसके कारण दर्द, पेशाब करते समय दर्द, सेक्स करते समय दर्द होता है। असामान्य योनि स्राव होता है और कमर में लिम्फ नोड्स में सूजन होती है।
क्लैमाइडिया, माइकोप्लाज्मा जेनिटलियम, सिफलिस, ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया जैसे बैक्टीरियल एसटीआई का उचित एंटीबायोटिक से इलाज किया जा सकता है। ट्राइकोमोनिएसिस एक पैरासाइट संक्रमण है, जिसे एंटीबायोटिक दवा मेट्रोनिडाजोल से ठीक किया जा सकता है। हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस के कारण होने वाले योनि सूजन का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे एंटीवायरल दवाओं से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान योनि में सूजन आम है। बढ़ते भ्रूण को सहारा देने के लिए गर्भाशय में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ता है, गर्भ के भीतर बढ़ता दबाव रक्त वाहिकाओं के माध्यम से और लिम्फ वाहिकाओं के माध्यम से प्रवाह को बाधित कर सकता है। इससे योनि में सूजन और सूजन हो सकती है। ओवर-द-काउंटर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Vaginal Treatment) का उपयोग सूजन और दर्द से राहत के लिए लिया जा सकता है। ठंडी सिकाई से भी मदद मिल सकती है। सिस्ट और फोड़े के कारण भी सूजन हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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