ब्लोटिंग यानी कि पेट फूलने की समस्या से आपकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। आपका किसी कार्य पर ध्यान केंद्रित नहीं रहता और आप पूरी उत्पादकता के साथ किसी भी कार्य को नहीं कर पाती। शारीरिक स्थिरता से लेकर आपके खानपान की आदत इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। वहीं लाइफस्टाइल की कई अन्य गतिविधियां जैसे कि स्मोकिंग ब्लोटिंग का एक सबसे बड़ा कारण है। यदि आप नियमित रूप से ब्लोटिंग से परेशान रहती हैं तो सेहत संबंधी अन्य परेशानियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उचित खानपान की जानकारी होना।
तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं ऐसे कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जो ब्लोटिंग का कारण बनते हैं, साथ ही जानेंगे कुछ प्रभावी खाद्य पदार्थों के बारे में जो ब्लोटिंग से राहत प्रदान करते हैं (foods for bloating)।
कई लोग लेक्टोज इनटोलरेंट होते हैं और उन्हें इस बात का पता भी नहीं होता ऐसे में वे डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करते ही पाचन संबंधी तमाम समस्याओं से परेशान हो जाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ऐसे व्यक्ति के शरीर में लेक्टोज को तोड़ने के लिए आवश्यक एंजाइम की कमी होती है। ऐसे में इनके सेवन से गैस से संबंधित समस्या जैसे कि ब्लोटिंग आपको परेशान करना शुरू कर देती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार सेब में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही इसमें फ्रुक्टोज और सॉर्बिटोल भी मौजूद होते हैं। यह कुछ ऐसे प्राकृतिक शुगर हैं जो फलों में मौजूद होते हैं और हर व्यक्ति इन्हें आसानी से नहीं पचा पाता है, जिसकी वजह से गैस और पाचन संबंधी तमाम अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, सेव कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है और यह आपकी समग्र सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, इसलिए इसके सेवन से परहेज न करें। उचित समय और उचित तरीके से इसका सेवन करने की कोशिश करें। यदि आपको इससे बार-बार गैस बन रहा है तो आप इसकी जगह अन्य हेल्दी फूड्स का सेवन कर सकती हैं।
आमतौर पर पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है परंतु यदि आपको ब्लोटिंग की समस्या है तो यह उसे अधिक ट्रिगर कर सकती है। एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार ब्रोकली, गोभी, पत्ता गोभी, केल, स्प्राउट्स जैसी सब्जियों के अधिक सेवन से ब्लोटिंग यानी कि पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर्स के अनुसार इन सब्जियों में एक प्रकार का शुगर (raffinose) पाया जाता है जो पेट में गैस को बढ़ावा देता है।
हाई सैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि बेक्ड फूड्स, प्रोसेस्ड मीट, चीज, यह सभी पाचन संबंधी तमाम समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ये खाद्य पदार्थ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से धीमे-धीमे पास करते हैं जिसकी वजह से आपको ब्लोटिंग का सामना करना पड़ सकता है। सैचुरेटेड फैट की अधिकता आपके पेट के लिए उचित नहीं है इसलिए एक सीमित मात्रा में ही सैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
प्याज लहसुन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ब्लोटिंग का कारण बन सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार प्याज और लहसुन में एक प्रकार का सॉल्युबल फाइबर मौजूद होता है जिसे हम फ्रुकटन्स कहते हैं। हमारा शरीर इस सॉल्युबल फाइबर को पचाने में पूरी तरह से समर्थ नहीं होता जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कई लोग फ्रुकटन्स इनटोलरेंस होते हैं, जिन्हें प्याज लहसुन के सेवन के बाद अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जब फ्रुकटन्स आंत में फर्मेंट हो जाता हैं तो यह आंत में पानी को आकर्षित करता है जिसकी वजह से ब्लोटिंग और गैस की समस्या हो सकती है।
आमतौर पर लोग खीरे को आंखों के नीचे हुए सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, वहीं इनका सेवन पाचन संबंधी समस्याओं में बेहद फायदेमंद हो सकता है। खीरे में मौजूद फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह पेट के सूजन यानी कि ब्लोटिंग की समस्या में भी बेहद फायदेमंद होता है। साथ ही साथ इसमें एक्टिव प्रो इन्फ्लेमेटरी इंजॉय की मात्रा पाई जाती है।
केले में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम मौजूद होता है और पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ शरीर में सोडियम को रेगुलेट करते हैं और वॉटर रिटेंशन की समस्या नहीं होने देते। सोडियम की अधिकता ब्लोटिंग को बढ़ावा देती है। केले के अलावा किशमिश, एप्रीकॉट, आलू, पालक, संतरा जैसे पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार केले में मौजूद फाइबर कॉन्स्टिपेशन की समस्या में बेहद कारगर होते हैं। वहीं कॉन्स्टिपेशन ब्लोटिंग का एक बड़ा कारण है।
पपीते में मौजूद पपाइन नामक एंजाइम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में प्रोटीन को पूरी तरह से ब्रेकडाउन होने में मदद करते हैं। जिससे कि खाद्य पदार्थों को पचाना आसान हो जाता है। इसके साथ ही इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है और यह फाइबर का भी एक बेहतरीन स्रोत है। इस प्रकार यह समग्र पाचन क्रिया को स्वस्थ रहने में मदद करता है और ब्लोटिंग से राहत प्रदान करता है।
सौंफ पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, इसमें मौजूद कंपाउंड्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक को रिलैक्स रहने में मदद करते हैं। जिससे कि गैस आसानी से पास हो पाता है और ब्लोटिंग की समस्या आपको परेशान नहीं करती। आप चाहे तो इसे सीधा खाने के बाद चबाकर डाइट में शामिल कर सकती हैं। अन्यथा इनके चाय का सेवन भी आपके लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।
खाने के बाद चक्र फूल का सेवन पाचन संबंधी तमाम समस्याएं जैसे कि ब्लोटिंग, गैस, अपच और कब्ज से राहत प्रदान करता है। आप इसे चाय के रूप में एन्जॉय कर सकती हैं।
यह भी पढ़ें : <a title="Jatamansi : मेमोरी पॉवर बढ़ाने और अवसाद को दूर करने में मददगार है जटामांसी, जानिए ब्रेन हेल्थ के लिए इसके फायदे” href=”https://www.healthshots.com/hindi/preventive-care/know-how-ayurvedic-herb-jatamansi-can-boost-your-brain-health/”>Jatamansi : मेमोरी पॉवर बढ़ाने और अवसाद को दूर करने में मददगार है जटामांसी, जानिए ब्रेन हेल्थ के लिए इसके फायदे