दोपहर का खाना खाने के बाद अक्सर लोगों को नींद के झोंके परेशान करने लगते हैं। धीरे धीरे आंखें बंद हो जाती है और हम नींद की छोटी सी झपकी ले लेतें हैं। कई बार आस पास के लोगों के लिए हंसी का भी पात्र बन जाते हैं। दरअसल, देर तक काम करने से शरीर में थकान का भी अनुभव होने लगता है। इसके चलते आप काम पर फोक्स नहीं कर पाते हैं और लेजी हो जाते हैं। खाने के बाद आने वाली सुस्ती का कनेक्शन फूड और माइंड दोनों से ही है। जानते हैं खाना खाने के बाद आने वाली सुस्ती (post meal laziness) के कारण और इससे बचने के उपाय भी।
इस बारे में बातचीत करते हुए मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने खाने के बाद नींद आने के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद शरीर में सेरोटोनिन हार्मोंन serotonin hormone) अधिक मात्रा में रिलीज होता है। जो आपके मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। इससे आपका मूड और स्लिप दोनों पर असर दिखता है। दरअसल, प्रोटीन रिच डाइट (Protein rich diet) लेने से बॉडी में ट्रिप्टोफैन बढ़ता है, जिससे लंच के बाद नींद के झोके आने लगते हैं।
अधिकतर लोग देर रात तक ऑफिस वर्क या एजॉयमेंट की वजह से जगे रहते हैं। इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है, जो उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते हैं, तो इसका असर आपके स्वस्थ्य के अलावा वर्क पर भी दिखने लगता है। ऐसे में नियमित तौर पर रात को पूरी नींद लें और सुबह समय से उठें। तो फिर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
कई बार हम अपनी मील में उन फूड्स को शामिल कर लेते हैं, जिससे सुस्ती और नींद की समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, अण्डा, पनीर, मीट, मछली और सोया बीन्स में ट्रिपटोफिन नाम का अमिनो एसिड पाया जाता है। जो शरीर में सेरोटॉनिन हार्मोन रिलीज़ करता है और वो बार बार आने वाली नींद की वजह बनने लगता है।
बहुत बार ज्यादा खाना खाने से भी सुस्ती और निद्रा बढ़ने लगती है। अधिक मात्रा में खाना डाइजेस्ट करने के लिए पाचनतंत्र में ब्लड की सप्लाई बढ़ जाती है। इसका असर मस्तिष्क पर पड़ता है और आप खुद को थके हुए महसूस करने लगते हैं।
अगर आप दिनभर में कुछ वक्त फिजिकल एक्टिविटी के लिए नहीं निकालती हैं, तो इससे आप दिनभर सुस्ती और आलस्य से घिरी रहती है। इस चीज़ का असर वर्क प्रोडक्टिविटी पर भी दिखने लगता है। समय पर काम पूरा न कर पाना और दिनभर चिंतित रहना इसका मुख्य कारण है।
एक बार में ज्यादा खाना खाकर ओवरइटिंग करने की जगह लंच को छोटी मील्स में डिवाइड कर लें। इससे पाचन में भी आसानी होगी और बार बार लगने वाली भूख से भी बचा जा सकता है। इससे नींद आने की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
साइकलिंग, स्विमिंग और रनिंग के अलावा कुछ वक्त एक्सरसाइज़ या योग के लिए निकालें। इससे आपका शरीर एक्टिव और एनर्जेटिक बना रहता है। आलस की समस्या हल हो जाती है और आप हर कार्य को लेकर उत्साहित रहते हैं।
बॉडी को हेल्दी बनाए रखने के लिए मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करे। इसके अलावा फ्राइड और स्पाइसी फूड को मील का हिस्सा न बनाएं। इससे आप खुद में लॉस ऑफ एनर्जी महसूस करते हैं। सभी पोषक तत्वों को उचित मात्रा में डाइट में एड करें।
अगर आप खाना खाने के बाद बैठ जाते हैं, तो इससे आप मोटापे और आलस्य दोनों का ही शिकार होने लगते हैं। ऐसे में खाना खाने के बाद कुछ देर के लिए टहलें और स्टैण्डिंग डेस्क पर वर्क करें। इससे आप एक्टिव बने रहते हैं और नींद की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।
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