गले के छालों से निजात दिलाएंगे एक्सपर्ट के बताए ये 7 घरेलू उपाय

सर्दी ही नहीं बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन भी गले में होने वाले दर्द की वजह हो सकते हैं। कभी– कभी ये गंभीर छालों के रूप में भी महसूस होने लगते हैं। पर आयुर्वेद में इनका भी उपचार है।
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गले में होने वाली खराश के लिए घरेलू उपाय। चित्र : शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Updated: 26 May 2022, 18:21 pm IST
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निगलने की कोशिश करते समय गले में तेज दर्द होना हमेशा सर्दी के कारण नहीं होता है। यह एक बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन भी हो सकता है। जिसके कारण गले में अल्सर (Throat ulcer) हो सकता है। इन इन्फेक्शंस के कारण एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दिक्कतें भी हो सकती हैं। पर क्या हैं इसके कारण (Causes of throat ulcer) और आप घर पर ही इनका उपचार (Throat ulcer home remedies) कैसे कर सकती हैं, आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।

पहले समझिए क्या हैं गले में होने वाले छाले

गले में होने वाले छाले, मुंह के छालों से अलग हैं। इनके होने पर आपको कुछ भी निगलने में परेशानी होने लगती है। ये समस्या आमतौर पर 4-5 दिनों तक जारी रहती है। निगलने में असुविधा, कान में तेज़ दर्द के साथ लाल और सूजे हुए घाव तक हो सकते हैं। जो खाने और बोलने को मुश्किल बनाते हैं। मेडिकल प्रोफेशनल सलाह देते हैं कि अगर यह समस्या 8-10 दिन तक चलती है, तो बिना देर किए फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।

क्या हैं गले में छाले या अल्सर के कारण

1 इम्यून सिस्टम का कमज़ोर होना गले में होने वाले छाले के प्रमुख कारणों में से एक है। अगर आपको हर्पीस की शिकायत है, तो भी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो सकती है। इसके वायरस मुंह और गले दोनों को संक्रमित कर सकते हैं।

2 एसिडिक फ़ूड जैसे अनानास, टमाटर, काली मिर्च आदि भी गले में होने वाले छालों के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।

3 एसिड रिफ्लक्स और पेट की अन्य समस्याएं

4 बी-कॉम्प्लेक्स की कमी, फोलिक एसिड की कमी, आयरन या अन्य किसी मिनिरल की शरीर में कमी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है।
5 एसिडिक फ़ूड कॉम्पोनेन्ट जैसे सिट्रस फ़ूड, विनेगर के साथ ही कैफीन और अल्कोहल वाली खाने- पीने की चीज़ें अधिक लेने से गले में अल्सर हो सकता है।

कब गंभीर हो सकते हैं लक्षण

गले के अल्सर के सामान्य लक्षणों में सांसों की दुर्गंध, खांसी, सांस लेने में कठिनाई होना, मवाद, गले में खराश और बोलने में कठिनाई होना शामिल हैं। कभी-कभी, गले में दर्द होना किसी जानलेवा बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए आपको बिना देर किए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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गले में होने वाला दर्द अगर गले के छालों की वजह से है तो तेल, मसाले और एसिडिक प्रॉपरटी वाले खाने से बचें। चित्र शटरस्टॉक।

घुटन महसूस होना, मेमोरी लॉस, फीवर, सांस की तकलीफ जैसे संकेतों पर नज़र रखें। इन सभी के लिए आपको तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। गले के अल्सर में गले का दर्द ही नहीं शरीर में दर्द, बुखार और ठंड लगना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

यहां हैं गले के छालों को दूर करने के 7 घरेलू उपचार

भले ही आपके गले में होने वाली खराश, असुविधा या छाले इतने गंभीर न हो कि पैनिक अलार्म सेट कर सकें, फिर भी यह परेशान तो करता ही है। जिससे आपकी नींद भी बाधित हो सकती है।

वैद्य यज्ञ दत्त शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय, खुर्जा के स्वास्थवृत्ता विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर पाण्डेय गले के छाले कम करने में मदद के लिए कुछ घरेलू व प्राकृतिक उपचार साझा कर रहे हैं :

