कोई भी रिश्ता हमेशा एक समान रूप से नहीं चलता। हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। परंतु यदि आपका पार्टनर आपकी व्यक्तिगत भावनाओं एवं निर्णय का सम्मान नहीं कर रहा, तो यह दर्शाता है कि आपका रिश्ता कितना कमजोर है। वहीं ऐसे पार्टनर अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाते और परिस्थिति के अनुसार शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से हिंसक हो सकते हैं। जो किसी के भी मान-सम्मान के साथ ही उसकी मानसिक तथा शारीरिक सेहत के लिए गलत है। इससे पहले कि आपका रिश्ता किसी तरह का हिंसक मोड़ ले, उन संकेतों को समझना जरूरी है। ताकि समय रहते आप इस रिश्ते और खुद को बचा सकें।
दी सिटी ऑफ़ पोर्टलैंड द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार यदि आपका पार्टनर आपकी हर छोटी सी छोटी चीज में अपनी चला रहा है, तो यह आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी हेल्दी नहीं है।
कंट्रोलिंग बिहेवियर के व्यति आपके कपड़ों से लेकर आप किसके साथ उठ-बैठ रही हैं और आप कब क्या करेंगी यह सब तय करना चाहता है। यह एक तरह का साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है। ऐसे रिश्ते में आपके व्यक्तिगत निर्णय को किसी तरह से सम्मान नहीं मिलता। तो यदि आपको भी अपने पार्टनर में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो सचेत रहना जरूरी है।
उपरोक्त शाेध में ही यह भी दिखाया गया कि कई लोग ऐसे होते हैं जो हर परिस्थिति में सारी गलतियों को बिना सोचे समझे अपने पार्टनर पर डाल देते हैं। उनके लिए आपकी भावना और राय बिल्कुल भी मायने नहीं रखती।
ऐसे में दूसरा व्यक्ति आत्मविश्वास में कमी महसूस करने लगता है और सभी गलतियों के लिए खुद को दोषी ठहराने लगता है। यह एक तरह की सेल्फ डाउट की स्थिति को उत्पन्न करता है। जिसका असर आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर भी आ सकता है।
अगर आपका पार्टनर हर छोटी-मोटी नोक-झोंक या गलतियों के लिए आप ही को दोषी ठहराता है, तो ये एक अलार्मिंग साइन है।
गुस्सा एक ऐसी चीज है जिस पर किसी का भी वश नहीं चलता, परन्तु यदि हम चाहें तो इसे नियंत्रित रख सकते हैं। जबकि हिंसक व्यवहार वाले लाेग अपना गुस्सा दूसरों पर निकालते हैं। जैसे शीशे तोड़ना, टेबल का सामान उठाकर फेंकना या दीवार में मुक्का मारना।
कभी-कभी वे खुद को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। फोर्टिस हेल्थ केयर में मनोवैज्ञानिक डॉ कामना छिब्बर कहती हैं, “ये लक्षण अब्यूसिव पार्टनर का एक सबसे बड़ा संकेत है और इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में आपको अपनी सुरक्षा और पार्टनर को मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद की जरूरत हो सकती है।”
दी सिटी ऑफ़ पोर्टलैंड के अनुसार आपके पार्टनर का हर बात पर आपके ऊपर शक करना या जब आप कहीं बहार जाओ तो बार-बार कॉल करके पूछना, आपके दोस्तों से आपके बारे में पूछते रहना, इत्यादि को समय रहते बातचीत करके सुलझा लेना चाहिए। अन्यथा यही चीजें बाद में अब्यूसिव हो जाती है।
जरूरत से ज्यादा पजेसिवनेस न केवल आपकी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि आप दोनों के रिश्ते को भी प्रभावित कर सकती है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंअब्यूसिव पार्टनर आपकी मर्जी की परवाह किये बगैर सेक्स के लिए आपके ऊपर दबाव बना सकता है। वहीं सेक्स के दौरान वह छोटो-छोटी सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए आपको मैनिपुलेट करने की कोशिश करते हैं। यदि आपके पार्टनर में ऐसे कोई लक्षण हैं, तो सचेत हो जाएं।
डॉ कामना छिब्बर सुझाव देती हैं कि, “अपनी जरूरतों को सामने रखें। ऐसी चीजों को सहने की जगह उनका विरोध करना सीखें। जो बात सुविधा या सम्मान के विरुद्ध है उसके लिए न कहना भी जरुरी है। हर बात पर हामी भर कर हम खुद के साथ गलत करते हैं।”
किसी भी रिश्ते की एक सीमा तय होनी चाहिए अन्यथा आगे चलकर चीजें खराब होने लगती हैं। कोई भी रिश्ता हो सभी में थोड़ा न थोड़ा समझौता करना पड़ता है परन्तु इस समझौते को कभी भी अपने मान सम्मान पर हावी न होने दें। एक अब्यूसिव पार्टनर को उनके दायरों से अवगत करवाना जरुरी है अन्यथा आप अपने रिश्ते को सुधारने में असमर्थ रहेंगी।
यदि आपके पार्टनर अब्यूसिव हैं तो एक छोटी अवधि का ब्रेक लेकर कुछ दिनों के लिए पार्टनर से दूर चली जाएं। इस दौरान उन्हें अपनी परेशानियां बताती जाएं कि आपको उनकी कौन सी आदतें सही नहीं लगतीं। यदि फिर भी कोई सुधार न दिखे, तो अपने लिए स्टैंड लें और सीधा पूछें कि आखिर वह चाहते क्या हैं।
यदि आपका पार्टनर फिजिकली और इमोशनली दोनों ही रूप से अब्यूसिव हैं और आपने अपनी ओर से रिश्ते को चलाने का पूरा प्रयास कर लिया है, तो ऐसे रिश्ते से जितनी जल्दी हो सके बाहर आ जाएं। किसी भी तरह के सामाजिक या पारिवारिक दबाव के कारण किसी अब्यूसिव व्यक्ति के साथ रिश्ते में रहना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
यह भी पढ़ें : Weight loss mistakes : वज़न घटाने की बजाए आपको बीमार कर सकती हैं ये 6 गलतियां