मौसम बदलने के साथ जिस प्रकार हमारी बॉडी में कई परिवर्तन महसूस होते हैं। ठीक उसी प्रकार से वेजाइनल हेल्थ भी उससे प्रभावित होने लगती है। कभी बारिश, तो कभी धूप के चलते वेजाइनल स्वैटिंग बढ़ जाती है, जो वेजाइनल इंफेक्शन का कारण बन जाता है। अत्यधिक स्वैटिंग होने से योनि के नज़दीक खुजली, जलन और डिस्चार्ज की समस्या बढ़ जाती है, जो डिसकंफर्ट का कारण साबित होने लगता है। ऐसे में वेजाइनल हेल्थ को हेल्दी बनाए रखने के लिए इन टिप्स को अवश्य फॉलो करें (sweat around the vagina)।
पीरियड साइकिल (Period cycle) प्रारंभ होने के बाद महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी और मेनोपॉज तक कई प्रकार के हार्मोनल चेंजिज आते हैं। जो वेजाइना के नजदीक बढ़ने वाली स्वैटिंग (sweating) का कारण बनने लगते हैं। वेजाइना के इर्द गिर्द पसीना (Sweating around vagina) आन से दुर्गंध और इचिंग बढ़ने लगती है।
मेनोपॉज के नज़दीक आते ही महिलाओं में तनाव की समस्या बढ़ने लगती है। जो अत्यधिक स्वैटिंग का कारण बन जाता है। इसके चलते महिलाओं के मूड में भी कई प्रकार के बदलाव नज़र आने लगते हैं। एंग्जाइटी के अलावा अन्य मेडिकल कंडीशन भी स्व्ैटिंग का कारण बन जाता है।
पीरियड साइकिल के दौरान अगर आप लंबे वक्त तक एक ही पैड का प्रयोग कर रही है, तो उससे भी स्वैटिंग बढ़ जाती है। इसके अलावा वेजाइना के नज़दीक रैशेज का खतरा बढ़ने लगता है। ब्लड का हैवी फलो आपको अनकंफर्टेबल बना सकता है। ऐसे में पैड को नियमित तौर पर बदलते रहें।
अगर आप रोज़ाना वजाइनल एंरिया को क्लीन नहीं करती हैं, तो ये भी अत्यधिक पसीना आने का कारण बन जाता है। वेजाइना को वॉश करने के अलावा प्यूटिक हेयर को हटाना भी ज़रूरी है। दरअसल, हेयरग्रोथ से भी गर्मियों में खासतौर से पसीना आने लगता है।
वेजाइना के आसपास जमा होने वाले पसीने से बचने के लिए सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से बचें। इससे खुजली, पसीना, दुर्गंध और जलन की समस्या बढ़ जाती है। वेजाइना के नज़दीक क्लीनिंग बरकरार रखने के लिए कॉटन अंडरवियर पहनें। जो आपकी सेहत को फायदा पहुंचाती है।
ज्यादा टाइट कपड़े पसीने का कारण बनने लगते हैं। दरअसल, वो माइश्चर को कैद कर लेते है, जिससे स्वैटिंग की समस्या बढ़ने लगती है। लूज बॉटम्स पहनने से जेनिटल्स के आस पास ड्राइनेस मेंटेन रहती है। इससे आप उठने बैठने में होने वाली तकलीफ से भी बचे रहते हैं।
इंटिमेट हाइजीन मेंटेन रखने के लिए लोग कई प्रकार के सेंटिड और केमिकल युक्त वेजाइनल क्रीम और स्क्रब का इस्तेमाल करते हैं। जो वेजाइन के पीएच लेवल को अनबैंलेस कर देता है। इससे वेजाइनल इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। साथ ही अत्यधिक पसीने की समस्या सताने लगती है। वेजाइना को हेल्दी रखने के लिए फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को कम करें।
अगर योनि के आस पास हर दम पीसने की समस्या बनी रहती है, तो इससे बचने के लिए एब्जार्बेंट पैड का प्रयोग करें। इससे पसीना जेल में बइल जाता है। जो आपको दिनभर ड्राइनेस का एहसास करवाता है। इसके अलावा पीरियड्स के दिनों में भी लंबे वक्त तक सैनिटरी पैड्स को पहनना भी अवॉइड करें। 5 से 6 घंटों के बाद पैड अवश्य बदलें।
अगर आपका अंडरवियर पसीने से भीग गया है, तो उसे दिन में 1 से 2 बार बदलें। दरअसल, गीला अंडरवियर पहनने से संकमण का खतरा बढ़ने लगता है। दरअसल, अंडरवियर में माइश्चर बैक्टीरिया को तेज़ी से बढ़ने में मदद करने लगता है, जो कई प्रकार की वेजाइनल समस्याओं का कारण सिद्ध होता है। हमेशा सूती अंडरवियर ही पहनें।
इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखने के लिए इनर वियर को दिन में दो बार अवश्य बदलें। इससे आप गीलेपन, संक्रमण और दुर्गंध से बचे रहते हैं। गीला इनर वियर कई वेजाइनल समस्याओं का कारण साबित हो सकता है। इनर वियर को चुनते समय सिथेंटिक की जगह कॉटन फेब्रिक चुनें। जो पूरी तरह से ब्रीथएबल हो।
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