मौसम में लगातार आ रही तब्दीली प्री मानसून की ओर इशारा कर रही है। इससे त्वचा पर चिपचिपाहट और स्वैटिंग का अनुभव होने लगता है। स्वैटिंग हमारे शरीर में दुर्गंध और रैशेज़ का कारण बन जाती है। हालांकि इससे मुक्ति पाने के लिए कई तरह के प्रोडक्टस का प्रयोग करते है। मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। ऐसे में इन खास होम रेमेडीज़ के जरिए इस समस्या को तुरंत रोका जा सकता है। जानते हैं, वो होम रेमेडीज़ जो इस समस्या को सुलझा सकते हैं (Remedies for sweaty hands and foot)।
अत्यधिक पसीने की समस्या का कारण हाइपरहाइड्रोसिस है, जो एक मेडिकल कंडीशन है। इससे शरीर में अत्यधिक पसीना आने लगता है। ये पसीना खासतौर से हथेलियों, तलवों और आर्मपिटस पर महसूस होने लगता है। इससे त्वचा में चिपचिपापन रहने लगता है।
एनसीबीआई के मुताबिक शरीर में सुडोरीफेरस ग्लैण्डस होते हैं। उन्हें स्वैटिंग ग्लैण्डस के तौर पर जाना जाता है। ये दो तरह के होते हैं। पहला है एक्रिन और दूसरा है एपोक्राइन। एक्रिने ग्लैण्डस शरीर में हर जगह पाए जाते हैं। वहीं एपोक्राइन तरह की ग्रथियां बालों के रोम में भी मौजूद होती हैं। एक्क्रिन हमारी बाॅडी में लगभग हर जगह उपलब्ध होते हैं। खासतौर से हाथों और पैरों के तलवों वा सबसे अधिक मौजूद रहते हैं। वहीं एपोक्राइन अधिकतर कानों, आर्मपिट और जेनिटल्स पर रहते हैं। इससे शरीर में पसीना अत्यधिक रहता है।
पोटेशियम से भरपूर आलू बाॅडी में बार बार होने वाली स्वैटिंग की प्रक्रिया से हमें बचाता है। इसकी मदद से बाॅडी में मौजूद पसीने को आसानी से सुखाया जा सकता है। इसके लिए हाथों, पैरों और आर्मपिट्स यानि बगल में आलू के टुकड़ों काे गोलाकार काटकर रगड़ सकते हैं।पसीने की समस्या को हल करने के लिए आलू के रस को निकालकर हाथों और पैरों समेत पसीने वाले स्थान पर काॅटन की मदद से लगाएं।
अगर आप पसीने की समस्या से दो चार हो रहे हैं, तो नारियल का तेल हाथों और पैरों के तलवों पर मलें। दरअसल, इसमें मौजूद लाॅरिक एसिड और एंटी बैक्टीरियल प्रापर्टीज़ स्वैटिंग को दूर करने में सहायक है। इसके लिए आप आधा कटोरी नारियल के तेल में 2 टुकड़े कपूर के मिलाकर स्किन पर अप्लाई करें। इसे 15 से 20 मिनट तक स्किन पर लगाए रखने के बाद हाथों और पैरों को धो लें। कपूर का कूलिंग इफे्क्ट त्वचा को ठण्डक प्रदान करता है।
विटामिन सी से भरपूर टमाटर में एंटीआक्सीडेंटस और सोडियम पाया जाता है। जो त्वचा को हेल्दी बनाता है और स्वैटिंग से दूर रखता है। अगर आपको बार बार पीसना सता रहा है और शरीर पर चिपचिपाहट महसूस होने लगती हैं, तो टमाटर के रस को बाजूओं, पैरों और हथेलियों पर मलें। 10 से 15 मिनट बाद बाॅडी को क्लीन कर लें। इससे आपको फायदा मिलेगा।
एंटीसेप्टिक और एंटी फंगल गुणों से भरपूर ये तेल त्वचा को दुर्गंध और पसीने की समस्या से मुक्त रखता है। इसके लिए कुछ बूंद तेल को पसीने वाली जगह पर लगाएं। इससे त्वचा पर अत्यधिक पसीना और तेल दोनों की समस्याएं हल होने लगती है। टी ट्री आयल त्वचा को कोई प्रकार के संकमणों से बचाने का काम करता है। साथ ही कटने या जलने पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
पसीने की समस्या और दुर्गंध को दूर करने के लिए दो चम्मच चंदन पाउडर में पानी मिलाकर थिक पेस्ट बनाएं। अब उसमें कुछ बूंद गुलाब जल और नींबू का रस मिला दें। इस घोल को तैयार करके हाथों और पैरों पर लगाएं। इससे त्वचा को ठण्डक मिलती है। 10 से 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद उसे धो दें।
पैरों और हाथों की स्वच्छता को बनाए रखें। तलवों और हथेलियों को धोने के बाद माइश्चराइज करें।
पुरानी जुराबें पहनने से बचें। इससे पैरों में पसीना और दुर्गंध की समस्या बढ़ने लगती है।
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कस्टमाइज़ करेंगर्मी के मौसम में पैरों के लिए काॅटन फैबरिक का प्रयोग करें। जूतों से लेकर जुराबों तक ब्रीथएबल मैटीरियल प्रयोग करें।
पैरों से पसीने को दूर रखने के लिए एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल टैल्कम पाउडर प्रयोग करें।
धूप में बाहर निकलने से परहेज करें। इससे शरीर में गर्मी बढ़ने लगती है।
कुछ देर तक पैरों को पानी में डुबोकर रखें। इससे शरीर को कूलिंग इफैक्ट मिलता है
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