वेजाइनल लुब्रिकेशन नेचुरली बढ़ा सकते हैं ये 6 तरह के फूड्स, 40 प्लस महिलाएं जरूर खाएं

Published on:15 February 2024, 18:42pm IST

एक उम्र बाद ज्यादातर महिलाएं योनि में सूखेपन का सामना करती हैं। इसके लिए हॉर्मोन सहित और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। यहां हम उन फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो वेजाइना में लुब्रिकेशन बढ़ा सकते हैं।

1/7
क्यों कम होने लगती है वेजाइनल लुब्रिकेशन
yoni men sookhapn se bachne ke liye sugandhit product istemal nahin karen.

जर्नल ऑफ क्लिनिकल आब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी के अनुसार जैसे जैसे उम्र बढ़ती है शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है। इसके चलते वेजाइना में नेचुरल ल्यूब्रिकेशन की कमी बढ़ने लगती है, जिससे रूखापन महसूस होने लगता है और सेक्सुअल लाइफ में दिक्कतें आने लगती हैं। ड्राईनेस को दूर कर प्राकृतिक ल्यूब्रिकेशन को पाने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

2/7
ओमेगा 3 फैटी एसिड

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन से न केवल पीरियड पेन की समस्या हल होती है बल्कि शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे वेजाइनल ड्राईनेस को कम किया जा सकता है। इसके लिए डाइट में सूरजमुखी के बीज, तिल, कद्दू के बीज और मछली को शामिल करें।

3/7
हरी पत्तेदार सब्जियां
hari sabziyon ke fayde

नियमित तौर पर हरी सब्जियों के सेवन से योनि का सूखापन कम होने लगता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद डाइटरी नाइट्रेट शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं। नाइट्रेट्स की मदद से ब्लड वेसल्स वाइड होने लगती हैं और योनि समेत पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार आने लगता हैं। इससे वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन में बढ़ोतरी होती है।

4/7
सोया का सेवन
वेजाइनल ड्राइनेस के कारण।चित्र- शटरस्टॉक

सोया में फाइटोएस्ट्रोजेन कंपाउंड पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ जाती है। इसे आहार में शामिल करने से पोस्टमेनोपॉजल वेजाइनल ड्राईनेस से मुक्ति मिल जाती है। इसके चलते आहार में सोया मिल्क, टोफू और टैम्पेह को शामिल कर सकते हैं। सोया में मौजूद आइसोफलेवोन्स स्वास्थ्य को उचित बनाए रखते हैं।

5/7
प्रोबायोटिक रिच फूड

प्रोबायोटिक से भरपूर आहार शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। इससे गट हेल्थ मज़बूत होती है और योनि स्वास्थ्य भी उचित बना रहता है। इसके नियमित सेवन से वेजाइनल डिसचार्जऔर गंध में परिवर्तन नज़र आने लगता है। इससे योनि के संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलती हैं।

6/7
स्वीट पोटेटा यानि शकरकंदी

एनआईएच के अनुसार इसमें बीटा कैरोटीन, फोलेट और विटामिन ए, सी, डी और ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे यूटरीन वॉल्स को स्किन थिनिंग की समस्या से बचाने में मदद करते हैं। इसके नियमितसेवन से शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है। शकरकंदी में मौजूद फाइबर की मात्रा शरीर में इंसूलिन लेवल को स्टेबलाइज़ करने में मदद करती है, जिससे पीसीओएस के खतरे से भी बचा जा सकता है।

7/7
क्रेनबेरी जूस है फायदेमंद

क्रेनबेरी में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते है, जो शरीर को संक्रमण के प्रभाव से मुक्त रखता है। इसके सेवन से यूटीआई के खतरे से बचा जा सकता है। इसके अलावा वेजाइना का पीएच लेवल मेंटेन रहताहै और शरीर में विटामिन ई और सी की कमी भी पूरी होती है। इसके सेवन से वेजाइनल इचिंग की समस्या से भी राहत मिल जाती है।