सभी महिलाओं को उम्र के एक पड़ाव के बाद मेनोपॉजल का सामना करना पड़ता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जिनमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी लक्षण शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए MHT यानी कि मेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी (Menopausal hormone Therapy) की मदद ली जा सकती है। पर क्या यह सभी महिलाओं के लिए जरूरी है? और क्या हो सकते हैं इसके फायदे, आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।
MHT के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की लीड कंसल्टेंट, डॉक्टर अस्था दयाल से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं, मेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी से जुड़ी जरूरी बातें।
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर काफी कम हो जाता है, जिसकी वजह से कई शारीरिक लक्षण नजर आते हैं। एमएचटी वह दवा है जिसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और कभी-कभी टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन भी शामिल होते हैं। इसका उपयोग मेनोपॉज के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।
बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जिनमें मेनोपॉज के दौरान नजर आने वाले लक्षण बेहद गंभीर होते हैं और वे अपनी नियमित दिनचर्या को भी करने में सक्षम नहीं रहती। इनके लिए एमएचटी मददगार साबित हो सकती है। जिसे पिल्स, पैच, जेल, वेजाइनल क्रीम और आईयूडी के माध्यम से दिया जा सकता है।
मेनोपॉज एक महिला के जीवन में एक नेचुरल साइकल है, 45 से 55 वर्ष की आयु के आसपास महिलाओं का मेंस्ट्रुएशन बंद हो जाता है, जिसे मेनोपॉज कहते हैं।
आस्था दयाल के अनुसार “मेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी, या एमएचटी को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) के रूप में भी जाना जाता है। इसमें मेनोपॉज के लक्षण जैसे मूड में बदलाव, वेजाइनल ड्राइनेस और हॉट फ्लैशेज (या तो अकेले एस्ट्रोजन या एस्ट्रोजन प्लस प्रोजेस्टेरोन) के इलाज के लिए हार्मोन लेना शामिल है।”
“MHT के तहत मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉर्मोस की कमी को पूरा करने की कोशिश की जाती है। इस थेरेपी में उन हार्मोन की खुराक प्रदान की जाती है, जो रजोनिवृत्ति के दौरान असंतुलित हो जाते हैं और शारीरिक समस्याओं का कारण बनते हैं। जिन महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी हुई है, सर्जरी करके यूट्रस को रिमूव करना – उन्हें आमतौर पर एस्ट्रोजन थेरेपी निर्धारित की जाती है।
यह भी पढ़ें: इंटीमेट हाइजीन में लापरवाही बढ़ा सकती है यूटीआई का जोखिम, यहां हैं 4 कारण
जबकि जिन महिलाओं का गर्भाशय अभी भी बरकरार है, उन्हें प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन कांबिनेशन थेरेपी की सलाह दी जाती है।”
यूट्रस वाली महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए, एस्ट्रोजेन थेरेपी में प्रोजेस्टेरोन जोड़ा जाता है। हालांकि, एमएचटी जोखिम-मुक्त नहीं है। लंबे समय तक एमएचटी का उपयोग, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन के कांबिनेशन में, कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ हो सकता है। जैसे ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड क्लॉटिंग स्ट्रोक और हार्ट डिजीज।
शरीर की गर्मी को कम करती है।
वेजाइनल ड्राइनेस से राहत प्रदान करती है।
रात को नींद में पसीना आने की परेशानी को कम करती है।
जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है।
त्वचा की खुजली को कम करती है।
त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करे।
सिर दर्द कम करे।
बॉडी पेन से राहत प्रदान करे।
चिड़चिड़ापन न होने दे।
अनिंद्रा में कारगर है।
सेक्स ड्राइव को बढ़ाए।
असंतुलन को सामान्य रहने में मदद करे।
चक्कर आने को भी कंट्रोल करती है।
हार्मोन रिप्लेसमेंट मेनोपॉज के लक्ष्यों को इंप्रूव करता है। परंतु यह सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। यदि कोई महिला ब्रेस्ट और अन्य हार्मोन सेंसिटिव कैंसर से पीड़ित हैं, या उनमें ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर की शिकायत है। तो ऐसी महिलाओं को MHT नहीं करवानी चाहिए।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।