अधिकतर लोग खान पान में लापरवाही बरतते है, जिसका असर आंतों के स्वास्थ्य पर दिखने लगता है। इसके चलते डाइजेशन सिस्टम डिस्टर्ब होने लगता है। दरअसल, असंतुलित पाचनतंत्र हमारे शरीर में कई समस्याओं का कारण बन जाता है। पेट के इंफेक्शन के अलावा थकान, सिरदर्द और नींद न आना इसके कुछ सामान्य लक्षण है। जानते हैं गट हेल्थ खराब होने के कुछ अन्य लक्षण और इससे बचने के उपाय भी (4 habits improve your gut health)।
इस बारे में बातचीत करते हुए मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि गट हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए बी कॉम्प्लेक्स (B complex) आवश्यक है। उनके मुताबिक इन दिनों लोग अधिकतर खाने में मैदा का इस्तेमाल करने लगते हैं। इससे बी कॉम्प्लेक्स ((B complex) )नहीं मिल पाता है। जो हमारे मेटाबॉलिज्म (metabolism) को स्लो बना देता है। गट को हेल्दी रखने के लिए फाइबर आवश्यक है। इसके अलावा फर्मेंटिड फूड को डाइट में शामिल करें। इससे बी काम्प्लेक्स (B complex) की प्राप्ति होती है। छाछ और मट्ठा लें और स्पाइसी खाने से बचें।
पेट में दर्द का अनुभव होना सामान्य है। इसके अलावा ब्लोटिंग, एसिडिटी और सीने में जलन की भी समस्या बनी रहती है। पेट में इंफेक्शन के चलते पाचन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ भी खाने के बाद एसिडिटी, उल्टी, दस्त या दर्द का अनुभव होने लगता है।
हर पल आप थकान का अनुभव करने लगते हैं। चलने फिरने में भी दिक्कत होने लगती है। किसी भी कार्य में पूरी तरह से पार्टिसिपेट नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा गट हेल्थ (Gut health) में गड़बड़ी के कारण सिरदर्द की शिकायत भी होने लगती है।
ऐसे में व्यक्ति को बार बार कुछ खाने की क्रेविंग होने लगती है। अनहेल्थी बैक्टीरिया बढ़ने के चलते मीठा खाने के लिए मन ललचाता है। अत्यधिक मीठे का अपनी डाइट में शामिल करने से वज़न बढ़ने की समस्या का भी खतरा बना रहता है। साथ ही ब्लड शुगर को भी प्रभावित करने लगता है।
गट हेल्थ की उचित देखभाल न कर पाने से शरीर में अर्थराइटिस, ऑस्टियोपिरोसिस और थायरॉइड जैसे ऑटो इम्यून डिज़ीज का खतरा बढ़ जाता है।
गट हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स को एड करें। इसके लिए छाछ और दही को दिन में एक बार डाइट में ज़रूर एड करें। इसके अलावा पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए फाइबर रिच फूड का सेवन भी आवश्यक है। अधिक तला भुना खाने से परहेज करें। इसके अलावा हेल्दी होम मेड ड्रिंक्स भी पीएं। इसके लिए डिटॉक्स वॉटर, जीरे का पानी और हर्बल टी को अपनी मील में शामिल करें।
एक बार में प्लेट भरकर खाना खाने की जगह आप मील को छोटे भागों में बांट लें। इससे आपको पाचन में आसानी मिलती है। साथ ही ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या भी हल होने लगती है। ऐसे में आप फलों, पेय पदार्थों और सब्जियों का पूर्ण रूप से सेवन कर सकते हैं।
दिनभर में घूंट घूंट कर पानी पीएं। इससे आपका शरीर कई प्रकार के संक्रमणों से बचा रहता है। इसके अलावा टॉक्सिक पदार्थ डिटॉक्स होने लगते हैं। इससे गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है। साथ ही शरीर में होने वाली निर्जलीकरण की समस्या हल हो जाती है।
अगर आप दिनभर में कुछ वक्त एक्सरसाइज के लिए निकालती है, तो इससे बॉडी पेन के अलावा पेट में होने वाली गड़बड़ी से भी राहत मिल जाती है। इसके लिए मॉडरेट एक्सरसाइज़ करें और कुछ देर योगाभ्यास व मेडिटेशन के लिए भी निकालें। इससे आपका शरीर एक्टिव और हेल्दी महसूस करने लगता है।
ये भी पढ़ें- Rising fever cases : भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं वायरल फीवर के मामले, जानिए इससे कैसे बचना है