आजकल की व्यस्त और तनाव पूर्ण जीवनशैली में एक लंबे थका देने वाले दिन के बाद हमें एक अच्छी नींद की जरूरत होती है। रात में अच्छी नींद हमारे दिमाग और शरीर के लिए कितनी जरूरी है, सभी जानते हैं। इसलिए विशेषज्ञ भी खुद को रीचार्ज करने के लिए रात को 7-8 घंटे नींद लेने की सलाह देते हैं। हालांकि आपने रात में सोने से पहले दूध पीने के आयुर्वेदिक फायदों के बारे में अपनी मां, नानी और दादी से तो सुना ही होगा। आपको बचपन में कभी बिना दूध पिए सोने भी नहीं दिया गया होगा। लेकिन एक और तरह का दूध है, जिसे सोने से पहले अगर रोजाना पिया जाए, तो आपको सुकून की नींद आ सकती है और आप दूसरे दिन के लिए बेहतर तैयार हो सकते हैं।
आज हम बात कर रहे हैं ‘मून मिल्क’ के बारे में। यह एक तनाव मुक्त करने वाली ड्रिंक है जो विभिन्न आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और एडाप्टोजन्स से मिलकर बनती है। एडाप्टोजन्स उन जड़ी-बूटियों और पौधों को कहा जाता है जो शारीरिक और मानसिक तनाव कंट्रोल करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।
इसके बारे में आयुर्वेदाचार्य डॉ. अचल कहते हैं कि यह एक प्रामाणिक आयुर्वेदिक फॉर्मूला नहीं है। पर इसमें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और दूध के होने से यह लाभकारी कहा जा सकता है। जिसके कई फायदों में से एक रात की बेहतर नींद देना भी है।
इसका नाम “मून मिल्क” इसलिए है क्योंकि इसके शांत करने वाले गुण हैं, जो आपको रिलैक्स कर एक बेहतर नींद लेने में मददगार होते हैं। अमूमन शरण पूर्णिमा पर रात को खीर बनाकर रखने का रिवाज है। इसके मूल में भी चांदनी के वही शीतल गुण हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं। यह नाम एक सुकून और आराम की भावना को दर्शाता है, जिससे इसे रात के समय पीने के लिए लोकप्रिय बनाया गया है।
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डॉ. अचल ने मून मिल्क के निम्नलिखित फायदे बताए हैं।
अश्वगंधा और हल्दी जैसे सामग्री तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं। यह कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को कम कर सकता है, जिससे तनाव और चिंता में कमी आती है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मददगार है, जिससे चिंता और डिप्रेशन के लक्षण कम हो सकते हैं। नैचुरल एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है।
यह मस्तिष्क में सकारात्मक रसायनों के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे मूड में सुधार होता है और तनाव में कमी आती है। इसके गुण तनाव के कारण होने वाली शारीरिक समस्याओं को भी कम कर सकते हैं।
गर्म दूध और शांत करने वाली जड़ी-बूटियाँ बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ाती हैं। दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के उत्पादन में मदद करता है, ये दोनों नींद को नियंत्रित करते हैं। गर्म दूध पीने से शरीर को आराम मिलता है, जिससे नींद आने में मदद मिलती है।
मून मिल्क में शामिल कुछ मसाले पाचन में मदद करते हैं और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसमें मौजूद अदरक डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे खाना जल्दी पचता है। यह गैस और अपच को कम करने में मदद कर सकता है। दालचीनी आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है। यह शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है।
मून मिल्क कई विभिन्न विटामिन और मिनरल्स से समृद्ध हैं, जो इसे न्यूट्रीशीयस बनाते हैं। इसमें दूध का पोषण है जिसमें पाया जाने वाला कैल्शियम और विटामिन D हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। जड़ी-बूटियाँ और मसाले हैं जो समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इसमे शहद और सूखे मेवे के भी गुण मौजूद हैं।
मून मिल्क इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने में मदद कर सकता है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करता है। अश्वगंधा तनाव को नियंत्रित करती है, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर काम करती है।
शहद में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। बादाम, अखरोट और किशमिश जैसे सूखे मेवे विटामिन E, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और आयरन से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में सहायक हैं। दूध में प्रोटीन होता है, जो शरीर के लिए आवश्यक एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है।
1 कप दूध (आपकी पसंद का, जैसे गाय का, बादाम, या नारियल)
1/2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर
1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर
1/4 चम्मच अदरक पाउडर
एक चुटकी जायफल
1 चम्मच नारियल का तेल
1 चम्मच शहद या मेपल सिरप (स्वादानुसार)
1. दूध को एक छोटे बर्तन में कम आंच पर गर्म करें, लेकिन उबलने न दें।
2. जब दूध गर्म हो जाए, तो उसमें अश्वगंधा, दालचीनी, अदरक, और जायफल डालकर अच्छे से फेंटें।
3. इसे धीरे-धीरे पांच मिनट तक उबलने दें।
4. नारियल का तेल डालें और दूध को एक कप में डालें।
5. यदि चाहें, तो शहद या मेपल सिरप से मीठा करें।
नींद में सुधार के लिए सामान्यतः 250 मिग्रा से 600 मिग्रा प्रति दिन लेने की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों को कम डोज़ से ही पूरा लाभ मिल सकता है। जबकि कुछ को हाई डोज़ की आवश्यकता हो सकती है।
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