वजाइनल डिस्चार्ज कोई रोग या परेशानी नहीं हैं बल्कि एक हेल्थ कंडीशन है। इसमें योनि से थिक फार्म में हल्के पीले रंग का डिस्चार्ज(yellowish discharge) होता है। अपने जीवन में हर महिला इस प्रकार के पदार्थ का अनुभव करती है। समस्या का केन्द्र वजाइनल डिस्चार्ज(vaginal discharge) नहीं बल्कि उसका रंग और र्दुगंध है। पीरियड्स के दिनों में जहां हम एक साथ 5 से 7 दिन तक ब्लड डिस्चार्ज(blood discharge) से होकर गुज़रते हैं।
ठीक उसी तरह से मेंस्ट्रुअल साइकिल के अलावा बाकी दिनों में योनि से थिक फॉर्म में लिक्विड निकलता है। जहां एक तरफ इसके कई प्रकार होते हैं, तो उन्हीं से इसके कारण भी संबधित है
आइए जानते हैं योनि से होने वाले अलग-अलग तरह के डिस्चार्ज के बारे में
स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ रितु सेठी बताती हैं कि इस बात को समझना बेहद ज़रूरी है कि योनि से लिक्विड डिस्चार्ज होता है। इससे योनि को चिकनाई मिलती हैं। ये डिस्चार्ज पुराने सेल्स को हटाकर योनि को साफ करने में मददगार साबित होते है। इन तरल पदार्थों में आमतौर पर कोई गंध नहीं होती है। वे पूरी तरह से साफ या दूध जैसे थोड़े से गाढ़े दिखते हैं।
कभी.कभी, योनि में से निकलने वाला स्राव बिल्कुल तरल और पतला भी होता है, जो पूरी तरह से नार्मल कहलाता है। पदार्थ देख सकते हैं जो पतला और तारदार होता है।
डॉ रितु सेठी बताती हैं कि यदि आपकी योनि से हल्के पीले और मोटे रंग का डिसचार्ज हो रहा है। इसके अलावा आपको खुजली या जलन की समस्या सता रही है, तो ये यीस्त इंफेक्शन का संकेत है। वहीं अगर स्त्राव भूरे रंग का होता है, तो वो बैक्टीरियल वेजिनोसिस की ओर इशारा करता है।
अगर आपको वेजाइना में बार बार इचिंग या तेज़ दुर्गंध का अनुभव हो रहा है, तो ये बैक्टिरियल इंफे्क्शन की निशानी है। जलन के साथ होने वाला हरा डिस्चार्ज पूरी तरह से अबनार्मल है। दरअसल, ट्राइकोमोनिएसिस, जिसे ट्राइच भी कहा जाता है। ये एक आम यौन संचारित रोग है, जो इस तरह के डिस्चार्ज का कारण मात्र होता है। कम उम्र की तुलना में बड़ी उम्र की महिलाओं में ये ज्यादा देखने को मिलता है। इसके लिए डॉक्टर की तुरंत सलाह लें।
पीरियड्स के दिनों में या मासिक धर्म शुरू होने से एक से दो दिन पहले होने वाला ब्राउन डिस्चार्ज पूरी तरह से नार्मल कहलाता है। डॉ रितु सेठी बताती हैं कि अगर ऐसा डिस्चार्ज आपको आम दिनों में भी फिशी स्मैल के साथ हो रहा है, तो ये सर्वाईकल कैंसर का संकेत मात्र माना जाता है। इसके अलावा ये कई बार होने वाले अनियमित पीरियड् को भी दर्शाता है।
बैक्टिरयिल या यीस्ट इंफेक्शन के कारण आमतौर पर सफेद थिक डिसचार्ज होने लगता है। इसमें स्राव की कंसिस्टेंसी गाढ़ी होती है। साथ ही तेज़ गंध और खुजली भी रहती है। विशेषज्ञ इसके लिए योनि को हर वक्त साफ रखने की सलाह देते हैं। साथ ही अंडरगार्मेंटस को भी नियमित तौश्र पर बदलने की हिदायत दी जाती है।
यूरिन पास करने से पहले सफेद टॉयलेट पेपर से वेजाइना को पोंछें। उसी समय डिस्चार्ज का रंग, स्मैल और कंसिस्टेंसी चैक करें।
उसके बाद अपने अंडरवियर पर स्राव के कलर और शेप को देखें।
इसके अलावा अपनी दो उंगलियों को वेजाइना में डालें और हो रहे डिस्चार्ज को उंगलियों पर लें। अब उसके लक्षणों को महसूस करें।
हाइजीन का ख्याल रखें। योनि को यूरिन पास करने के बाद क्लीन करना न भूलें।
ज्यादा से ज्यादा कॉटन के कपड़े पहनें। इससे इरीटेशन का खतरा बढ़ जाता है।
पुरानी पैंटी को हर दो महीने में बदल दें और हल्के रंग की पैंटी का इस्तेमाल करें।
पैंटी को आयरन करना न भूलें। इससे बैक्टिरियल इंफे्क्शन अपने आप खत्म हो जाता है।
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