गर्मी के मौसम में महिलाओं में यीस्ट संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं। योनि में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण खुजली और जलन होने लगती है। इसके कारण किसी भी महिला को अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। आज भी गांवों में गर्मी का मौसम आने पर महिलाएं अपने भोजन में तरह-तरह की चटनी का प्रयोग करने लगती हैं। मां कहती है कि ये चटनी पत्तियों या हर्ब से तैयार (chutney recipes to avoid vaginal infection) की जाती हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्व इन्फेक्शन से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं।
सेक्सुअल हेल्थ जर्नल के अनुसार, गर्म मौसम के कारण शरीर में यीस्ट तेजी से बढ़ते हैं। इनका बढ़ना बहुत हद तक स्वच्छता पर भी निर्भर करता है। इसलिए यीस्ट संक्रमण साल के किसी भी समय हो सकता है। यीस्ट योनि क्षेत्र में गर्म और नम वातावरण में पनपता है। गर्मी के दिन में शारीरिक गतिविधि से निकलने वाला पसीना, स्वीमिंग के बाद गीले स्विमसूट और टाइट पैंटी या नायलॉन अंडरवियर गर्म और नम वातावरण में योगदान देते हैं। ये यीस्ट को पनपने में मदद करते हैं।
नेचर जर्नल के अनुसार, अजवाइन या ऑरिगेनो मुख्य रूप से फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, थायमिन, आयरन, नियासिन से भरपूर होती हैं। इनकी पत्तियां बहुत अधिक तला हुआ भोजन खाने से उत्पन्न होने वाली गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों से राहत दिला सकती हैं। पाचन में सुधार कर इन्फेक्शन से भी राहत दिला सकती हैं। खाना खाने के बाद कुछ पत्तियां चबा सकती हैं।
कैसे तैयार करें चटनी
सामग्री : आजवाइन की कुछ पत्तियां, 1 स्पून लेमन जूस, 1 स्पून अलसी, 2 हरी मिर्च, स्वाद के अनुसार काला नमक।
इन सभी सामग्री को मिक्स कर लें। इन्हें ब्लेंडर की मदद से पीस लें।
न्यूट्रिएंट जर्नल के अनुसार, पत्थरचट्टा में प्रोटीन, कॉपर, ज़िंक, पोटेशियम, निकल, कैल्शियम, सोडियम, लेड और कैडमियम जैसे कई मैक्रो और माइक्रो पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें बायोएक्टिव कंपाउंड जैसे एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, ट्राइटरपेन्स और कार्डिएनोलाइड्स भी पाए जाते हैं। यह फंगस के विकास को रोक सकता है। इसलिए यूरीन इन्फेक्शन होने पर भी यह खाया जाता है। यह समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है।
कैसे तैयार करें चटनी
सामग्री : पत्थरचट्टा की कुछ पत्तियां, 1 स्पून लेमन जूस, 1 स्पून धनिया, 2 हरी मिर्च, स्वाद के अनुसार काला नमक।
इन सभी सामग्री को मिक्स कर लें। इन्हें ब्लेंडर की मदद से पीस लें।
अमरूद की पत्तियां कैल्शियम, पोटेशियम, सल्फर, सोडियम, आयरन, बोरॉन, मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन सी, विटामिन बी जैसे मिनरल का समृद्ध स्रोत हैं। ट्राइकोमोनिएसिस के कारण होने वाले योनि स्राव के इलाज में अमरूद की पत्ती को उबाल लिया जाता है। पानी ठंडा होने पर इससे योनि को धोया जाता है।
यह कैंडिडिआसिस सेल्स जो यीस्ट संक्रमण का कारण बनती हैं का उपचार करती है। यह घरेलू उपचार सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। अमरूद की जड़ों, पत्तियों और फलों का उपयोग पारंपरिक रूप से विभिन्न संक्रमणों को रोकने और उनका इलाज करने के लिए किया जाता रहा है।
कैसे तैयार करें चटनी
सामग्री : अमरुद की कुछ पत्तियां, 1 स्पून लेमन जूस, 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर , 2 हरी मिर्च, स्वाद के अनुसार काला नमक।
अमरुद की पत्तियों को उबाल लें। उबली हुई पत्ती और सभी सामग्री को मिक्स कर लें। इन्हें ब्लेंडर की मदद से पीस लें।
धनिया की पत्तियां विटामिन ए और विटामिन सी का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। धनिया की पत्तियों में डायटरी फाइबर, आयरन, मैंगनीज, कैल्शियम, विटामिन के, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
धनिया की पत्तियां और धनिया के बीज दोनों यीस्ट इन्फेक्शन के खिलाफ मदद कर सकते हैं।
कैसे तैयार करें चटनी
सामग्री : धनिया की कुछ पत्तियां, 1 स्पून लेमन जूस, 2 हरी मिर्च, स्वाद के अनुसार काला नमक।
धनिया की पत्ती और सभी सामग्री को मिक्स कर लें। इन्हें ब्लेंडर की मदद से पीस लें। यदि अधिक खट्टा पसंद करती हैं, तो इमली का 4-5 बूंद रस भी मिला सकती हैं।
एक सामान्य यीस्ट इन्फेक्शन कैंडिडा एल्बिकैंस की रोकथाम और उपचार में पुदीना एक पावरफुल हर्ब है।
पुदीने में डायटरी फाइबर के अलावा, विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम भी मौजूद होते हैं।
कैसे तैयार करें चटनी (chutney recipes to avoid vaginal infection)
सामग्री : पुदीने की कुछ पत्तियां, 1 कच्चा आम, 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर , 2 हरी मिर्च, स्वाद के अनुसार काला नमक।
पुदीने की पत्ती और सभी सामग्री को मिक्स कर लें। इन्हें ब्लेंडर की मदद से पीस लें।
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