गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं। हार्मोन्स बदलते हैं और शारीरिक परिवर्तन भी महसूस होते हैं। इसके साथ ही प्यार की ज्यादा जरूरत महसूस होती है। वैसे भी सेक्स सिर्फ शारीरिक सुख नहीं है, इसका भावनाओं से भी उतना ही जुड़ाव है। महिलाएं जब अपने जीवन के इस जटिल पड़ाव से गुजर रही होती हैं, तब उन्हें केयर और अपने पार्टनर के साथ की भी जरूरत होती है। ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी में भी सेक्स करना पसंद करती हैं। पर क्या यह सुरक्षित है? आइए जानते हैं।
सेक्स दांपत्य जीवन का बेहद अहम हिस्सा है, लेकिन सेक्स के दौरान सावधानी बरतना भी उतना ही जरूरी है। सेक्स के बारे में एक सवाल कई लोगों के मन में उठता है कि पार्टनर के प्रेगनेंट होने पर शारीरिक संबंध बनाना सही हैं या नहीं?
सबसे खास बात यह है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को सेक्स में अधिक आनंद की प्राप्ति होती है। इसकी ख़ास वजह यह है कि जननांगों में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह उन्हें अति संवेदनशील बना सकता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान स्तन भी अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। जानी-मानी गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ अंजलि कुमार प्रेगनेंसी में सेक्स करने की अनुमति देती हैं, पर कुछ सावधानियों के साथ।
डॉ अंजलि कुमार ने अपने इंस्टाग्राम पेज मैत्री वुमेन पर इस समस्या को संबोधित किया और लिखा: “गर्भावस्था में सेक्स सुरक्षित और स्वस्थ है। यह ऑक्सीटोसिन छोड़ता है जो गर्भावस्था के तनाव से निपटने में मदद करता है, नींद में सुधार करता है और कुछ समय के लिए आप दर्द को भी भूल सकती हैं।”
गर्भावस्था के किसी भी स्तर (हर तीन महीने) पर सेक्स सुरक्षित होता है और इससे कोख में पल रहे शिशु को कोई नुकसान नहीं होगा। महिलाओं को गर्भपात या दर्द का डर रहता है। अगर मन में ऐसे डर हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। यदि कोई खतरा है तो डॉक्टर चेक करने के बाद जरूरी सलाह दे देंगी।
डॉ. अंजलि कुमारी के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान सेक्स का एक लाभ यह भी होता है कि मांसपेशियां प्रसव के लिए मजबूत हो जाती हैं। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
प्रेगनेंसी में सेक्स के दौरान भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचता है, क्योंकि सेक्स में उपयोग आने वाले अंग अलग हैं। इस प्रक्रिया का भ्रूण से कोई संबंध नहीं होता है। शिशु के आसपास एमनियोटिक द्रव का घेरा होता है जो भ्रूण को सुरक्षित रखता है। वह गर्भाशय में एमनियोटिक थैली से लिपटा होता है। सेक्स के दौरान पेनेट्रेशन योनि में होता है और इससे गर्भाशय पर कोई प्रभाव नहीं होता है.
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित शारीरिक संबंधों का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यदि इस वक़्त STD यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (सेक्स के कारण होने वाली बीमारी) होती है, तो यह मुश्किल पैदा कर सकती है। इसलिए, कंडोम का प्रयोग करें और अंगों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
ऐसी पॉजिशन चुनें जिसमें आराम मिले और कोख पर अधिक दबाव न पड़े। महिलाओं को इस दौरान पीठ के बल लेटने से बचना चाहिए।
डॉ. अंजलि कुमार के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान ओरल सेक्स सुरक्षित होता है, लेकिन ध्यान रखें कि पार्टनर योनि में हवा न डाले। इससे योनि में हवा के बुलबुले बन सकते हैं और रक्त वाहिका में रुकावट आ सकती है, जो कोख में पल रहे भ्रूण के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि पार्टनर से जरूर बात करें। जीवन के इस मोड़ पर भी पार्टनर के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना ही है। बस पार्टनर एक-दूसरे को समझें, उनकी जरूरत और स्थिति को समझने की कोशिश करें। आत्मीयता बनाए रखने के लिए सेक्स एक मात्र तरीका नहीं है। कपल एक-दूसरे को किस कर सकते हैं, एक-दूसरे को कडल कर सकते हैं। साथ में अच्छा वक़्त गुजार सकते हैं।
यह भी पढ़ें : एंडोमेट्रियोसिस से ग्रसित महिलाओं को करना पड़ सकता है इन चुनौतियों का सामना