आजकल तनाव, एंग्जाइटी, डिप्रैशन जैसी मानसिक स्थितियां बेहद आम हो चुकी हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं हम खुद जिम्मेदार होते हैं। कई बार हमारा व्यवहार दूसरों के प्रति बेहद नकारात्मक होता है, जो सामने वाले व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कम प्रभावित करता है और आगे चलकर यह हमारे लिए अधिक घातक हो सकता है। ऐसे में लोग मानसिक स्वास्थ्य को स्थापित करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। मेडिटेशन, योग, सकारात्मक गतिविधियों में भाग लेने के साथ-साथ काइंडनेस एक ऐसी प्रक्रिया है, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अब आप सोच रही होंगी, यह कैसे मुमकिन है? तो आज इसी विषय पर बात करेंगे आखिर काइंडनेस मानसिक स्वास्थ्य के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सर गंगा राम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में सायकेट्री डिपार्मेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ आरती आनंद से बात की। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य पर काइंडनेस के सकारात्मक प्रभाव को लेकर कई उचित जानकारी दी है। तो चलिए जानते हैं, आखिर यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है (Benefits of kindness)।
हर साल 13 नवंबर को वर्ल्ड काइंडनेस डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों के बीच एक दूसरे के प्रति सहानुभूति को बढ़ावा देना है। वहीं सोसाइटी को काइंडनेस के सकारात्मक प्रभाव से परिचित करवाना है। रिलिजन, जेंडर और पॉलिटिक्स से कहीं अलग दयालुता की गतिविधियां सामने वाले व्यक्ति के साथ-साथ दयालुता प्रकट करने वाले व्यक्ति के लिए भी उतनी ही महत्व रखती है।
लंबे समय से चला आ रहा स्ट्रेस तमाम शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। एंजायटी, डिप्रेशन, हार्ट डिजीज, नींद संबंधी समस्या यहां तक की डिमेंशिया जैसी गंभीर मानसिक स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में काइंडनेस का भाव स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है। किसी के प्रति प्रेम और अच्छा भाव प्रकट करने से आंतरिक खुशी प्राप्त होती है, जिससे हैप्पी हॉर्मोन्स बूस्ट होते हैं और कॉर्टिसोल यानी के स्ट्रेस हार्मोस का स्तर कम हो जाता है। वहीं ब्लड प्रेशर, एंजायटी, डिप्रैशन जैसी स्थितियों से भी राहत मिलती है।
यह भी पढ़ें: बहुत जल्दी तनाव में आ जाती हैं, तो नाभि में तेल डालना शुरू करें, जानिए बेली बटन मसाज के सेहत लाभ
दयालु होना और लोगों के साथ दयालु व्यवहार करना आपकी ख़ुशी को बढ़ा सकता है। नेशनल लाइब्रेरी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने सात दिनों तक दयालुता की गतिविधियों में भाग लिया, चाहे वे दोस्त या परिवार हों, या अजनबी, उन लोगों ने सामान्य दिनों की तुलना में अंदरुनी रूप से अधिक खुशी महसूस की।
वे जितने अधिक दयालु थे (जितने अधिक दयालुता के कार्य किए गए उसके आधार पर मापा गया), वे उतने ही अधिक खुश नजर आएं। एक्सपर्ट के अनुसार हम जब किसी के प्रति दया की भावना प्रकट करते हैं, तो यह इस बात को दर्शाता है कि हम दूसरों से खुद के प्रति भी ऐसे ही भाव की अभिलाषा रखते हैं।
आरती आनंद के अनुसार दूसरों के प्रति दयालुता का भाव प्रकट करने से सोशल कनेक्शन मजबूत हो जाता है। साथ ही इससे आपके रिश्तों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। दोस्त, पार्टनर, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मजबूत रिश्ता होने से आपका मानसिक स्वास्थ्य संतुलित रहता है। इस स्थिति में आपको स्ट्रेस और एंजायटी कम प्रभावित करती है और आप मानसिक रूप से अधिक मजबूत रहती हैं। इस प्रकार दयालुता आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
जब हम अपने आप को समर्पित कर देते हैं, तो जीवन की संतुष्टि से लेकर आत्म-बोध (किसी की अपनी क्षमता की पूर्ति) तक सब कुछ बेहतर हो जाता है। इसके अतिरिक्त, शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है, व्यक्ति की उम्र बढ़ जाती है और अवसाद कम होता है। कल्याण की भावनाएं, स्वस्थ, खुश और सकारात्मक महसूस करने के साथ-साथ सौभाग्य, सकारात्मकता और सौभाग्य की भावना भी बढ़ती है।
यह भी पढ़ें: Eating Disorder : किशाेरों में भी बढ़ते जा रहे हैं खानपान संबंधी विकार, जानिए क्या हैं इसके लक्षण
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें