कभी-कभी हम छोटी सी बात पर नाराज हो जाते हैं। हम अपना धैर्य या संतुलन खो देते हैं। चाहे आपका कोई सपना पूरा नहीं हो पा रहा है या कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा है, तो असंतुलित या अत्यधिक दवाब महसूस करना स्वाभाविक है। ऐसा केवल दुखी होने पर ही महसूस नहीं हो सकता है। अच्छे पल भी हमें प्रभावित कर जाते हैं। इसके कारण जब हम अपना आंतरिक संतुलन खो देते हैं, तो व्यक्तिगत या प्रोफेशनल कार्यों को पूरा करना कठिन हो जाता है। यदि आप भी इस श्रेणी में आती हैं, तो कुछ उपाय इससे छुटकारा (inner peace) पाने में मदद कर सकते हैं।
जब आप जीवन में लगातार तनावग्रस्त महसूस करती हैं, तो इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ना स्वाभाविक है। इससे पहले कि आप इस स्थिति से सामना करने की स्थिति में आएं, क्लिनिकल सायकोलॉजिस्ट कामना छिब्बर द्वारा सुझाए गए कुछ टिप्स पर गौर करें।
अधिकांश लोगों को सफलता नहीं मिल पाने का कारण यह है कि वे हमेशा एक बड़े लक्ष्य को देखते हैं। हमेशा लक्ष्य तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं और उसमें सफलता पाने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए आप किसी ऐसे व्यक्ति की तरह बिल्कुल सुडौल शरीर पाने का सपना देखती हैं, जिसे आप करीब से जानती हैं। आप शून्य पर खड़ी हैं और आपकी नजर सौ प्रतिशत पर है। यह दृष्टिकोण आपको कभी भी बढ़िया परिणाम नहीं लाएगा। क्योंकि हर दिन आप यह सोचकर देर करेंगी कि आपका लक्ष्य तो अप्राप्य है। यह आपसे हासिल नहीं हो सकता है।
इसलिए धीरे-धीरे कदम बढ़ाएं। अपने बड़े सपनों या कार्यों को छोटी-छोटी इकाइयों में बांट लें, जिन्हें हर दिन किया जा सके। इससे आप असंतुलित या बहुत अधिक दवाब महसूस नहीं करेंगी।
विशेषज्ञ कहते हैं कि मल्टी-टास्किंग से बचें, ताकि आप एक समय में एक ही चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर सकें। जब हम एक समय में बहुत सारे कार्य करते हैं, तो हम अपनी ऊर्जा को कई सारी गतिविधियों में खर्च कर देते हैं। इससे कोई भी काम सही ढंग से नहीं हो सकता है। इसलिए दवाब में आने से बचने के लिए, हमें एक समय में एक कार्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। फिर दूसरे कार्य को करना चाहिए।
कामना छिब्बर सुझाव देती हैं, ‘अपने लिए निर्धारित समयसीमा की समीक्षा करें। सुनिश्चित करें कि आप इसके बारे में बहुत सख्त नहीं हों। जब हम समय-सीमा को लेकर अपने आप पर बहुत सख्त हो जाते हैं, तो ऐसा करने में असफल होने पर हम बहुत अधिक दवाब महसूस करने लगते हैं। अपने आप के लिए बहुत कठोर नहीं बनें। अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं से कार्य को पूरा करने के लिए कुछ और समय लेने में कोई दिक्क्त नहीं है।
जब चीजें सबसे बढ़िया तरीके से काम नहीं कर रही हों और यदि एक्स्ट्रा टाइम की जरूरत हो, तो इसे करने के लिए आकस्मिक योजना भी बना सकती हैं। इससे किसी भी स्थिति में खुद पर बहुत अधिक दवाब महसूस करने पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। आप घबराहट से बच पाएंगी और चीजें सुचारू रूप से चलेंगी।
नकारात्मक विचार पैटर्न पर काम करें। जो पैटर्न अन रियलिस्टिक हैं, उसे सही करें। सबसे खराब स्थिति में भी खुद पर विश्वास बनाये रखें। धैर्य का साथ नहीं छोड़ें।
यदि आप एंग्जाीटी फील करती हैं, तो नियमित रूप से योग, ध्यान, गहरी सांस लेने आदि जैसी रिलैक्सिंग टेक्निक का सहारा लें। इससे तनाव के स्तर पर अंकुश लग पायेगा और तनावपूर्ण स्थितियों से शांति से निपटने में मदद मिलेगी। अपनी रुचि के विषय चुनें और उसके अनुसार काम करें।
अपनी समस्या पर चर्चा करें और परिवार या दोस्तों से सहायता मांगें। इससे कठिन परिस्थितियों से निकलने और खुद को दवाबमुक्त रखने में मदद मिलती है।
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