खराब लाइफस्टाइल और खराब खानपान डायबिटीज का कारण बन सकता है। डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। हमारा शरीर काफी पहले से संकेत देने लगता है। पर ये संकेत इतने हल्के हो सकते हैं कि उन्हें आसानी से नोटिस नहीं किया जा सकता है।टाइप 1 डायबिटीज के साथ लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों या कुछ हफ़्तों में जल्दी दिखाई देते हैं। टाइप 2 डायबिटीज में तो पता ही नहीं चलता है। कुछ लोगों को तब तक पता नहीं चलता है जब तक उन्हें इस बीमारी के कारण होने वाले क्रोनिक नुकसान से समस्या न होने लगे। जानते हैं डायबिटीज होने के शुरुआती संकेत (Diabetes symbol) क्या हो सकते हैं?
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के शुरुआत में कुछ चेतावनी संकेत मिलने लगते हैं। शरीर आपके द्वारा खाए गए भोजन को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है। इसका उपयोग कोशिकायें ऊर्जा के लिए करती हैं। लेकिन कोशिकाओं को ग्लूकोज लेने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
शरीर पर्याप्त या बिल्कुल नहीं इंसुलिन बनाता है या कोशिकाएं शरीर द्वारा बनाए जाने वाले इंसुलिन का प्रतिरोध करती हैं, तो ग्लूकोज उनमें नहीं जा सकता है। आपके पास ऊर्जा भी नहीं होती है। इससे व्यक्ति को सामान्य से अधिक भूख और थकान हो सकती है।
ब्लड शुगर बढ़ने पर बार-बार पेशाब आना और अधिक प्यास लगना हो सकता है । आम तौर पर एक व्यक्ति को 24 घंटे में चार से सात बार पेशाब करना पड़ता है। डायबिटीज वाले लोगों को इससे ज़्यादा बार जाना पड़ सकता है। आम तौर पर शरीर किड्नी से गुज़रते समय ग्लूकोज को फिर से अवशोषित कर लेता है। जब डायबिटीज ब्लड शुगर को बढ़ाता है, तो किडनी इसे वापस लाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इससे शरीर अधिक यूरिन बनाता है। इसके लिए तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है। इसके परिणाम स्वरुप व्यक्ति को अधिक बार जाना पड़ता है। आप अधिक बार यूरिन भी पास कर सकती हैं। बहुत ज़्यादा पेशाब करने पर बहुत प्यास भी लग सकती है।
शरीर यूरिन करने के लिए तरल पदार्थों का उपयोग कर रहा है। इसलिए अन्य चीज़ों के लिए नमी कम हो जाती है। व्यक्ति डिहाइड्रेट हो सकता है। मुंह सूखा महसूस कर सकता है। स्किन ड्राई हो सकती है और खुजली भी हो सकती है।
शरीर में फ्लूइड में बदलाव से आंखों के लेंस सूज सकते हैं। आई बॉल का आकार बदल जाता है और व्यक्ति फ़ोकस नहीं कर पाता है।
लंबे समय तक ग्लूकोज लेवल हाई रहने पर ये लक्षण दिख सकते हैं
डायबिटीज से पीड़ित पुरुष और महिला दोनों को ये हो सकते हैं। यीस्ट ग्लूकोज पर पलता है। इसलिए इसके आसपास बहुत ज़्यादा होने से यह पनपता है। संक्रमण त्वचा की किसी भी गर्म और नम तह में पनप सकता है।
उंगलियों और पैर की उंगलियों के बीच संक्रमण
स्तनों के नीचे
यौन अंगों या उसके आस-पास
धीरे-धीरे ठीक होने वाले घाव या कट। समय के साथ, हाई ब्लड शुगर ब्लड फ्लो को प्रभावित कर सकता है। यह नर्व डैमेज का कारण बन सकता है। इससे शरीर के लिए घावों को ठीक करना मुश्किल हो जाता है।
आपके पैरों या टांगों में दर्द या सुन्नता। यह नर्व डैमेज का एक और परिणाम है।
अगर आपका शरीर भोजन से ऊर्जा प्राप्त नहीं कर सकता है, तो वह ऊर्जा के लिए मांसपेशियों और वसा को जलाना शुरू कर देगा। वजन कम हो सकता है।भले ही व्यक्ति ने अपने खाने के तरीके में कोई बदलाव न किया हो।
जब शरीर वसा जलाता है, तो यह कीटोन बनाता है। ये ब्लड में खतरनाक स्तर तक जमा हो सकते हैं। ये संभवतः जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थिति है, जिसे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस कहा जाता है। इससे पेट में दर्द, दस्त और उल्टी हो सकती है।
यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह के कोई संभावित लक्षण दिखाई देते हैं, तो वह अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर से संपर्क करे। जितनी जल्दी स्थिति का निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी उपचार शुरू हो सकता है। डायग्नोज होने के बाद ब्लड शुगर लेवल को स्थिर होने तक लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है। यदि आपको डायबिटीज के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो ब्लड शुगर की जांच तुरंत करवाएं।
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