इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम के कारण पेट में दर्द या बेचैनी होने लगती है। यह आंत की आदतों में बदलाव के साथ जुड़ा हुआ है। इसके कारण पेट में दर्द, उल्टी, पेट फूलना, नाभि के नीचे मरोड़, कब्ज आदि जैसी समस्या हो सकती है। इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम के कारण को डॉक्टर स्पष्ट रूप से नहीं बता पाते हैं। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ पेट में दर्द के कारण बनते हैं। आम तौर पर क्रूसिफेरस सब्ज़ियां जैसे कि ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, पत्तागोभी आदि को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।हालिया शोध बताते हैं कि रेड कैबेज जूस आईबीएस से राहत (red cabbage juice for IBS) दिला सकते हैं।
खाने के तुरंत बाद पेट में ऐंठन और उल्टी जैसा लगने लगता है। यह आईबीएस (IBS) के कुछ मुख्य लक्षण हैं। कोलन में अत्यधिक संकुचन, आंत के बैक्टीरिया का असंतुलन और फ़ूड इंटोलीरेन्स भी इसके कारण हो सकते हैं। इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) एक क्रोनिक स्थिति है, जो कुछ समय के लिए ठीक हो सकती है। यह दोबारा अचानक हो सकती है।
ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पत्तागोभी और फूलगोभी जैसी सब्ज़ियों में सल्फर की मात्रा अधिक होती है। ये सूजन और गैस का कारण बन सकती हैं। गाजर, पालक, शकरकंद, तोरी, हरी बीन्स, अजवाइन को पचाना आसान है। हालिया शोध बताते हैं कि कुछ क्रूसिफेरस सब्ज़ियां लक्षण को घटा सकती हैं। क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसके लक्षणों को कम करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंसेज में रेड कैबेज पर हाल में एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इसके अनुसार, लाल गोभी या रेड कैबेज दुनिया भर में उगाई और खाई जाती है। यह विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल और ग्लूकोसाइनोलेट्स जैसे प्लांट मेटाबोलाइट्स का स्रोत है।एनिमल मॉडल में लाल गोभी का सेवन ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकता है, और सूजन को कम कर सकता है।
इस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के लिए एक माउस मॉडल का उपयोग किया गया। इसमें देखा गया कि लाल पत्तागोभी का रस सूजन को कम कर सकता है, जो सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) का मुख्य कारण है।
शोधकर्ता इस पर औरअधिक शोध कर मनुष्यों के लिए उपयोगी बनाना चाहते हैं। वे इसकी भी संभावना तलाश रहे हैं कि लाल पत्तागोभी से दवा तैयार की जा सके, जो आईबीएस के मरीजों के लिए लाभदायक हो।
अध्ययन के प्रमुख और मिसौरी विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर सांतायाना राचागानी के अनुसार, रेड कैबेज का रस आंत के माइक्रोबायोम की संरचना में बदलाव लाता है। यह हेल्दी बैक्टीरिया की प्रचुरता को बढ़ाता है।
इससे स्मॉल चेन फैटी एसिड जैसे बैक्टीरिया के मेटाबोलाइट्स के उत्पादन में वृद्धि होती है, जो सूजन को कम करता है। रेड कैबेज के कारण रेगुलेटरी टी सेल्स लेवल में भी वृद्धि हुई। इससे आंत में स्वस्थ इम्यून बैलेंस को बढ़ावा मिला और आंत में सूजन कम हो गई।
इससे पहले भी फ़ूड एंड फंक्शन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि कैबेज के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं। इसलिए इस सब्जी का जूस पीने से IBS से पीड़ित लोगों को राहत मिलती है। गोभी के जूस का घुलनशील फाइबर प्रीबायोटिक होता है, जो पेट के अंदर रहने वाले हेल्दी बैक्टीरिया को पोषण देता है। इसका माइक्रोबायोम पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है।
न्यूट्रिएंट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, पत्तागोभी में मौजूद फोडमैप (FODMAPs) फ्रुक्टेन होते हैं। इनकी अधिक मात्रा लेने पर आईबीएस वाले लोगों में परेशानी हो सकती है। ये फ्रुक्टेन प्रीबायोटिक भी होते हैं। इनकी सही मात्रा लेने पर उनके लिए बहुत अच्छा (red cabbage juice for IBS) भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही आईबीएस के लिए पत्ता गोभी का जूस लेना चाहिए, ताकि सही मात्रा का पता चल सके।
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