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1 शहद और अदरक का रस

गले में खराश के लिए एक आम घरेलू इलाज में सबसे पुराना नुस्खा है शहद। जिसे ब्लैक टी के साथ मिला कर लिया जा सकता है। अध्ययनों से साबित होता है कि शहद रात भर की खांसी पर काबू पाने के साथ- साथ एक ऐन्टीबैक्टीरियल भी है, जिससे घाव भरने में मदद मिलती है। एक चम्मच अदरक के रस के साथ एक चम्मच शहद मिलाएं। बेहतर असर के लिए इस मिक्सचर को दिन में तीन बार लें।

2 नमक पानी से गरारे करना

नमक के पानी से गरारे करने से कफ की दिक्कत से निजात मिल सकती है। यह एंटी बैक्टीरियल है तो बैक्टीरिया के मरने से गले की खराश से भी राहत मिलेगी।

एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर घोल बनाएं, जिससे सूजन कम और गले को साफ किया जा सकता है। हर तीन घंटे में गरारा करें। नमक के पानी से गरारे करने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल करना ज़्यादा फायदेमंद रहेगा।

throat ulcer
गले में होने वाले अल्सर से छुटकारा पाने के लिए नमक पानी से गरारा करें

3 कैमोमाइल टी

कैमोमाइल चाय आपके गले की सिंकाई कर उसमें होने वाली इचिंग और दर्द के प्रभाव को शांत करती है। इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट और बिटर टेस्ट इसे गले के छाले को ठीक करने में प्रभावी बनाता है। इसका उपयोग लंबे समय से गले में खराश को कम करने के लिए किया जाता रहा है। गले में खराश सहित ठंड के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए कैमोमाइल स्टीम लेना भी लाभकारी है।

अध्ययनों की मानें तो यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करती है। कैमोमाइल टी को अपने टी टाइम रूटीन का हिस्सा बनाएं, तो थ्रोट अल्सर आपके आसपास भी नहीं फटकेगा।

4 बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा के साथ गरारे करने से भी गले में खराश को कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को मारता है और यीस्ट को पनपने ही नहीं बढ़ने से भी रोकता है।

इसके लिए आप 1 कप गर्म पानी, 1/4 टीस्पून बेकिंग सोडा, और 1/8 टीस्पून नमक से गरारे करने चाहिए और धीरे से कुल्ला करना चाहिए।

5 मेथी की चाय

मेथी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है पर क्या आपने मेथी की चाय के बारे में सुना है? अगर नहीं तो बता दें कि यह गले में खराश का एक प्राकृतिक उपचार है। इसमें मौजूद चिकित्सीय और एंटी-फंगल गुण गले के दर्द को कम कर सकते हैं और साथ ही जलन या सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को भी खत्म कर सकता है।

मेथी की चाय बनाने के लिए आप एक चम्मच मेथी दाने को एक कप पानी में पानी के आधा रह जाने तक उबालें। फिर छान कर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं और गर्म ही पिएं। इसे बीज के रूप में सेवन करें या मेथी की चाय बनाएं।

6 एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर बीमारियों से लड़ने में प्राकृतिक रूप से सक्षम है। इसका उपयोग गले में बलगम को जमा होने से रोकने के लिया किया जा सकता है। इसकी अम्लीय प्रकृति (acidic nature) के कारण इसका इस्तेमाल बैक्टीरिया के गले में फैलने से रोकने में मदद के लिए किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल के लिए एक कप पानी में 1 से 2 चम्मच ACV घोलें और हर घंटे इससे गरारे करें।

seb sirka gale ke chhalon ke liye faydemand hai
सेब सिरका गले के छालों के लिए फायेदमंद है। चित्र : शटरस्टॉक।

7 लहसुन

लहसुन में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जैसे कि एलिसिन, एक ऑर्गोसल्फर रसायन। इनमें प्राकृतिक रूप से संक्रमण-रोधी गुण होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से लहसुन की खुराक लेने से सामान्य सर्दी के वायरस की रोकथाम में मदद मिल सकती हैं। अपनी डाइट में ताजा लहसुन शामिल करने से आपको इसकी जीवाणुरोधी विशेषताओं के लाभ मिल सकते हैं।

ध्यान रखें

यदि तीन-चार दिनों के बाद भी अल्सर दूर नहीं होता है, या यदि अतिरिक्त लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि गले में दर्द, निगलने में कठिनाई, खराश, बुखार, ठंड लगना, पेशाब में कमी, सांस की तकलीफ या खून की उल्टी, तो बिना देर किए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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