आज के काम को कल करने की आदत आलसी व्यवहार का एक संकेत है। वे लोग जो हर वक्त आराम करने और अन्य गतिविधियों में समय बर्बाद करते है। उनका कोई भी टारगेट समय पर अचीव नहीं हो पाता है। अपने आप में ही किसी न किसी उधेड़बुन में उलझे ऐसे लोगों की इस स्थिति को प्रोक्रास्टिनेशन कहा जाता है। कई कारणों से व्यक्ति इस समस्या से घिर जाता है, जिसका असर उसकी ओरवाऑल ग्रोथ (Overall growth) और पर्सनैलिटी पर दिखने लगता है। जानते हैं इस समस्या के कारण और इससे बचने के उपाय भी (How to overcome procrastination)।
प्रोक्रास्टिनेशन का अर्थ है कि किसी काम में विलंब करना और उसे आज करने की जगह कल पर टाल देना। इसके अलावा किसी भी कार्य को करना, तो लास्ट मिनट पर ही करके देना। ऐसे लोगों की यह आदत इतनी ज्यादा खराब होती है कि कई बार वे डेडलाइन का भी ख्याल नहीं रखते।
मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि वे लोग जिनका खुद पर नियंत्रण नहीं होता, वे अक्सर प्रोक्रास्टिनेशन के शिकार हो जाते हैं। वे लोग काम को आज की जगह कल करने में विश्वास रखते हैं। उनकी वर्क क्लाविटी पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। समय पर काम न हो पाने के चलते बाद में जल्दबाजी दिखाने से आप काम को खराब कर लेते हैं। ऐसे लोग काम पूरा न हो पाने के लिए परफेक्शन की कमी समेत कई प्रकार के एक्सक्यूज़ देने लगते हैं। वे हर वक्त सेल्फ क्रिटिकल थॉट्स से घिरे रहते हैं, जो काम में देरी की वजह बनता है।
वे लोग जो अपना कीमती समय बेकार के कामों में गवां देते हैं। वे अक्सर डेडलाइंस को मीट करने में विफल साबित होते हैं। अगर आप समय से सभी कार्य नहीं करेंगे, तो इससे आपके दिनभर के सभी कार्यों में विलंब होने लगेगा। इससे कोई भी कार्य आप कुशलता और समय पर नहीं कर पाएंगे।
कई लोग व्यवहारिक तौर पर बेहद आलसी होते हैं। वे लोग जो हर कार्य को करने में आलस्य महसूस करते हैं, वे जीवन में पिछड़ते चले जाते हैं। इससे न केवल उनके कार्यों में देरी होने लगती है बल्कि अपने दोस्तों से भी दूर होते चले जाते हैं। लजीनेस आपकी वर्क प्रोडकिटीविटी (Work productivity) को प्रभावित करने लगती है।
कई बार तनाव भी कामों में होने वाले विलंब का कारण बन जाता हैं। होपलेस रहना, खुद को कमज़ोर मानना और ऊर्जा की कमी व्यक्ति को कोई भी काम करने से रोकने लगती है। ऐसे में आप आसान कार्यों को भी बहुत वक्त लगाने लगते है और समय से पूरा नहीं कर पाते। तनाव से आपके अंदर सेल्फ डाउट की स्थिति बन जाती है, जो आपको किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचने देती।
अगर आपका व्यवहार भी आलसी है और आपका मन काम के दौरान बहुत जल्द भटकने लगता हैं, तो ऐसे में सुबह उठकर एक टू डू लिस्ट तैयार कर लें। इससे आप ये जान पाएंगे कि आज आपको दिनभर में किन कामों को पूरा करना है। सूचीबद्ध तरीके से काम को पूरा करने से आप रोज़ाना के कामों को अगले दिन पर नहीं टाल पाएंगे।
जब भी आप अपनी लिस्ट का कोई भी काम पूरा कर लें। उसके बाद अपनी सराहना करना न भूलें। इससे आप दूसरे काम को भी पूरी एनर्जी के साथ करने में जुट जाते हैं। खुद को अंदर से मज़बूत बनाएं और अपने मन को समझाएं कि सेम डे अपने सारे कार्यों को पूरा करना आपकी जिम्मेदारी है। इससे समय की कमी की समस्या भी हल हो जाएगी।
आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपना कीमती समय गवांने लगे है। टिवट्र, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने और पढ़ने में हमारा बहुत सा वक्त खराब हो जाता है। इससे अन्य काम रूक जाते है, जो समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। मोबाइल पर बार बार आने वाली नोटिफिकेशंस भी इसका एक कारण है। इसके लिए काम के वक्त नोटिफिकेशंस को बंद कर दें और कुछ वक्त के लिए फोन को खुद से दूर कर लें।
कई बार कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें आसान समझकर हम उसे कल पर टालने लगते हैं। इससे न केवल आपकी एनर्जी लो होती है बल्कि आप काम को समय पर भी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में हर कार्य को प्रमुखता दें और उसे पूरे जोश और मेहनत के साथ करने के लिए जुट जाएं। समय पर अगर आप काम नहीं पूरा करते हैं, तो छोटा काम भी आपको बड़ा लगने लगता है।
कई बार काम को परफेक्ट रूप देने के लिए हम उसे टाइमली कंप्लीट नहीं कर पाते हैं। इससे कमा आधा अधूरा रह जाता है। हमें इस बात को समझना होगा कि हर काम को परफैक्टिली करने के लिए उसे समय से पहले शुरू करें। अगर आपके पास समय कम है, तो हर बारीकी पर ध्यान देना काम में विलंब का कारण बन सकता है।
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