त्वचा पर बार बार खुजली होना, लाल रंग के दाने बन जाना, ब्रेस्ट के निचले हिस्से पर चुभन होना। ये सभी लक्षण बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) या एलर्जी की ओर इशारा करते हैं। इन सबके बीच ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। आइए जानते हैं क्या है ब्रैस्ट रैशेज और किन कारणों से स्किन को करता है अफे्क्ट (reasons of breast rashes) ।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ रितु सेठी बताती हैं कि कई बार सिंथिटक कपड़े भी संक्रमण (Infection) का कारण साबित हो सकते हैं। उरके मुताबिक अगर आप डायबिटीक हैं, तो ऐसे में फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection) की संभावना बढ़ जाती है। वहीं अगर आप मोटे हैं, तब भी आपको रैशेज हो सकते हैं।
डॉ रितु का कहना है कि शरीर के किसी भी हिस्से पर खुजली होना एक आम बात है। मगर धीरे धीरे रैशेज की शक्ल लेने वाले उन चकत्तों का बढ़ना खतरे का निशान हो सकता है। अक्सर पसीने या रेशमी कपड़े न पहनने के कारण ब्रैस्ट के नज़दीक रैशेज होने लगते हैं। अक्सर ये रैशेज ब्रेस्ट के नीचे पाए जाते हैं। इससे बचने के लिए हम कई प्रकार के उपाय भी करते हैं।
बार बार खुजली होना
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
सूखी और पपड़ीदार त्वचा
पानी वाले दाने उभरना, जो खरोंचने से बह सकते है
छिली हुई स्किन में इंफे्क्शन होना
मौसम बदलने के कारण कई बार स्किन एलर्जी होने लगती है। इससे ब्रैस्ट के नीचे छोटे छोटे दाने बनने लगते हैं, जिनका अगर समय पर उपचार न किया जाए, तो उसमें मवास या पानी भर जाता है। स्किन एलर्जी स्वैटिंग के कारण होती है। ऐसे में आप मार्निंग वॉक को अवॉइड करें। इसके अलावा गीले कपड़ों को पहनने से बचें।
अक्सर रेशमी कपड़ों का स्किन के संपर्क आना परेशानी का कारण बन सकता है। खासतौर से उन लोगों के लिए जिनकी स्किन बेहद सेंसिटिव है। दरअसल, रेशमी कपड़ा ब्रीथएबल नहीं होता है, जिससे पसीना सूख नहीं पाता और वो बैक्टिरियल इंफे्क्शन का कारण बन जाता है।
सैगी ब्रैस्ट को टाइट करने के लिए और उसे दोबारा शेप में लाने के लिए बहुत सी वीमेन ब्रैस्ट मसाज क्रीम का प्रयोग करती है। इसके इस्तेमाल से कई बार रैशेज़ का खतरा बना रहता है। दरअसल, स्किन टाइन के हिसाब से क्रीम न चुनने के कारण इस तरह की समस्या से होकर गुज़रना पड़ सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंकई बार स्तन पर होने वाले रैशेज ब्रैस्ट कैंसर कारण भी हो सकते हैं। अगर आपकी ब्रेस्ट में दर्द, लालिमा और निप्पल कुछ उभरा हुआ सा नज़र आ रहा है, तो घरेलू इलाज की बजाय तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। डॉक्टर स्तन परीक्षण और ब्रैस्ट अल्ट्रासाउंड के ज़रिए आसानी से कैंसर के कारणों का पता लगा लेते हैं। आयु, हार्मोंन, वजन और पारिवारिक इतिहास समेत बहुत सी वजहें ब्रैस्ट कैंसर का कारण साबित हो सकती हैं।
रैशेज वाले स्थान पर एकत्रित हुए संक्रमण को दूर भगाने के लिए गुनगुने पानी से उस जगह को साफ करें। सूखने के बाद उस जगह को साफ करें।
ब्रैस्ट पर खुशबूदार शैंपू या साबुन लगाने से बचें।
रेशमी कपड़ों की बजाय ब्रीथएबल कपड़ों यानि कॉटन या मलमल के कपड़ों को पहनें। रैशेज वाली जगह पर नुकीली चीज़ से खुजली करने से बचें।
ज्यादा गर्मी के कारण आने वाले पसीने से बचें। पसीने वाले कपड़े खुजली को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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