तेज़ गर्मी में बाहर निकलते ही शरीर को थकान और कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, तापमान में होने वाली बढ़ोतरी के चलते शरीर पर हीट स्ट्रोक का प्रभाव देखने को मिलता है। इसे रिलेटिड इलनेस भी कहा जाता है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर सौंफ शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करती है। इसके सेवन से शरीर में गर्मी कम होने लगती है और पाचनतंत्र मज़बूत बनता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भीहल हो जाती है, जिसके चलते हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य संबधी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। सौंफ विटामिन सी, के और ई का रिच सोर्स है। इसके सेवन से वेटलॉस में भी मदद मिलती है।
घर से बाहर निकलने से पहल पानी उचित मात्रा में पीएं। इसके अलावा दिन भर में हेल्दी नेचुरल ड्रिंक्स जैसे नींबू पानी, नारियल पानी और बेल के रस का सेवन करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा उचित बनी रहती है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए कैफीन और अल्कोहल इनटेक को घटाने का प्रयास करें। अन्यथा शरीर को ब्लोटिंग, पेट दर्द और नॉज़िया का सामना करना पड़ता है।
अधिक स्पाइसी और प्रोसेस्ड फूड खाना इनडाइजेशन का कारण बनने लगता है। ऐसे में हल्का और पौष्टिक आहार लें। लौकी, खीरा, ककड़ी, तरबूज और खरबूजा समेत वॉटर कंटेंट से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें। बासी खाना खाने से बचें और दिनभर में स्मॉल मील्स लें। एक साथ ज्यादा मात्रा में खात्रा खाने से पाचनतंत्र को बिगाड़ सकता है और डाइजेशन स्लो होने लगता है।
सिथेटिक और टाइट कपड़ों को पहनने से पसीने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शरीर में खुजली, रैशज़ और संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है। शरीर को गर्मी से बचाने के लिए ब्रीथएबल और ढ़ीले पकड़े पहनें। इसके अलावा कपड़ों की ज्यादा लेयर्स पहनने से भी बचें। कॉटन के कपड़ों को चुनें और हल्के रंगों का चयन करे।
काम करने के दौरान कुछ वक्त ब्रेक लें और शरीर को ठंडक प्रदान करें। इससे शरीर का तापमान सामान्य होने लगता है। इसके लिए कुछ वक्त कूलर, पंखे या एसी के नज़दीक बैठें। इससे शरीर में बार बार आने वाला पसीना दूर होता है और शरीर संतुलित बना रहता है। इसके अलावा धूप में निकलने से पहले शरीर को कवर करके निकलें। इससे टैनिंग की समस्यसा से भी बचा जा सकता है।