मौसम में हयूमिडिटी बढ़ने से उसका असर हमारे शरीर के अंगो पर भी दिखने लगता है। ऐसे में मौसम में रैशेज की समस्या बेहद आम है। बार बार होने वाली स्वैटिंग और बैक्टिरियल इंफे्क्शन अंडर बूब एरिया में रैशेज का कारण बन जाते हैं। रैशेज से खुजली, दर्द व जलन की समस्या बढ़ने लगती है, जिससे हम दिनभर अनकंफर्टेबल रहने लगते हैं। अंडरब्रेस्ट एरिया में होने वाले रैशेज ब्रा पहनने के चलते बढ़ने का खतरा भी रहता है। जानते हैं क्यों बढ़ता है। अंडर बूब संक्रमण (Under breast rash) और उससे बचने का तरीका भी।
मास्टिटिस उस कंडीशन को कहते है जो ब्रेस्ट सेल्स में स्वैलिंग और इंफे्क्शन की वजह साबित होती है। आमतौर पर ये समस्या लैक्टेटिंग मदर्स में देखने को मिलती है। इससे दूध का रिसाव होने और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान इंफेक्शन के कारण ये समस्या हो सकती है। इसमें ब्रेस्ट पेन, सूजन, उलटी, बुखार व ठंड लगने की समस्या बढ़ने लगती है।
यीस्ट इंफे्क्शन आपकी ब्रेस्ट के नीचे के क्षेत्र को भी परेशान कर सकता है। ये इफेक्शन निपल्स पर होने वाले घाव के चलते अंडर बूबस में फैलने लगते हैं। ऐसे में ब्रेस्ट पर दर्द, जलन और खुजली होने लगती है। ऐसे में निपल्स की क्लीनिंग बेहद ज़रूरी है। यीस्ट इंफे्क्शन से बचने के लिए ब्रेस्ट फीडिंग के बाद ब्रेस्ट एरिया को क्लीन करना बहुत ज़रूरी है।
खासतौर से गर्मी के मौसम में बार बार पसीना आने से रैशेज की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में अंडर ब्रेस्ट एरिया को नियमित तौर पर क्लीन रखना बहुत ज़रूरी है। ऐसे में नहाने के लिए खुशबूदार साबुन का प्रयोग करने से बचें। अंडर ब्रेस्ट एरिया क्लीन करने के लिए क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करें। रैशेज को कम करने के लिए दिन में 2 से 3 बार लोशन या जेल का प्रयेग करें।
लाइट कॉटन के कपड़े से तैयार ब्रा को पहनें। इससे अंडर ब्रेस्ट होने वाली नमी से राहत मिलती है। इसके अलावा कॉटन का कपड़ा ब्रीथएबल होने से पसीना और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। इससे दिन भर अंडरबूब एरिया सूखा रहता है और आप भी कंफर्टएबल रहती है। इससे बार बार इचिंग की समस्या भी देर होती है।
अगर आप घर से बाहर नहीं जा रही हैं, तो उस वक्त ब्रालेस रहें। दिनभर ब्रा पहने रखने से रैशेज बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा रात के समय ब्रा पहनने की आदत से भी बचना चाहिए। माइश्चर के चलते रैशेज भी बढ़ सकते हैं। कुछ दिन ब्रा को दिनभर न पहनने से आपकी परेशानी जल्दी दूर होने लगती है।
4. कोल्ड कंप्रैस
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कस्टमाइज़ करेंरैशेज से बचने के लिए कुछ देर आइस पैक की मदद से ठंडी सिकाई करें। इससे जख्म जल्दी भरने लगते हैं। इससे स्तनों के नीचे बनने वाली लाल निशान दूर हो जाते है। दरअसल, लाल निशान के चलते खुजली और जलन की समस्या बढ़ने लगती है। आइस पैक के अलावा एक कॉटन टॉवल में बर्फ के कुछ टुकड़े डालें और उसे रैशेज वाले स्थान पर लगाएं। इससे 3 से 5 मिनट तक सिकाई करें। दिन में 2 से 3 बार आप कोल्ड क्रप्रेस का इस्तेमान कर सकते हैं।
एंटी इंफलामेंटरी और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर टी ट्री ऑयल का प्रयोग करने से खुजली व स्वैलिंग दोनों से मुक्ति मलि जाती है। टी ट्री ऑयल को आप किसी कैरियर ऑयल में मिलाकर स्तनों के नीचे रातभर लगाएं।
स्किन इंफेक्शन को रोकने के लिए लहसुन का तेल बेहद कारगर साबित होता है। इसके लिए लहसुन की 2 से 3 कलियों को लें और उसे ऑलिव ऑयल में डालकर कुछ देर पकने दें। अब उसे ठंण्डा होने के बाद अंडर बूबस अप्लाई करें।
शरीर को ठण्डक पहुंचाने वाली एलोवेरा जेल को अंडर बूबस पर अप्लाई करें और उसे कुछ देर तक लगे रहने दें। 1 घंटे बाद आप उसे क्लीन कर दें। इससे भी आपका फायदा मिलता है।
नीम की पत्तियों में मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रापर्टीज आपकी त्वचा पर होने वाले हर प्रकार के इंफेक्शन से आपको बचाते है। इसके लिए नीम की पत्तियों पर कम मात्रा में पानी मिलाएं और एक थिक पेस्ट तैयार कर लें। अब उसे अंडर ब्रेस्ट लगा लें।
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