क्या आपको याद है जब घर में किसी बात को लेकर आपकी पेरेंट्स से बहस हो गयी थी? किसी कारणवश बॉस ने सभी के सामने आपको भला-बुरा कहा था? आपको उसकी वजह से बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई थी। आपको लगा था कि अब आपके भी धैर्य का बांध टूट जाएगा। इस तनाव के कारण आपने बेचैनी, घबराहट महसूस की। यहां तक कि आप क्षणिक अवसाद से पीड़ित हो गयी थीं। वास्तव में तनाव के वक्त खुद को कूल और शांत रखा जाए, तो कभी व्यक्ति तनाव ग्रस्त नहीं हो। सवाल यह है कि खुद को कूल और शांत बनाये रखने के लिए कौन से उपाय (Tips to stay Calm) किये जाएं?
जर्नल ऑफ़ सायकियेट्री एंड मेंटल हेल्थ के अनुसार, अपना आपा खोने से कभी भी उद्देश्य पूरा नहीं होता है। इससे एक निश्चित दिशा में आगे बढ़ने से आप रुक सकती हैं। आप उद्देश्य से भटक सकती हैं। साथ ही कोर्टिसोल हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। तनाव प्रतिक्रिया में कोर्टिसोल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोर्टिसोल का पर्याप्त संतुलन बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। शांत बने रहने पर स्पष्ट रूप से सोचने और प्रभावी समस्या सामने लाने में मदद मिलेगी।
तनाव की घड़ी में सांस इस तरह लें कि आपको खुद को शांत करने और खुद पर नियंत्रण हासिल करने में मदद मिले। गहरी सांस लेने का प्रयास करें। 5 सेकंड के लिए अपनी सांस रोकें और फिर छोड़ें। ऐसा कई बार दोहराएं। इससे शांति और आराम मिलेगा।
अपना आप या धैर्य खोने से कभी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। इससे आम तौर पर चीजें बदतर हो जाती हैं। इस बात को समझें। भावनाओं पर नियन्त्रण रखें और व्यावहारिक बनें। कभी भी तेज आवाज में अपनी बात नहीं कहें। तेज आवाज़ में कहने वाला व्यक्ति हार जाता है। आग्रह के साथ अपनी बात कहें। धीरे-धीरे, चुपचाप और समान रूप से बात करें। इस तरह बोलना अधिक ठोस और प्रभावी होता है।
धैर्य खोने की बजाय अपने-आप से पूछें कि यह वास्तव में कितना बुरा है। गुस्सा होने की बजाय अपनी ऊर्जा इस बात पर केंद्रित करें कि स्थिति को सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है। यदि मन में उलझन हो, तो तो अच्छे निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं। इसलिए जल्दबाजी की बजाय अपनी बात पर सोच-विचार करें।
गुस्से में होने पर या लो फील करने पर प्रकृति मरहम का काम करती है। घटनास्थल से बाहर चले जाएं। प्रकृति के बीच शांत होने में आपको मदद मिलेगी। यह स्थान घर या ऑफिस का हरा-भरा लॉन भी हो सकता है। जैसे ही आप बाहर की ताजगी का अनुभव करती हैं, स्थिति में सुधार महसूस कर सकती हैं। इससे आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
अपनी हथेलियों को एक साथ लायें। अपने अंगूठे को अपनी छाती पर टिका दें। प्रत्येक सांस छोड़ने के साथ अपने शरीर के एक हिस्से को आराम देने पर ध्यान केंद्रित करें। अपने माथे से शुरुआत करें। अपने गालों, अपने जॉ लाइन, गर्दन, कंधों आदि पर भी ध्यान दें।
यदि आपको लगता है कि आप अपना आपा खोने वाली हैं, तो सामने वाले व्यक्ति से कहें कि मौजूदा मुद्दे पर बात करने से पहले आपको स्थिति पर काबू पाने के लिए समय चाहिए। खुद को ही सिर्फ सही नहीं मानें। उस तरह की भावना को हावी न होने दें। दूसरे पक्ष को भी समझने की कोशिश करें। तनाव पर इस तरह से प्रतिक्रिया करें, जिस पर आप शर्मिंदा होने के बजाय बाद में गर्व महसूस कर सकें।
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